मायावती बड़ी नेता, हमें उनका सम्मान करना चाहिए: अखिलेश
- सपा प्रमुख की नेताओं को नसीहत, बोले- भाजपा के धर्म संबंधित किसी मुद्दे में न फंसें
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। लोकसभा चुनावों में अब अधिक समय बाकी नहीं रह गया है। इसलिए अब सभी दल अपनी-अपनी रणनीतियों को तैयार करने में जुट गए हैं। इस बीच उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी भी लोकसभा चुनावों की तैयारियों में लग गई है। इस बीच पार्टी की ओर से ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि सपा अपने कई विधायकों को लोकसभा चुनाव में उतारेगी। यह संकेत खुद पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी पार्टी मुख्यालय पर हुई विधायकों की बैठक में दिए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को उतनी ही सीटें दी जाएंगी, जितने पर उसके पास जीतने वाले प्रत्याशी होंगे। इसके अलावा अपने नेताओं को अखिलेश ने बेरोजगारी और महंगाई सरीखे आमजन के मुद्दों पर ही केंद्रित रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि भाजपा के धर्म से संबंधित किसी मुद्दे में न फंसें। विधायकों से प्रत्याशियों के बारे में बंद लिफाफे में सुझाव भी लिए गए। अखिलेश ने विधायकों के साथ 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी रहे नेताओं को बुलाया था। इस समय इंडिया गठबंधन में सबसे ज्यादा पेंच फंसा है मायावती को गठबंधन में शामिल करने को लेकर। क्योंकि कांग्रेस ये चाह रही है कि मायावती को इंडिया गठबंधन का हिस्सा बनाया जाए। लेकिन सपा व अखिलेश यादव इसके लिए किसी भी कीमत पर तैयार नहीं आते हैं। मगर इस बैठक में अखिलेश यादव ने अपने नेताओं से कहा कि मायावती उम्र में हमसे बड़ी हैं। वे बड़ी नेता हैं और हम सबको उनका सम्मान करना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक बैठक में कई विधायकों ने स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयानों को लेकर शिकायत की। अखिलेश ने ऐसी बातें दोबारा न होने देने का आश्वासन दिया।
भाजपा नहीं लाई मेट्रो जैसी कोई योजना
अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश में समाजवादियों ने मेट्रो हर शहर में दी। 2017 से अभी तक 8.4 करोड़ लोगों ने मेट्रो में सफर किया है। इतनी बड़ी उपलब्धि भाजपा की किसी योजना की नहीं होगी। अखिलेश ने कहा कि सरकार हमारे विधायकों की सुरक्षा नहीं कर पा रही है। पहले जिन्हें सुरक्षा मिली थी, उसे भी वापस ले ली गई। हमारी मांग है कि किसी भी पार्टी का नेता अगर उसे सुरक्षा की आवश्यकता है, तो उसे तत्काल सुरक्षा मिलनी चाहिए।
वीएचपी के निमंत्रण को किया अस्वीकार
विश्व हिंदू परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष आलोक कुमार के उन्हें निमंत्रण देने के बयान पर अखिलेश यादव ने कहा कि मैं उनको (आलोक कुमार ) नहीं जानता हूं। निमंत्रण वह देते हैं, जो एक दूसरे को जानते हैं। मेरी कभी उनसे कोई मुलाकात नहीं हुई। जिसका परिचय एक-दूसरे का होता है, वही एक-दूसरे को व्यवहार देते हैं। दरअसल, विश्व हिंदू परिषद की ओर से आलोक कुमार सपा प्रमुख अखिलेश यादव को निमंत्रण देने गए थे।