गुजरात में ₹71 करोड़ का मनरेगा घोटाला, मोदी–शाह भी शामिल?

गुजरात के दाहोद जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम योजना के तहत हुए 71 करोड़ रुपये के कथित घोटाले ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः गुजरात के दाहोद जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम योजना के तहत हुए 71 करोड़ रुपये के कथित घोटाले ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है…… इस मामले में गुजरात सरकार में कृषि और पंचायती राज राज्य मंत्री बच्चूभाई खाबड़ के दोनों बेटों….. बलवंत खाबड़ और किरण खाबड़, साथ ही उनके भतीजे दिलीप चौहान की गिरफ्तारी हुई है……. इस घोटाले ने न केवल स्थानीय प्रशासन पर सवाल उठाए हैं……. बल्कि विपक्षी दलों और सोशल मीडिया पर यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि क्या इस घोटाले में बड़े नेताओं, विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी….. और गृह मंत्री अमित शाह की कोई भूमिका है….. साथ ही यह सवाल भी उठ रहा है कि इस मामले की जांच अभी तक प्रवर्तन निदेशालय या केंद्रीय जांच ब्यूरो को क्यों नहीं सौंपी गई……

बता दें कि यह घोटाला दाहोद जिले में 2021 से 2025 के बीच मनरेगा योजना के तहत सड़क निर्माण कार्यों में अनियमितताओं से संबंधित है…… जिला ग्रामीण विकास प्राधिकरण के निदेशक बीएम पटेल की शिकायत के बाद 24 अप्रैल 2025 को दर्ज प्राथमिकी में खुलासा हुआ कि 28 अनधिकृत एजेंसियों को बिना उचित निविदा प्रक्रिया के देवगढ़ बारिया में 60.90 करोड़ रुपये और धनपुर में 10.10 करोड़ रुपये के ठेके दिए गए……. जांच में पता चला कि कई सड़कें केवल कागजों पर बनाई गईं….. और फर्जी सप्लाई फर्मों को करोड़ों रुपये का भुगतान किया गया…..

पुलिस जांच के अनुसार बच्चूभाई खाबड़ के बेटों—बलवंत और किरण का संबंध ‘श्री राज ट्रेडर्स’ और ‘श्री राज कंस्ट्रक्शन कंपनी’ जैसी फर्मों से था……. जिन्हें बिना टेंडर के 30.04 करोड़ रुपये और 82 लाख रुपये का भुगतान किया गया…… कुल घोटाले की राशि का लगभग 40 फीसदी हिस्सा इन दोनों भाइयों से जुड़ी फर्मों को मिला…… वहीं इस मामले में अब तक 10 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है…… जिसमें किरण खाबड़ को 20 मई 2025 को वडोदरा-हलोल राजमार्ग पर गिरफ्तार किया गया…..

इस घोटाले ने विपक्षी दलों खासकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को बीजेपी सरकार पर हमला बोलने का मौका दिया है……. कांग्रेस ने इसे ‘गुजरात का भ्रष्टाचार मॉडल’ करार देते हुए दावा किया है कि बच्चूभाई खाबड़ के करीबी रिश्ते नरेंद्र मोदी के साथ हैं….. और गुजरात में कोई भी बड़ा निर्णय उनकी या अमित शाह की अनुमति के बिना नहीं होता…… सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कई पोस्ट्स में इस तरह के दावे सामने आए हैं…… जिसमें कहा गया कि जहां मोदी और शाह, वहां जांच समिति बने रिश्वत का जरिया…..

आपको बता दें कि आप नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि गुजरात में हुए भ्रष्टाचार में नरेंद्र मोदी और अमित शाह भी शामिल है….. वहीं एक तरफ़ पंजाब में भगवंत मान जी को जैसे ही मालूम हुआ कि उनका एक विधायक भ्रष्टाचार में शामिल है….. तो उन्होंने उसे गिरफ्तार करवा दिया….. वहीं गुजरात में BJP के मंत्री जी के बेटे ₹71 करोड़ लूटकर ले गए लेकिन मंत्री जी पद पर बने हुए हैं….. गुजरात सरकार में मोदी जी और अमित शाह की अनुमति के बिना कुछ नहीं होता है….. तो क्या इस घोटाले में वह ख़ुद भी शामिल हैं…. और इस मामले की जांच अभी तक ED-CBI को क्यों नहीं दी गई…..

