संसद में जोरदार हंगामा विपक्ष व सत्ता पक्ष में रार

कांग्रेस अध्यक्ष पर अनुराग ठाकुर के आरोप को लेकर राज्यसभा में कोहराम

खरगे बोले : झुकूंगा नहीं, भाजपा सांसद माफी मांगे

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। राज्यसभा में गुरुवार को जमकर हंगामा हुआ। दरअसल, कांग्रेस ने लोकसभा में भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की ओर से राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर लगाए गए गंभीर आरोपों को निराधार बताया और सदन के नेता से स्पष्टीकरण की मांग की।
उन्होंने भाजपा सांसद से माफी मांगने को भी कहा। इस दौरान खरगे ने कहा, अगर भाजपा के लोग मुझे डराकर झुकाना चाहते हैं, मैं कभी नहीं झुकूंगा। मैं टूट जाऊंगा, लेकिन झुकूंगा नहीं। याद रखो, मैं डराने से डरने वाला नहीं।
खरगे ने कहा, कल अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में मुझ पर पूरी तरह से झूठे और निराधार आरोप लगाए। जब मेरे सहयोगियों ने उन्हें चेतावनी दी, तो उन्हें अपनी अपमानजनक टिप्पणी वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा, लेकिन तब तक नुकसान तो हो चुका था। उन्होंने यह भी कहा कि मैं आज खड़े होकर अनुराग ठाकुर के बेबुनियाद आरोपों की निंदा करने के लिए बाध्य हूं। मैं सदन के नेता से माफी की उम्मीद करता हूं। यह काम तो कम से कम सत्तारूढ़ पार्टी की ओर से किया जा सकता है। उसे इतना तो करना ही चाहिए।

मेरी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची
इस दौरान खरगे ने कहा कि अनुराग ठाकुर की ओर से मेरे खिलाफ लगाए गए आरोपों से मेरी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है। खरगे ने अनुराग ठाकुर से उनके खिलाफ लगाए गए बेबुनियाद आरोपों को साबित करने को कहा। उन्होंने कहा कि अगर आप अपने दावों को साबित नहीं कर सकते तो आपको संसद में आने का कोई अधिकार नहीं है। आप इस्तीफा दे दीजिए। इसके साथ ही अगर भाजपा सांसद आरोप साबित कर देते हैं तो वह इस्तीफा दे देंगे।

अनुराग ठाकुर ने ये कहा था
इससे पहले भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने बुधवार को लोकसभा में वक्फ विधेयक के विरोध को लेकर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि विधेयक कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति के ताबूत में आखिरी कील साबित होगा। उन्होंने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर मुस्लिम समुदाय के कल्याण के लिए बनी वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। उन्होंने दलों पर अपना राजनीतिक साम्राज्य बनाने के लिए इनके दोहन का आरोप लगाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि इन जमीनों का सही इस्तेमाल सुनिश्चित करने के बजाय कांग्रेस ने अपने चुनावी फायदे के लिए इन्हें वोट बैंक एटीएम में बदल दिया।

वक्फ बिल पर विपक्ष ने उठाए कई सवाल

भाजपा पर कांग्र्रेस, सपा व डीएमके ने किया प्रहार
विपक्षी नेताओं की मांग- प्रधानमंत्री मोदी वक्फ संशोधन विधेयक वापस ले
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
चेन्नई। विपक्ष ने इस विधेयक को लेकर कई आपत्तियां उठाईं. विपक्ष का कहना था कि यह वक्फ बोर्डों की स्वायत्तता में हस्तक्षेप करेगा और मुसलमानों के धार्मिक मामलों में सरकार का अतिक्रमण होगा. एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने विधेयक का विरोध किया और अपनी बात रखने के बाद अंत में विधेयक की प्रति फाड़ दी।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को वापस लेने की मांग की। उन्होंने दावा किया कि इस विधेयक से मुसलमानों के हितों को नुकसान पहुंचेगा।
वक्फ विधेयक राज्यसभा में पेश
वक्फ संशोधन विधेयक राज्यसभा में पेश कर दिया गया है। अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में बिल पेश कर अपना संबोधन शुरू कर दिया है।

