हैकिंग अलर्ट के मैसेज से सियासी पारा चढ़ा, निशाने पर आई मोदी सरकार

  • विपक्षी नेताओं के आईफोन पर आये सरकार-प्रायोजित हैकिंग से जुड़े चेतावनी संदेश
  • कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष ने लगाया जासूसी का आरोप
  • एप्पल बोला- वजह बताने की स्थिति में नहीं हैं हम

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। विपक्षी नेताओं के आईफोन पर आये हैकि ंग के चेतावनी से देश में सियासी पारा आसमान पर चढ़ गया है। पूरे विपक्ष ने इसे मोदी सरकार द्वारा निजता पर हमला बताते हुए इसकी जांच की मांग की है।
दरअसल विपक्ष की तरफ से मंगलवार सुबह दावा किया गया कि उनके फोन में सरकार-प्रायोजित हैकिंग से जुड़े चेतावनी संदेश आए। इस पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रें स भी की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में कई लोगों को ऐसे संदेश आए हैं। विपक्षी के सभी बड़े नेताओं ने कहा कि सरकार हम सबकी जासेसी करवा रही है। मैसेज पाने वालों में केसी वेणुगोपा, सुप्रिया श्रीनेत, पवन खेड़ा शामिल हैं। यहां गौर करने वाली बात ये है कि जितने भी विपक्षी नेताओं को अलर्ट भेजा गया है, वे सभी इंडिया गठबंधन का हिस्सा है, इनमें से कुछ नेता ऐसे हैं, जो सरकार की आलोचना करते रहे हैं।

युवाओं का ध्यान भटकाने की हो रही कोशिश : राहुल

भाजपा इस वक्त युवाओं का ध्यान भटकाने की कोशिश में है। राहुल ने कहा पहले मैं सोचता था कि सरकार में नंबर-1 प्रधानमंत्री हैं, दूसरे पर अदाणी और तीसरे पर अमित शाह हैं, लेकिन ये गलत है। सरकार में नंबर-1 अदाणी हैं, पीएम मोदी दूसरे नंबर पर हैं और अमित शाह तीसरे पर। राहुल ने कहा कि हिंदुस्तान की राजनीति हमें समझ आ गई है। बस ध्यान बंटाने की राजनीति हो रही है। कि देश की निगाह, विपक्ष की निगाह पिंजरे में बैठे हुए तोते की ओर न चली जाए। राहुल गांधी ने आगे कहा, जितनी टैपिंग करनी हो कर लो। मुझे फर्क नहीं पड़ता। अगर आपको मेरा फोन चाहिए तो मैं अपना फोन दे देता हूं आपको। कम लोग लड़ रहे हैं इसके खिलाफ। लेकिन हम डरने वाले लोग नहीं हैं, लडऩे वाले लोग हैं। हम पीछे नहीं हटेंगे।

हम कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं करते, झूठी चेतावनी हो सकती है : एप्पल

एप्पल की ओर से जारी बयान में कहा गया कि एप्पल ऐसा कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं करता है। हम किसी विशेष राज्य प्रायोजित हैकर की बात नहीं कर सकते, ये संभव है कि ऐप्पल की कुछ सूचनाएं झूठी चेतावनी हो सकती हैं, ऐसी सूचनाएं जारी करने की वजह बताने में हम असमर्थ हैं, वजह बताने से भविष्य में हैकर्स को बचने में मदद मिल सकती है।

एप्पल पर एफआईआर करें विपक्षी सांसद : रविशंकर

भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, ये क्या मैसेज है ये तो एपल ही करेगा। शशि थरूर जी खुद टेलीकॉम में रहे हैं वो खुद एपल से क्यों जवाब नही मांग लेते? केंद्र सरकार के खिलाफ लगाए जा रहे ये सभी आरोप निराधार हैं। फिर भी अगर उनको लगता है तो विपक्षी सांसदों को एपल के खिलाफ प्रोटेस्ट करना चाहिए अगर हिम्मत है तो एफआईरआर कर दें।

