आधी रात लखनऊ की सड़कों पर उतरा जन सैलाब, ‘नेतन्याहू मुर्दाबाद’ से गूंजा शहर! 

लखनऊ में रविवार की आधी रात करीब 2 हजार लोगों ने इजराइल के खिलाफ प्रदर्शन किया... दरगाह हजरत अब्बास में इकट्ठा हुए शिया समुदाय...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ अपनी गंगा-जमुनी तहजीब….. और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए जाना जाता है……. यह शहर शिया समुदाय का एक महत्वपूर्ण केंद्र भी है…….. जहां हर साल मोहर्रम की तैयारियों के लिए बड़े आयोजन होते हैं…… रविवार 22 जून 2025 की आधी रात……. लखनऊ के दरगाह हजरत अब्बास में करीब 2,000 लोगों ने इजराइल के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया…….. इस प्रदर्शन में शिया समुदाय के लोगों ने इजराइल…….. और उसके प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ नारे लगाए……… साथ ही ईरान के समर्थन में आवाज बुलंद की……. यह प्रदर्शन ऑल इंडिया सेंटर बोर्ड ऑफ अजादारी इजलास 2025 के तहत हुआ…….. जिसमें 80 संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया……. इस आयोजन में मोहर्रम की तैयारियों के साथ-साथ ईरान-इजराइल युद्ध पर भी चर्चा हुई…….

दोस्तों 22 जून 2025 की आधी रात लखनऊ के दरगाह हजरत अब्बास में शिया समुदाय के करीब 2,000 लोग एकत्र हुए……. यह प्रदर्शन ऑल इंडिया सेंटर बोर्ड ऑफ अजादारी इजलास 2025 का हिस्सा था……. जो हर साल मोहर्रम से पहले आयोजित होता है…….. प्रदर्शनकारियों ने इजराइल मुर्दाबाद और नेतन्याहू मुर्दाबाद के नारे लगाए……. जिससे उनका गुस्सा साफ झलक रहा था……. मंच से मौलानाओं ने ईरान जिंदाबाद के नारे लगवाए……. और इजराइल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की……

आपको बता दें कि दरगाह हजरत अब्बास के प्रबंधक मीसम रिजवी ने बताया कि यह आयोजन हर साल मोहर्रम की तैयारियों के लिए होता है…….. इस बार मोहर्रम की रूपरेखा तैयार करने के साथ-साथ ईरान……. और इजराइल के बीच चल रहे युद्ध पर भी चर्चा हुई…… प्रदर्शन में शामिल लोगों ने इजराइल की नीतियों की कड़ी निंदा की……. और ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई के लिए दुआ की…….

मीसम रिजवी ने अपने बयान में कहा कि अमेरिका और इजराइल दोनों आतंकी देश हैं……… इजराइल को जब हार का डर सताने लगा……. तो वह अमेरिका के सामने गिड़गिड़ाने लगा…… अमेरिका का ईरान पर हमला इस बात का सबूत है कि इजराइल अब यह युद्ध हार रहा है……. नेतन्याहू को हार का डर सताने लगा है…… और उन्होंने आगे कहा कि इजराइल ने फिलिस्तीन और गाजा में हजारों निर्दोष लोगों का खून बहाया है…….. और ईरान उसी का बदला ले रहा है…….

बता दें कि मोहर्रम इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना है…….. और शिया समुदाय के लिए यह विशेष महत्व रखता है……. इस दौरान इमाम हुसैन की शहादत को याद किया जाता है……. जो करबला के युद्ध में शहीद हुए थे…… लखनऊ में मोहर्रम की तैयारियां बड़े पैमाने पर होती हैं…….. जिसमें जुलूस, मातम, और मजलिस शामिल होती हैं…… वहीं ऑल इंडिया सेंटर बोर्ड ऑफ अजादारी इजलास हर साल मोहर्रम से पहले विभिन्न संगठनों को एक मंच पर लाता है……. इस बार 80 संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया……. और मोहर्रम की तैयारियों पर विस्तृत चर्चा की……. मीसम रिजवी ने बताया कि इस आयोजन में जुलूस के रास्तों, सुरक्षा व्यवस्था और मजलिस के आयोजन पर विचार-विमर्श हुआ…….. साथ ही यह सुनिश्चित किया गया कि मोहर्रम के दौरान शांति और एकता बनी रहे………

ईरान और इजराइल के बीच तनाव की शुरुआत कई दशकों पुरानी है…… 1982 में लेबनान युद्ध के दौरान ईरान ने लेबनानी शिया……. और फिलिस्तीनी समूहों का समर्थन किया……. जिससे इजराइल के साथ उसका टकराव शुरू हुआ…….. हाल के वर्षों में ईरान का परमाणु कार्यक्रम इस तनाव का प्रमुख कारण बन गया है……… इजराइल का मानना है कि ईरान का परमाणु हथियार विकसित करना उसके अस्तित्व के लिए खतरा है…….

13 जून 2025 को इजराइल ने “ऑपरेशन राइजिंग लॉयन” के तहत ईरान के परमाणु……. और सैन्य ठिकानों पर हमले शुरू किए……. इन हमलों में ईरान के कई सैन्य कमांडर और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए……. जवाब में ईरान ने इजराइल के सैन्य ठिकानों…… और शहरों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए……. इस युद्ध में अब तक ईरान में 550 से 600 और इजराइल में 24 लोगों की मौत हो चुकी है…….