मुस्लिम समुदाय के हितों को गंभीर नुकसान पहुंचेगा : एम के स्टालिन

स्टालिन ने कहा कि संविधान प्रत्येक नागरिक को अपने-अपने धर्म के पालन करने का अधिकार देता है और इसे (अधिकार को) बनाए रखना तथा उसकी रक्षा करना निर्वाचित सरकारों का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि वक्फ अधिनियम, 1995 में प्रस्तावित संशोधनों में अल्पसंख्यकों को दी गई संवैधानिक सुरक्षा को ध्यान में नहीं रखा गया है और इससे मुस्लिम समुदाय के हितों को गंभीर नुकसान पहुंचेगा। मुख्यमंत्री पहले ही वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध कर चुके हैं। उन्होंने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री से व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग की और रेखांकित किया कि कुछ दिन पहले तमिलनाडु विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र से विधेयक वापस लेने का आग्रह किया था। स्टालिन ने कहा कि मौजूदा वक्फ अधिनियम के प्रावधान समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं और वे वक्फ की संपत्तियों को सुरक्षा प्रदान करते हैं। उन्होंने दावा किया कि वक्फ अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और संरक्षण में वक्फ बोर्डों की शक्तियों और जिम्मेदारियों को कमजोर कर देंगे। मुख्यमंत्री ने यह दावा भी किया कि मौजूदा अधिनियम में बड़े पैमाने पर प्रस्तावित संशोधन इसकी मूल भावना को कमजोर करेंगे।

अमेरिकी टैरिफ को लेकर विपक्ष के निशाने पर मोदी सरकार

सरकार को अपनी रीढ़ विकसित करने और अमेरिका के सामने खड़ा होने की जरूरत : मनीष तिवारी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने अमेरिकी सरकार द्वारा भारत पर 26 प्रतिशत पारस्परिक टैरिफ लगाए जाने के बाद भाजपा नीत केंद्र सरकार की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि यह दोनों सरकारों के बीच चल रही वार्ता की पूर्ण को दर्शाता है। अपने हमलों को तेज करते हुए कांग्रेस सांसद ने कहा कि इस सरकार को अपनी रीढ़ विकसित करने और अमेरिका के सामने खड़ा होने की जरूरत है।
तिवारी ने कहा, यह अमेरिका और भारत सरकार के बीच चल रही वार्ता की पूर्ण विफलता को दर्शाता है। अमेरिका ने टैरिफ लगाया है, हमारे छात्रों को निष्कासित किया है और बिना किसी उकसावे के वीजा रद्द कर दिया है, और सरकार पूरी तरह चुप है… सरकार को हिम्मत दिखाने और अमेरिका के सामने खड़े होने की जरूरत है।

प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं : सुरजेवाला

कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने भी केंद्र की आलोचना की और मोदी सरकार से पारस्परिक शुल्क पर उनकी चुप्पी और निष्क्रियता पर सवाल उठाया। एक्स पर एक सोशल मीडिया पोस्ट में सुरजेवाला ने कहा, भारत पर अमेरिका द्वारा लगाया गया 27प्रतिशत शुल्क बुधवार, 3 अप्रैल, 2025 से प्रभावी है! इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार, फार्मास्यूटिकल्स, मशीनरी और कंप्यूटर, रसायन, परिधान, यार्न और कालीन, मछली, मांस और प्रसंस्कृत समुद्री भोजन, भगवान और आभूषण और कई अन्य क्षेत्र प्रभावित होंगे। मोदी सरकार कहाँ है? वित्त और वाणिज्य मंत्री कहाँ हैं? प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं? वे फिर से कार्रवाई में गायब क्यों हैं? ।

ट्रम्प ने भारत पर 26 प्रतिशत शुल्क लगाया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार (स्थानीय समय) को नए आयात शुल्क की घोषणा की, जिसमें दुनिया भर के देशों पर लगाए जाने वाले दरों की रूपरेखा बताई गई, जिसमें भारत पर 26 प्रतिशत शुल्क लगाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपना महान मित्र बताते हुए ट्रम्प ने कहा कि भारत अमेरिका से 52 प्रतिशत शुल्क लेता है, जबकि हम उनसे लगभग कुछ भी शुल्क नहीं लेते हैं। ट्रम्प ने यह घोषणा मेक अमेरिका वेल्थी अगेन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए की।