क्या गृह मंत्रालय करेगा जांच : थरूर

निजता हमारा मौलिक अधिकार है। इस तरह के एलर्ट की जांच क्या गृहमंत्रालय करेगा। उन 495 लोगों से क्षमा याचना जिन्होंने मूल पोस्ट को आरटी किया था। आपमें से कई लोगों ने मुझसे संवेदनशील जानकारी को संशोधित करने का आग्रह किया था, लेकिन मैंने देर से ऐसा किया।

आरक्षण की आग से और जल उठा महाराष्ट्र, बीड में लगा कफ्र्यू

  • इंटरनेट बंद, जालना में 3 लोगों ने सुसाइड की कोशिश की
  • विपक्ष ने एकनाथ शिंदे पर लगाया अनदेखी का आरोप

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बीड। महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण हिंसक हो गया है। बीड और माजलगांव के बाद मंगलवार सुबह उमरगा कस्बे के नजदीक तुरोरी गांव में भी आगजनी हुई। यहां प्रदर्शनकारियों ने कर्नाटक डिपो की एक बस में आग लगा दी। इस प्रदर्शन के बाद सीएम एकनाथ विपक्ष के निशाने पर आ गए है। कांगे्रस व उद्धवगुट शिवसेना ने कहा है कि सरकार जानबूझकर मामले को शांत नहीं करना चाहती है।
इस आंदोलन से सबसे ज्यादा प्रभावित बीड शहर के बाद उस्मानाबाद में भी प्रशासन ने कफ्र्यू लगा दिया है। बीड में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। जालना में तीन लोगों ने सुसाइड की कोशिश की।

अध्यादेश ला सकती है शिंदे सरकार

मराठा कैबिनेट उपसमिति की बैठक सोमवार को हुई। बैठक के बाद सीएम शिंदे ने कहा कि जस्टिस संदीप शिंदे कमेटी की रिपोर्ट स्वीकार कर ली गई है। इसे मंगलवार को कैबिनेट में रखा जाएगा। सबूतों से पता चलता है कि कुछ मराठा परिवारों को ही आरक्षण मिलेगा। कमेटी ने अब तक 1.73 करोड़ दस्तावेज जांचे हैं। इनमें कुनबी के 11,530 रिकॉर्ड मिले हैं, जिनके पास कुनबी के साक्ष्य होंगे, उन्हें तुरंत आरक्षण प्रमाण पत्र जारी करेंगे। अनशन पर बैठे मनोज जारांगे ने कहा कि आंशिक आरक्षण स्वीकार नहीं करेंगे। सबको आरक्षण मिले। राज्य सरकार ने ओबीसी के तहत मराठाओं को 16प्रतिशत आरक्षण दिया था।

चंद्रबाबू नायडू को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, सशर्त जमानत

  • 24 नवंबर को करना होगा आत्मसमर्पण

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
अमरावती। आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उन्हें कौशल विकास घोटाले मामले में चार हफ्तों की अंतरिम जमानत दे दी है। कोर्ट ने चंद्रबाबू नायडू को 24 नवंबर तक के लिए सशर्त जमानत दी है। कोर्ट की ओर से जारी जमानत के आदेश में नायडू को निर्देश दिए गए हैं कि उन्हें चार हफ्तों बाद (24 नवंबर) को आत्मसमर्पण करना होगा। मामले में कोर्ट मुख्य जमानत याचिका पर 10 नवंबर को सुनवाई करेगी। साथ ही निर्देश है कि नायडू चिकित्सीय जांच के लिए सिर्फ अस्पताल जा सकते हैं। इसके अलावा उन्हें किसी भी अन्य कार्यक्रम में जाने की अनुमति नहीं होगी। हाई कोर्ट ने चंद्रबाबू नायडू को मीडिया और राजनीतिक गतिविधियों में भी हिस्सा न लेने का आदेश दिया है। गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को राज्य के कौशल विकास निगम से जुड़े कथित 371 करोड़ रुपये के घोटाले के सिलसिले में 10 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। तब से वह राजमुंदरी सेंट्रल जेल में न्यायिक हिरासत में हैं।

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