दिल्ली से सटे हाईवे पर ट्रैफिक का संकट, सांसदों ने जताई चिंता
बैठक के दौरान कांग्रेस के एक सांसद ने सवाल किया कि हाईवे पर कई जगह ढाबा और रेस्टोरेंट संचालकों ने गैरकानूनी कट बना लिए हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा लगातार बना रहता है.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः संसद भवन में सोमवार को परिवहन, पर्यटन एवं संस्कृति मामलों की संसद की स्थायी समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हो गई। बैठक में दिल्ली से सटे हाईवे पर तेजी से बढ़ते ट्रैफिक और उससे निपटने के लिए रणनीति पर चर्चा की गई। बैठक में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के चेयरमैन, केंद्रीय परिवहन सचिव, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी समेत कई उच्चाधिकारी मौजूद रहे। सभी ने हाईवे पर ट्रैफिक की मौजूदा स्थिति और उससे जुड़े कारणों पर अपनी रिपोर्ट समिति के सामने रखी।
बताया जा रहा है कि बैठक में कई सांसदों ने दिल्ली और हरियाणा से आने वाले ट्रैफिक की बिगड़ती स्थिति पर गंभीर चिंता जाहिर की और इसको लेकर परिवहन मंत्रालय को ठोस सुझाव भी दिए. खासतौर पर दिल्ली को जोड़ने वाले हाईवे पर बेतरतीब ढंग से बने कट, अवैध पार्किंग और ढाबों की वजह से जाम की स्थिति उत्पन्न होने की बात कही गई जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है साथ ही हादसे होने का डर भी बना रहता है.
अवैध कट्स पर तुरंत कार्रवाई करने की मांग
बैठक के दौरान कांग्रेस के एक सांसद ने सवाल किया कि हाईवे पर कई जगह ढाबा और रेस्टोरेंट संचालकों ने गैरकानूनी कट बना लिए हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा लगातार बना रहता है. उन्होंने मांग की कि इन अवैध कट्स पर तुरंत कार्रवाई की जाए और इन्हें हटाया जाए.
कालिंदी कुंज स्थित MCD टोल प्लाजा को लेकर सुझाव
इसके साथ ही एक अहम सुझाव कालिंदी कुंज स्थित MCD टोल प्लाजा को लेकर भी आया. सांसदों ने बताया कि इस टोल पॉइंट की वजह से लंबा जाम लग जाता है, खासतौर पर पीक आवर में, जिसकी वजह से आने जाने में लोगों को काफी समय लगता है. सांसदों ने सुझाव दिया गया कि टोल कलेक्शन के लिए अलग लेन बनाई जाए जिससे यातायात प्रभावित न हो और लोगों परेशानी
से निजात मिले.
इसके अलावा बैठक में मौजूद हरियाणा और उत्तर प्रदेश के पुलिस अधिकारियों को ट्रैफिक नियंत्रण से जुड़े कई तकनीकी सुझाव दिए गए. वहीं कमेटी ने साफ किया कि दिल्ली से सटे हाईवे सिर्फ रास्ते नहीं बल्कि राष्ट्रीय राजधानी की जीवनरेखा हैं और इनका निर्बाध संचालन जरूरी है. बताया जा रहा है कि परिवहन मंत्रालय सांसदों के सवालों का जवाब लिखित रूप में देगी.