ममता सरकार को ’सुप्रीम‘ झटका

बंगाल में 25 हजार से ज्यादा स्कूल कर्मचारियों की रद्द हुई नौकरी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के 25 हजार से ज्यादा शिक्षकों/स्कूल कर्मचारियों को नौकरी रद्द कर दी है। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने इस बारे में पिछले साल आए हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराया है।
हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी. इसके अलावा भी इस मसले पर 120 से ज्यादा याचिकाएं दाखिल हुई थीं।
अप्रैल 2024 में दिए फैसले में हाई कोर्ट ने सभी नौकरियों को रद्द करते हुए इन लोगों से ब्याज समेत पूरा वेतन वसूलने के लिए भी कहा था। 25 हजार से ज्यादा भर्तियों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। अब सुप्रीम कोर्ट ने 3 महीने में नई भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के लिए कहा है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि जो पिछले उम्मीदवार बेदाग थे, उन्हें नई भर्ती प्रक्रिया में कुछ रियायत दी जा सकती है।

जो नौकरी कर रहे थे, उन्हें वेतन लौटाने की जरूरत नहीं : कोर्ट

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जो लोग नौकरी कर रहे थे, उन्हें वेतन लौटाने की जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 2016 में हुई पूरी नियुक्ति प्रक्रिया जोड़-तोड़ और धोखे से भरी थी। 2016 में स्टेट स्कूल सर्विस कमीशन के जरिए हुई भर्ती के लिए 23 लाख से ज्यादा लोगों ने परीक्षा दी थी।

मणिपुर में राष्ट्रपति शासन पर मंजूरी का प्रस्ताव पेश

संसद में 40 मिनट की चर्चा के बाद मंजूरी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 पर दिन भर चली मैराथन चर्चा के बाद मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की घोषणा पर लोकसभा में एक वैधानिक प्रस्ताव पेश किया। यह चर्चा 12 घंटे से अधिक समय तक चली।
शाह ने गुरुवार को सुबह करीब 2 बजे वैधानिक प्रस्ताव पेश किया, जिसके बाद चर्चा हुई। सदन ने 40 मिनट की चर्चा के बाद ध्वनि मत से प्रस्ताव पारित कर दिया, जिसमें आठ विपक्षी सांसदों ने बात की और शाह ने जवाब दिया।

लखनऊ में रियल एस्टेट कंपनी का बड़ा कारनामा

सैकड़ों कर्मचारियों का पैसा इन्वेस्टमेंट के नाम पर कंपनी ताला बंद करके हुई फरार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। लखनऊ के विभूति खंड थाना क्षेत्र में रियल एस्टेट कंपनी का बड़ा कारनामा सामने आया है। इसमें सैकड़ों कर्मचारियों का पैसा इन्वेस्ट के नाम पर कंपनी ताला बंद करके फरार हो गई है। उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों के साथ अन्य राज्यों से आए कर्मचारियों ने कंपनी मुख्यालय का घेराव किया।
मौके पर पुलिस पहुंची। वहां पर पीडि़तों ने लिखित में शिकायत की है। टाइम सिटी मल्टी स्टेट क्रेडिट कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी लिमिटेड एवं टाइम सिटी इंफ्रास्ट्रक्चर और हाउसिंग लिमिटेड के नाम पर सैकड़ो का निवेश कराया गया।
जब ग्राहक अपना पैसा लेने पहुंचे तो निवेशकों को कंपनी भुगतान नहीं दे रही है।

ये हैं आरोपी

कंपनी में अध्यक्ष दीपचंद शुक्ला, अरविंद कुमार पांडे डिप्टी डायरेक्टर,लोहरि डायरेक्टर , जीसी मौर्य डायरेक्टर, तृप्ति तिवारी डायरेक्टर और जेके तिवारी डायरेक्टर, इनके साथ और कई लोग मिलकर कंपनी के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपए ठगे।

निवेशकों के घर पर लगा रहे हैं चक्कर

अब निवेशकों के जरिए निवेश करने वाले लोग निवेशकों के घर पर चक्कर लगा रहे हैं। कर्मचारी लगातार कंपनी में लगा रहे हैं। कंपनी के लोग कर्मचारियों को ं धमकी दे रहे है।

कर्मचारियों को मिल रही धमकी

कंपनी के कर्मचारी जब आज कार्यालय पहुंचे ताला लगा मिला। कंपनी अब पैसा देने में टालमटोल कर रही है और धमकी भी दे रही है। कार्यकर्ता आर पार की लड़ाई लडऩे के लिए तैयार पुलिस में शिकायत के बाद सरकार से लगाई गुहार है।

ये हैं पीड़ित

आलोक श्रीवास्तव, एजेंट, राजेंद्र यादव, संतोष तिवारी प्रेम मोहन मौर्य अजय सिंह, दिवाकर पांडे।

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