राहुल गांधी को ‘थैंक्स’ कहने लगे पीएम के करीबी मंत्री, विदेशों में जासूसी के आरोप से मचा हड़कंप

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की विदेश में जासूसी कराई जा रही है। यह आरोप इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन सैम पित्रोदा ने लाइव कैमरों के सामने लगया है।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की विदेश में जासूसी कराई जा रही है। यह आरोप इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन सैम पित्रोदा ने लाइव कैमरों के सामने लगया है। उन्होंने साफ-साफ कहा है कि राहुल गांधी के विदेशी दौरों पर नजर रखी जा रही है।

भारतीय दूतावास के अधिकारी उन्हें फॉलो करते हैं और विदेशी नेताओं से उनकी मीटिंग्स को ब्लॉक करने की कोशिश करते हैं। एक ओर जहां सैम का ये भयंकर आरोप है तो वहीं दूसरी ओर राहुल गांधी के साथ देते हुए पीएम साहब के खास मंत्री दिखे हैं और उन्होंने सरेआम राहुल गांधी को थैंक यू कहा है। क्यों सैम पित्रोदा अचानक बड़ा और गंभीर आरोप लगा रहा है और इसके पीछे राहुल गांधी की जर्मनी यात्रा का कौन सा कनेक्शन है।

सैम पित्रोदा, जो राहुल गांधी के करीबी सलाहकार हैं और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के हेड, उन्होंने हाल ही में एक इंटरव्यू में यह दावा किया। उन्होंने कहा कि जब राहुल गांधी विदेश जाते हैं, तो भारतीय दूतावास के अधिकारी उनकी हर हरकत पर नजर रखते हैं। वे उन्हें ट्रैक करते हैं, फॉलो करते हैं, और यहां तक कि विदेशी नेताओं से उनकी मीटिंग्स को रोकने की कोशिश करते हैं। उदाहरण के लिए, जर्मनी में राहुल गांधी का दौरा हुआ था, जहां ग्लोबल प्रोग्रेसिव अलायंस की मीटिंग थी।

सैम पित्रोदा ने कहा कि वहां भी एम्बेसी वाले राहुल को फॉलो कर रहे थे। यह जासूसी नहीं तो और क्या है? वैसे ये कोई नई बात नहीं हैं बल्कि पहले भी केंद्र सरकार पर राहुल गांधी की जासूसी कराने के आरोप लग चुक हैं। याद कीजिए पेगासस स्पाईवेयर का मामला। साल 2021-2022 में खुलासा हुआ था कि इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप का स्पाईवेयर पेगासस भारत में इस्तेमाल हो रहा था। राहुल गांधी ने खुद दावा किया था कि उनके फोन में पेगासस डाला गया है।

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने विपक्षी नेताओं, पत्रकारों और एक्टिविस्ट्स की जासूसी करवाई। सुप्रीम कोर्ट ने जांच कमिटी बनाई, लेकिन क्या हुआ? जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया। केंद्र सरकार ने हमेशा इनकार किया, लेकिन आज तक जांच रिपोर्ट सामने नहीं आई है और अब इस नए आरोप ने फिर से हड़कंप मचा दिया है। सैम पित्रोदा ने कहा कि सरकार राहुल गांधी को विदेश में भी चौन से नहीं रहने देती। क्यों? क्योंकि राहुल गांधी भारत की समस्याओं को दुनिया के सामने रखते हैं। वे लोकतंत्र की बात करते हैं, किसानों की, युवाओं की, महिलाओं की समस्याओं पर बात करते हैं लेकिन सैम का आरोप है कि केंद्र सरकार को यह पसंद नहीं। वे चाहते हैं कि विपक्ष चुप रहे। अगर विपक्ष बोलता है, तो जासूसी, धमकी, या ईडी-सीबीआई जैसे हथियार इस्तेमाल करते हैं।

सैम पित्रोदा एक बड़े वैज्ञानिक और बिजनेसमैन हैं, जो अमेरिका में रहते हैं। वे राजीव गांधी के समय से कांग्रेस से जुड़े हैं। राहुल गांधी के मेंटर हैं। उन्होंने कहा कि राहुल के विदेशी दौरों में एम्बेसी वाले न सिर्फ फॉलो करते हैं, बल्कि मीटिंग्स कैंसल करवाते हैं।उनका दावा है कि जब राहुल जर्मनी गए, तो वहां ग्लोबल प्रोग्रेसिव अलायंस की मीटिंग थी। यह अलायंस जॉर्ज सोरोस से जुड़ा हुआ बताया जाता है लेकिन केंद्र सरकार इसे एंटी-इंडिया मानती है। क्यों? क्योंकि सोरोस ने भारत सरकार की कुछ नीतियों की आलोचना की है। यह भारत की इमेज को खराब कर रहा है।
वैसे भी पेगासस में भी इस तरह की बात सामने आई थी।

इंटरनेशनल मीडिया ने खुलासा किया कि भारत सरकार ने पेगासस खरीदा। राहुल गांधी, प्रशांत भूषण, कई पत्रकारों के फोन हैक हुए। सरकार ने कहा कि हमने नहीं किया। लेकिन जांच क्यों नहीं करवाई? क्योंकि सच्चाई सामने आ जाती। अब सैम पित्रोदा का आरोप वही पुरानी कहानी दोहरा रहा है। पूरे मामले को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी है। वैसे भी जैसे राहुल गांधी विदेश दौरों पर जाते है तुरंत की बीजेपी के प्रवक्ता प्रेस कॉन्फ्रेंस करके राहुल को देश विरोधी साबित करने कोशिश शुरु कर देते हैं साल 2023 में राहुल गांधी ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में स्पीच दी। वहां उन्होंने भारत में लोकतंत्र की स्थिति पर बात की।

