सपा में पीडीए के लिए कोई जगह नहीं: मायावती
बोलीं- जाति विशेष को छोडक़र बाकी कठपुतली, माता प्रसाद पांडेय को नेता प्रतिपक्ष बनाने पर अखिलेश को घेरा
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बसपा प्रमुख ने कहा- पीडीए को गुमराह कर रही है समाजवादी पार्टी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने माता प्रसाद पांडेय को यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाने के बाद यूपी की सियासत गरमा गई हैं। इसी क्रम में बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने तीखा हमला किया है। बसपा सुप्रीमो ने सपा अध्यक्ष के फैसले पर नाखुशी जताते हुए पीडीए को गुमराह करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सपा में जाति विशेष को छोडक़र बाकी पीडीए के लिए कोई जगह नहीं है।
बसपा सुप्रीमो ने एक्स पर लिखा- सपा मुखिया ने लोकसभा आमचुनाव में खासकर संविधान बचाने की आड़ में यहां पीडीए को गुमराह करके उनका वोट तो जरूर ले लिया, लेकिन यूपी विधानसभा में प्रतिपक्ष का नेता बनाने में जो इनकी उपेक्षा की गई, यह भी सोचने की बात जबकि सपा में एक जाति विशेष को छोडक़र बाकी पीडीए के लिए कोई जगह नहीं। ज्ञात होकि आज यूपी विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो रहा है. इससे ठीक पहले सपा ने माता प्रसाद पांडेय को बड़ी जिम्मेदारी दी है। सपा की तरफ से माता प्रसाद पांडेय को नेता प्रतिपक्ष बनाया है। जबकि इस पद के लिए दलित चेहरे इंद्रजीत सरोज और चाचा शिवपाल सिंह यादव का नाम सबसे आगे था। सांसद बनने से पहले ये पद सपा चीफ अखिलेश यादव के पास था। माता प्रसाद पांडेय सिद्धार्थनगर की इटवा विधानसभा विधायक हैं।
ब्राह्मण समाज का सबसे ज्यादा विकास बसपा सरकार में
ब्राह्मण समाज की तो कतई नहीं क्योंकि सपा व भाजपा सरकार में जो इनका उत्पीडऩ व उपेक्षा हुई है वह किसी से छिपा नहीं। वास्तव में इनका विकास एवं उत्थान केवल बीएसपी सरकार में ही हुआ,अत: ये लोग जरूर सावधान रहें।
पूर्वांचल में सपा से जुड़ेंगे सवर्ण वोटर
दरअसल सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को सपा के वरिष्ठ नेता माता प्रसाद पांडेय को यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया है। सपा के कई नेता इसे बड़ा दांव मान रहे हैं। उनका कहना है कि इससे पूर्वांचल के ब्राह्मण वोटरों पर असर पड़ेगा और पीडीए के साथ सवर्ण वोट भी सपा के करीब आएगा। माता प्रसाद पांडे सपा के पुराने नेता रहे हैं, वो सपा अखिलेश यादव और उनके पिता मुलायम सिंह यादव के भी करीबी नेताओं में गिने जाते हैं।