राजनीति से प्रेरित है तुष्टीकरण का निर्णय: मायावती
आरएसएस की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों की भागीदारी पर प्रतिबंध हटाने पर भडक़ीं बसपा प्रमुख
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। बसपा प्रमुख मायावती ने एक बार फिर भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधा है। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आरएसएस की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों की भागीदारी पर प्रतिबंध हटाने के केंद्र के आदेश को संगठन को खुश करने के उद्देश्य से राजनीति से प्रेरित निर्णय बताया। उन्होंने आदेश को तत्काल वापस लेने की मांग की है।
मायावती ने सोशल मीडिया पर लिखा कि सरकारी कर्मचारियों को आरएसएस की शाखाओं में जाने पर 58 वर्ष से जारी प्रतिबंध को हटाने का केन्द्र का निर्णय देशहित से परे, राजनीति से प्रेरित संघ तुष्टीकरण का निर्णय है, ताकि सरकारी नीतियों व इनके अहंकारी रवैयों आदि को लेकर लोकसभा चुनाव के बाद दोनों के बीच तीव्र हुई तल्खी दूर हो।
सरकारी कर्मचारियों को जनकल्याण में काम करना चाहिए
पूर्व सीएम ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को संविधान व कानून के दायरे में रहकर निष्पक्षता के साथ जनहित व जनकल्याण में कार्य करना जरूरी होता है जबकि कई बार प्रतिबन्धित रहे आरएसएस की गतिविधियां काफी राजनीतिक ही नहीं बल्कि पार्टी विशेष के लिए चुनावी भी रही हैं। ऐसे में यह निर्णय अनुचित, तुरन्त वापस हो।
पिछले हफ्ते ही मोदी सरकार ने जारी किया था आदेश
बता दें कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले हफ्ते एक आदेश जारी कर आरएसएस की गतिविधियों में सरकारी अधिकारियों की भागीदारी पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया। सरकार के इस फैसले पर सियासत तेज हो गई है। विपक्ष सरकार के इस कदम की आलोचना कर रहा है। भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने भी आदेश का एक स्क्रीनशॉट साझा किया और कहा कि 58 साल पहले जारी एक असंवैधानिक निर्देश को मोदी सरकार ने वापस ले लिया है।