सुरक्षा के नाम पर जम्मू-कश्मीर वालों के संवैधानिक हक कुचले जा रहे: महबूबा

शत्रु एजेंट अध्यादेश के विरोध में आईं पीडीपी नेता

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
जम्मू। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शत्रु एजेंट अध्यादेश के विरोध में आवाज उठाई है। इसे लेकर महबूबा ने कहा कि जम्मू कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था की कीमत संवैधानिक अधिकारों और कानून के शासन को खत्म करके नहीं चुकाई जानी चाहिए। महबूबा मुफ्ती का यह बयान जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक आरआर स्वैन के रविवार को दिए गए एक बयान के बाद आई है, जिसमें स्वैन ने कहा है कि जो स्थानीय लोग विदेशी आतंकवादियों का समर्थन करते पाए जाएंगे, उनके खिलाफ शत्रु एजेंट अध्यादेश के तहत कार्रवाई की जाएगी। दरअसल, शत्रु एजेंट अध्यादेश को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम से अधिक कठोर माना जाता है। इसमें आजीवन कारावास या मृत्युदंड जैसी सजाएं शामिल हैं।
महबूबा मुफ्ती नेकहा, आतंकवादियों को बढ़ावा देने और उनकी सहायता करने के संदेह के आधार पर अपने ही नागरिकों के खिलाफ महाराजा के समय के क्रूर शत्रु अध्यादेश अधिनियम को लागू करने का जम्मू कश्मीर पुलिस का हालिया फैसला न केवल बेहद चिंताजनक है, बल्कि न्याय का एक बड़ा उल्लंघन भी है। उन्होंने आगे कहा, ये पुराने कानून मानवाधिकारों का उल्लंघन करते हैं और इसके साथ दी जाने वाली सज़ाएं संविधान में निहित न्याय के सिद्धांतों और मूल्यों के साथ पूरी तरह से असंगत हैं। सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए भारत सरकार का प्रयास संवैधानिक अधिकारों को कुचलने और कानून के शासन को खत्म करने की कीमत पर नहीं आना चाहिए।

भाजपा की नीति में कोई बदलाव नहीं : इल्तिजा

महबूबा की बेटी और उनकी मीडिया सलाहकार इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि इस तरह की कार्रवाइयों से पता चलता है कि कश्मीर के बारे में भाजपा की नीति में बहुत कम बदलाव होगा। इल्तिजा ने एक्स पर कहा, मियां कयूम को गिरफ्तार करने, जेके हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के चुनावों पर प्रतिबंध लगाने और जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा पूर्व महाराजा के जमाने के एक कठोर कानून को लागू करने का जम्मू-कश्मीर प्रशासन का हालिया फैसला आपको क्या बताता है अपना प्रचंड बहुमत खोने के बाद भी कश्मीर को लेकर भाजपा की नीति में कोई खास बदलाव नहीं होगा।

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