शिक्षा-रोजगार से लेकर राजनीतिक आरक्षण पर आए बिल, तेलंगाना में एमएलसी कविता ने उठाई मांग

नई दिल्ली। तेलंगाना कैबिनेट की बैठक आज यानी कि 6 मार्च को आयोजित होने वाली है. कैबिनेट बैठक में जाति जनगणना और बीसी कोटा और एससी वर्गीकरण सहित कई मुद्दों पर बातचीत होगी. सरकार 7 और 8 मार्च को जाति जनगणना और एससी वर्गीकरण को मंजूरी देने और बीसी कोटा और एससी वर्गीकरण के कानून बनाने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित करने की भी योजना बना रही है. इस बीच एमएलसी के कविता ने सरकार से एक बड़ी मांग कर दी है.
बीआरएस की एमएलसी के कविता ने कहा कि ओबीसी आरक्षण की मांग और सरकार के अनुसार 46 प्रतिशत राज्य में ओबीसी की आबादी है. हम चाहते हैं कि सरकार विधानसभा में 3 अलग-अलग बिल पेश करें. कविता लगातार सरकार पर दवाब बना रही हैं कि जो वादे सरकार ने चुनाव में किए हैं. उन्हें पूरा किया जाए.
के कविता ने कहा कि आज कैबिनेट मीटिंग में चर्चा हो रही है, इसलिए तेलंगाना सरकार से मेरी मांग है कि, 3 अलग-अलग बिल पेश करें, एक शिक्षा के लिए, एक रोजगार के लिए और एक ओबीसी के लिए राजनीतिक आरक्षण के लिए, अगर यह सरकार अपनी बात पर चलना चाहती है, तो मैं स्थानीय निकाय आरक्षण के लिए एक अलग बिल पेश करने की मांग करती हूं.जो 46 प्रतिशत आरक्षण के साथ हो.
बता दें कि जाति सर्वेक्षण के अनुसार, मुस्लिम अल्पसंख्यकों को छोडक़र, पिछड़ा वर्ग राज्य में सबसे बड़ा समूह है. तेलंगाना की कुल 3.70 करोड़ आबादी में 46.25 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग के लोग हैं. पिछड़ा वर्ग के बाद अनुसूचित जातियों की 17.43 प्रतिशत, अनुसूचित जनजातियों की 10.45 प्रतिशत, मुसलमानों के पिछड़े वर्ग की 10.08 प्रतिशत, अन्य जातियों की 13.31 प्रतिशत और मुसलमानों की अन्य जातियों की 2.48 प्रतिशत आबादी है

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