वहीं अमेरिका की इस युद्ध में एंट्री ने स्थिति को और कठिन कर दिया है…… अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर हमले किए……. ईरान ने इसे अपनी संप्रभुता पर हमला बताया…… और जवाबी कार्रवाई की धमकी दी….. वहीं लखनऊ में हुआ यह प्रदर्शन सिर्फ एक स्थानीय घटना नहीं है……. बल्कि यह वैश्विक स्तर पर ईरान-इजराइल युद्ध के प्रति शिया समुदाय की भावनाओं को दर्शाता है…… शिया समुदाय के लिए ईरान एक धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र है…….. और अयातुल्लाह अली खामेनेई को वे अपने धार्मिक नेता के रूप में देखते हैं…….

20 जून 2025 को लखनऊ में जुमे की नमाज के बाद भी इजराइल के खिलाफ प्रदर्शन हुआ था……. इस प्रदर्शन में शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जवाव ने भारत सरकार से ईरान का समर्थन करने की अपील की थी……. और उन्होंने कहा कि हमारा हिंदुस्तान अत्याचारियों का साथ दे रहा है…….. जिसके कारण हमें शर्मिंदगी हो रही है…… लखनऊ के प्रदर्शन में भी यही भावनाएं देखने को मिलीं……… प्रदर्शनकारियों ने इजराइल के झंडे जलाए…… और नेतन्याहू को “कातिल” कहा……. साथ ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तस्वीरें भी जलाई गई……. क्योंकि प्रदर्शनकारियों का मानना था कि अमेरिका इजराइल का समर्थन करके इस युद्ध को बढ़ावा दे रहा है……

आपको बता दें कि मीसम रिजवी ने अपने बयान में इजराइल और अमेरिका पर तीखा हमला बोला……. और उन्होंने कहा कि इजराइल ने गाजा और फिलिस्त में 70,000 से ज्यादा निर्दोश लोगों……. खासकर महिलाओं और बच्चों को मार डाला……. ईरान उसी खून का बदला ले रहा है…….. इजराइल चाहता है कि ईरान उसका गुलाम बन जाए…… लेकिन ईरान झुकने को तैयार नहीं है…… और उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इजराइल अब युद्ध हार रहा है…… और इसलिए उसने अमेरिका की मदद मांगी……. रिजवी ने कहा कि नेतन्याहू के बस की बात नहीं कि वह अकेले ईरान का मुकाबला कर सके……. अमेरिका का हमला इस बात का सबूत है कि इजराइल अब कमजोर पड़ गया है……

वहीं रिजवी ने ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खमेनेई की तारीफ की….. और कहा कि वे शिया समुदाय के लिए एक प्रेरणा हैं…… और उन्होंने प्रदर्शनकारियों से अपील की कि वे शांति बनाए रखें……. और मोहर्रम की तैयारियों में कोई कमी न आने दें…….शिया समुदाय का यह गुस्सा इजराइल की नीतियों……. खासकर गाजा और फिलिस्त में की गई कार्रवाइयों के खिलाफ है…… पिछले साल इजराइल ने गाजा पर कई हमले किए…….. जिनमें हजारों लोग मारे गए……… शिया समुदाय का मानना है कि ईरान इन हमलों का जवाब दे रहा है…… और क्षेत्र में इजराइल के प्रभाव को कम करने की कोशिश कर रहा है…….

बता दें कि लखनऊ में शिया समुदाय का यह प्रदर्शन उनकी एकता……. और धार्मिक भावनाओं को दर्शाता है…….. दरगाह हजरत अब्बास जैसे धार्मिक स्थल उनके लिए एक मंच प्रदान करते हैं……. जहां वे अपनी बात रख सकते हैं…… ईरान-इजराइल युद्ध में भारत का रुख उदासीन रहा है…… भारत ने दोनों पक्षों से संयम बरतने और बातचीत के जरिए समाधान निकालने की अपील की है……. हालांकि लखनऊ के प्रदर्शनकारियों ने भारत सरकार से ईरान का समर्थन करने की मांग की……… मौलाना कल्बे जवाव ने कहा कि भारत को अमेरिका और इजराइल का साथ नहीं देना चाहिए……

वहीं भारत के लिए यह युद्ध कई मायनों में महत्वपूर्ण है…… मध्य पूर्व में रहने वाले 1.34 करोड़ भारतीय प्रवासियों में से 66 फीसदी संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और अन्य खाड़ी देशों में रहते हैं……. इस क्षेत्र में तनाव बढ़ने से उनकी सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है……. वहीं लखनऊ में 22 जून 2025 की रात हुआ प्रदर्शन शिया समुदाय की भावनाओं और उनकी धार्मिक एकता का प्रतीक था……. यह प्रदर्शन न केवल इजराइल के खिलाफ उनके गुस्से को दर्शाता है……. बल्कि मोहर्रम की तैयारियों में उनकी सक्रियता को भी दिखाता है……. ईरान-इजराइल युद्ध ने इस आयोजन को एक वैश्विक संदर्भ दिया…….. जिसमें शिया समुदाय ने ईरान के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद की…..

 

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