कांग्रेस के गुजरात अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद शक्तिसिंह गोहिल ने कहा, “यह घोटाला गरीब मजदूरों के हक को लूटने की साजिश है…… बीजेपी के मंत्री के बेटों ने करोड़ों रुपये डकार लिए….. लेकिन मंत्री अभी भी अपने पद पर बने हुए हैं…… यह गुजरात मॉडल की सच्चाई है…… आप नेता अरविंद केजरीवाल ने भी X पर एक पोस्ट में बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि गुजरात में फर्जीवाड़े का मॉडल चल रहा है……. पहले फर्जी पीएमओ अधिकारी, फर्जी जज, और अब मनरेगा घोटाला……. क्या यह सब मोदी और शाह की नाक के नीचे बिना उनकी जानकारी के हो सकता है………

हालांकि इन आरोपों का कोई ठोस सबूत अभी तक सामने नहीं आया है…… नरेंद्र मोदी और अमित शाह की संलिप्तता के दावे मुख्य रूप से विपक्षी दलों और सोशल मीडिया पर आधारित हैं…… और इन्हें सत्यापित नहीं किया जा सका…… बीजेपी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे विपक्ष की राजनीतिक साजिश बताया है….. बता दें कि विपक्ष ने इस मामले की तुलना पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार के साथ की है……. जहां मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपने एक विधायक पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते ही तत्काल कार्रवाई की……. सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने इस अंतर को उजागर करते हुए कहा कि पंजाब में जहां भ्रष्टाचार के खिलाफ त्वरित कार्रवाई हुई……. वहीं गुजरात में बच्चूभाई खाबड़ अभी भी अपने पद पर बने हुए हैं….. और इस मामले की जांच केंद्रीय एजेंसियों को नहीं सौंपी गई…..

वहीं यह तुलना राजनीतिक बहस का केंद्र बन गई है…… विपक्ष का तर्क है कि बीजेपी भ्रष्टाचार के मामलों में अपने नेताओं को बचाने की कोशिश करती है…….. जबकि आप और कांग्रेस जैसे दल त्वरित कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध हैं…… हालांकि यह ध्यान देना जरूरी है कि दोनों मामलों की प्रकृति और परिस्थितियां अलग हो सकती हैं…… और इस तरह की तुलना पूरी तरह से तथ्यात्मक नहीं हो सकती…..

आपको बता दें कि इस घोटाले की जांच अभी तक स्थानीय पुलिस….. और जिला प्रशासन तक सीमित है……. जिसके कारण विपक्ष ने सवाल उठाया है कि इसे ईडी या सीबीआई को क्यों नहीं सौंपा गया…… गुजरात में हाल के वर्षों में कई मामलों में केंद्रीय एजेंसियों की सक्रियता देखी गई है…… जैसे कि गुजरात समाचार अखबार के मालिक बाहुबली शाह की गिरफ्तारी…… जिसे विपक्ष ने राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया था….. विपक्ष का तर्क है कि अगर बीजेपी सरकार वाकई भ्रष्टाचार के खिलाफ गंभीर है…… तो इस मामले की जांच स्वतंत्र और केंद्रीय एजेंसियों को सौंपी जानी चाहिए…… कांग्रेस नेता जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि जब गुजरात समाचार जैसे मीडिया हाउस पर ईडी की छापेमारी हो सकती है……. तो बीजेपी के अपने मंत्री के बेटों के मामले में जांच क्यों नहीं हो रही……

दूसरी ओर बीजेपी का कहना है कि स्थानीय पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है……. और गिरफ्तारियां इस बात का सबूत हैं कि सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई कर रही है….. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि विपक्ष बेवजह इस मामले को राजनीतिक रंग दे रहा है……. जांच चल रही है…… और दोषियों को सजा मिलेगी…… गुजरात में भ्रष्टाचार के आरोप बीजेपी शासन के दौरान पहले भी सामने आए हैं…… 2018 में पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जैसे मामलों ने राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरी थीं……. इसके अलावा 2024 में गोधरा में नीट परीक्षा में नकल का मामला…… और भर्ती घोटाले जैसे प्रकरणों ने भी गुजरात की छवि पर सवाल उठाए हैं…… विपक्ष ने इन मामलों को ‘गुजरात मॉडल’ का हिस्सा बताते हुए बीजेपी पर भ्रष्टाचार को संरक्षण देने का आरोप लगाया है…..

बच्चूभाई खाबड़ ने अपने बेटों के खिलाफ लगे आरोपों पर सार्वजनिक रूप से कोई बयान नहीं दिया है…… हालांकि बीजेपी के कुछ नेताओं ने दावा किया है कि यह मामला व्यक्तिगत है…… और मंत्री को इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता….. दूसरी ओर विपक्ष का कहना है कि बच्चूभाई को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए…… क्योंकि उनके परिवार की संलिप्तता ने सरकार की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं……

 

 

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