कृष्णानगर में महिला की गोली मारकर हत्या, बदमाश फरार

लखनऊ। राजधानी के कृष्णानगर थाना क्षेत्र में मंगलवार तड़के घर में घुसकर एक महिला की गोली मारकर हत्या कर दी गई। परिजनों ने जेल में बंद हिस्ट्रीशीटर ललित सोनकर पर हत्या कराने का आरोप लगाया है। पुलिस हत्यारोपियों की तलाश कर रही है। कृष्णानगर इंस्पेक्टर आलोक कुमार राय ने बताया कि भोला खेड़ा के रहने वाले सौजन्य सक्सेना ने मंगलवार तड़के सूचना दी कि उसके घर में घुसकर तीन लोगों ने उसकी बुआ मधुबाला (72) की सिर में गोली मारकर हत्या कर दी है। मौके पर पहुंची पुलिस ने छानबीन कर मधुबाला के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। मधुबाला के सिर पर गंभीर चोट थी। पुलिस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम से ही साफ होगा कि उनकी हत्या गोली या कोई भारी वस्तु मारकर की गई है। सौम्य सक्सेना के मुताबिक अमीनाबाद निवासी हिस्ट्रीशीटर ललित का मधुबाला के भतीजे सौजन्य शरण से कई सालों से विवाद चल रहा है। इससे पहले भी उसने उसको मारने की कोशिश की थी। पुलिस के मुताबिक मधुबाला सौजन्य की बुआ सास लगती हैं। दोनों का पुराना लेनदेन का विवाद है। सौजन्य के मुताबिक बदमाश छत के रास्ते घर में दाखिल हुए। उसके बाद बुआ के कमरे की कुंडी तोड़कर अंदर पहुंचे। उन्हें बुरी तरह से पीटने लगे। चीखपुकार सुनकर बचाने के लिए दौड़ने पर तमंचा से गोली मार दी। परिवार के लोगों को भी गोली मारने की धमकी दी। दूसरे कमरे में छिपकर अन्य लोगों ने जान बचाई। पुलिस के मुताबिक हीवेट रोड निवासी ललित सोनकर अमीनाबाद थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ सौजन्य ने जनवरी में भी धमकी देना का मुकदमा दर्ज कराया था।

महिलाओं के आरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची उत्तराखंड सरकार

देहरादून। राज्य की मूल निवासी महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण दिलाने के लिए प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दाखिल कर दी है। सुप्रीम कोर्ट में उत्तराखंड सरकार की एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड वंशजा शुक्ला ने एसएलपी दाखिल की है। उन्होंने इसकी पुष्टि की है। साथ ही विधि विभाग के परामर्श के बाद सरकार ने अध्यादेश लाने की भी तैयारी कर ली है। 12 अक्टूबर को होने वाली कैबिनेट की बैठक में अध्यादेश के प्रस्ताव को मंजूरी दी जा सकती है। नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य लोकसेवा आयोग की राज्य (सिविल) प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा में उत्तराखंड मूल की महिला अभ्यर्थियों को 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण देने वाले 2006 के शासनादेश पर रोक लगा दी थी। अदालत की रोक के बाद राज्य में विभिन्न पदों के लिए चल रही भर्ती में क्षैतिज आरक्षण को लेकर असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई। फैसले को लेकर पहले दिन से सरकार ने इसे उच्च अदालत में चुनौती देने के संकेत दे दिए थे। मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव ने भी इस संबंध में कार्मिक, न्याय और विधि विभाग से जुड़े अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल करने और अध्यादेश लाने की तैयारी के निर्देश दिए थे। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला कर लिया था। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में राज्य की एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड (एओआर) वंशजा शुक्ला के माध्यम से विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दाखिल की। एओआर शुक्ला के मुताबिक, याचिका दाखिल होने के बाद अब न्यायालय में आगे की कार्यवाही की जाएगी। राज्य सरकार महिलाओं के क्षैतिज आरक्षण के मामले में दाखिल की गई एसएलपी मामले में मजबूत पैरवी के लिए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का सहयोग ले सकती है। शासन स्तर पर इस संबंध में प्रयास शुरू हो गए हैं।

हमारी सरकार बनने पर पीजी तक शिक्षा मुफ्त देंगे: राजभर

लखनऊ। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि उत्तर प्रदेश में हमारी सरकार बनने पर बच्चों को स्कूल नहीं भेजने वाले को जेल में डाला जाएगा। वहीं स्नातकोत्तर तक शिक्षा मुफ्त की जाएगी। राजभर ने मिर्जापुर में कहा कि सरकारें बड़े उद्योगपतियों का एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज माफ कर सकती है तो गरीबों के घरेलू बिजली बिल भी माफ किया जाना चाहिए। उनकी पार्टी मुफ्त बिजली, नि:शुल्क व एक समान शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, निजी व सरकारी सभी अस्पतालों में सरकार के खर्च पर गरीबों व आम आदमी के इलाज के लिए लड़ाई लड़ रही है। इन मुद्दों पर जनता को जोड़ने के लिए पूरे प्रदेश में रैलियां कर रहे हैं। साथ ही देश व प्रदेश में जातीय जनगणना कराने की लड़ाई लड़ रहे हैं। इस आंदोलन से सरकारें दबाव में हैं। जनता इस मुद्दे पर जितनी जल्दी मुखर होगी, उतनी जल्दी इसे कराने में सफलता मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल में पहली बार राजनीति में समाज के पिछड़े लोगों की चर्चा हो रही है। अभी तक उनका उपयोग सियासी दल सिर्फ वोट के लिए करते रहे हैं। सावधान यात्रा इन लोगों को जगाने का काम कर रही है।

बालासाहेब के आदर्शों पर करेंगे काम: आदित्य ठाकरे

मुंबई। शिवसेना के उद्धव गुट को आखिरकार अंधेरी पूर्व विधानसभा उप चुनाव के लिए पार्टी का नया नाम और चुनाव चिन्ह दोनों ही मिल गया है। यह गुट फिलहाल राजनीतिक तौर पर शिवसेना (उद्धव बाला साहेब ठाकरे) के नाम जाना जाएगा। साथ ही इसका चुनाव चिह्न मशाल होगा। इस बीच उद्धव ठाकरे गुट ने नए चुनाव चिह्न और नई पार्टी के नाम के साथ एक पोस्टर जारी किया। पोस्टर जारी होने के बाद आदित्य ठाकरे ने कहा कि हमें उद्धव बालासाहेब ठाकरे नाम पर बेहद गर्व है, उन्हीं के आदर्शों पर काम करेंगे। आदित्य ने कहा कि मशाल ऐसी चीज है जिसे हम हर घर में गर्व के साथ ले जाएंगे। शिंदे गुट को अपनी पार्टी का नाम बालासाहेबबांची शिवसेना तो मिल गया है। चुनाव आयोग ने उन्हें फिर से तीन नए विकल्प मुहैया कराने के लिए कहा है। शिंदे गुट ने चुनाव आयोग को चुनाव चिह्न के लिए जो तीन विकल्प दिए थे, उनमें त्रिशूल, उगता सूरज व गदा था। इनमें से चुनाव आयोग ने त्रिशूल और गदा को धार्मिक जुड़ाव के आधार पर देने से मना कर दिया, जबकि उगता सूरज पहले से किसी राजनीतिक दल के पास होने के चलते नहीं दिया गया।

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