सरकार ने इसे देशद्रोह कहा। ऐसे मामले कई बार आ चुके हैं।यह मुद्दा सिर्फ पॉलिटिक्स नहीं, राइट्स का है। संविधान कहता है दृ प्राइवेसी का अधिकार। लेकिन सरकार इसे तोड़ रही है। राहुल गांधी एक सांसद हैं, उनका हक है दुनिया घूमना, बात करना। लेकिन जासूसी कराना तो एक अपराध है। आईपीसी में जासूसी के खिलाफ कानून हैं। लेकिन कौन लागू करेगा? जब विदेशों में दूतावासों के अफसरों पर ही ये आरोप लग रहा है है।  पेगासस मामले में फोर्बिडन स्टोरीज और एमनेस्टी इंटरनेशनल ने रिपोर्ट दी थी कि भारत में 300 से ज्यादा लोगों टारगेट्स किया गया था। उसमें दावा किया जाता है कि राहुल गांधी का नाम था लेकिन सरकार का दावा था कि कुछ ऐसा नहीं हुआ था लेकिन पूरे मामले में रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं होने से आज तक कुछ साफ नहीं हो सका है और में सैम के आरोप पर कहीं न कहीं सवाल उठाते दिख रहे हैं।

ऐसे में एक ओर जहां राहुल गांधी की विदेशों में जासूसी कराने का आरोप लग रहा है तो वहीं दूसरी ओर राहुल गांधी के सपोर्ट में पीएम साहब के बहुत ही खास मंत्री अश्विनी वैष्णव खड़े हुए है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बीते सोमवार 22 दिसंबर 2025 को कर्नाटक की नई फॉक्सकॉन आईफोन मैनुफैक्चरिंग यूनिट पर बात की थी, जिसने दावा किया गया था कि केवल 8-9 महीने में 30,000 कर्मचारियों को नियुक्त किया है। इसके लिए राहुल गांधी ने एक रिपोर्ट शेयर करते हुए इसे भारत में रोजगार देने का मॉडल बताया था और अपने सोशल मीडिया पर इसका शेयर भी किया था . उनके इस पोस्ट के बाद अब केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उनका आभार जताया है।

राहुल गांधी ने अपनी पोस्ट में लिखा, कि महज 8-9 महीनों में 30,000 कर्मचारियों की भर्ती. यह भारत में फैक्ट्री बढ़ाने की अबतक की सबसे तेज प्रकिया है। उन्होंने लिखा, कि यह केवल एक आंकड़ा नहीं है. यह ट्रांसफॉर्मेटिव जॉब क्रिएशन है। इसे और भी प्रभावशाली बनाने वाली बात यह है कि इस यूनिट का नेतृत्व मुख्य रूप से महिलाएं कर रही हैं,जिनमें लगभग 80 प्रतिशत महिलाएं हैं, जिनमें से अधिकतर 19-24 साल की उम्र की हैं और कई महिलाओं के लिए यह उनकी पहली नौकरी है।

राहुल गांधी ने मैनुफैक्चरिंग यूनिट की तारीफ करते हुए आगे लिखा, कि कर्नाटक एक ऐसा इकोसिस्टम बनाकर मिसाल कायम कर रहा है जहां मैनुफैक्चरिंग इस पैमाने और स्पीड से बढ़ सकता है कि उन्होंने आगे लिखा कि यही वह भारत है जिसका हमें निर्माण करना है। राहुल गांधी के इस फेसबुक पोस्ट को लेकर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने एक्स हैंडल पर उन्हें धन्यवाद दिया। अश्विनी वैष्णव ने राहुल गांधी, पीएम मोदी के मेक इन इंडिया प्रोग्राम की सफलता को स्वीकार करने के लिए धन्यवाद.। जैसा कि आपने कहा है, पीएम के विजन को लागू करते हुए हम एक प्रोडक्टिव इकोनॉमी बनते जा रहे हैं।

जो राहुल गांधी ने रिपोर्ट शेयर की थी उसमें दावा कि गया था कि अगले साल जब प्रोडक्शन पीक पर होगा तब इस प्लांट में कुल 50,000 कर्मचारियों को रोजगार मिल सकता है. इसमें मुख्य रूप से युवा महिला कर्मचारियों के रहने के लिए 6 बड़े हॉस्टल बनाए गए हैं, जिनमें से कुछ पहले से ही चालू हैं और बाकियों में कंस्ट्रक्शन चल रहा है और राहुल गांधी ने इस पर खुशी जाहिर की थी और पूरे मामले पर अश्विनी वैष्णव भी उनके साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में साफ है कि जहां एक ओर सैम राहुल गांधी की विदेशों में जासूसी का आारोप लगा रहे हैं तो पीएम साहब के खास मंत्री राहुल गांधी को थैंक यू बोल रहे हैं हाालंकि अंदरखाने में यह है कि दोनों पीएम साहब के मंत्री उसको अपनी कार्रगुजारियों में शामिल कर रहे है जबकि राहुल गांधी का अपना दावा कर्नाटक सरकार को लेकर है। सवाल यह है कि क्या केंद्र सरकार सैम की बात को गंभीरता से लेगी या नहीं।

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