मुसलमानों के साबित करनी होगी देशभक्ति, ऑपरेशन सिन्दूर और नफरत की राजनीति!
भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 नागरिकों की हत्या के बाद 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः ऑपरेशन सिन्दूर जिसे भारतीय सेना ने मई 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया था….. जिसने न केवल भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को बढ़ाया…… बल्कि देश के भीतर एक नई सियासी जंग को भी जन्म दिया…… इस सैन्य कार्रवाई को लेकर भारतीय जनता पार्टी और विपक्ष……. खासकर कांग्रेस के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिल रही है……. बीजेपी ने इस ऑपरेशन को अपनी राजनीतिक इच्छाशक्ति…… और राष्ट्रीय स्वाभिमान की जीत के रूप में पेश किया……. वहीं कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगा रहे हैं….. इस बीच गुजरात में सोशल मीडिया पर “देशविरोधी” पोस्ट को लेकर दर्ज की गईं…… FIR और मुस्लिम नेताओं पर देशभक्ति साबित करने का कथित दबाव इस विवाद को और गहरा रहा है…… सवाल यह है कि क्या ऑपरेशन सिन्दूर के बहाने नफरत की राजनीति को बढ़ावा दिया जा रहा है…… और क्या गुजरात में सच्चाई को दबाने की कोशिश हो रही है……
ऑपरेशन सिन्दूर को भारतीय सेना ने 6-7 मई 2025 की रात को शुरू किया था…… जिसके तहत पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया……. इस कार्रवाई में 100 से ज्यादा आतंकियों के मारे जाने की खबर आई……. और भारतीय वायुसेना ने S-400 सुदर्शन चक्र जैसे उन्नत हथियारों का इस्तेमाल कर पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम को निष्क्रिय कर दिया……. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसे पहलगाम हमले का संतुलित जवाब बताया……. जिसमें 26 लोग मारे गए थे…… वहीं इस ऑपरेशन को लेकर देश में अभूतपूर्व राजनीतिक एकजुटता देखने को मिली…… जिसमें कांग्रेस, AIMIM, NCP और अन्य दलों ने सरकार और सेना की सराहना की……
हालांकि, यह एकजुटता जल्द ही सियासी खींचतान में बदल गई……. बीजेपी ने ऑपरेशन सिन्दूर को अपनी ताकत और “आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस” नीति का प्रतीक बनाकर पेश किया……. पार्टी ने 31 सेकंड का एक वीडियो जारी किया…… जिसमें भारत की मिसाइलों की सटीकता को पाकिस्तान की विफलता के सामने दिखाया गया…… इसके साथ ही, बीजेपी ने देशभर में तिरंगा यात्रा शुरू करने की घोषणा की……. जिसका मकसद जनता को यह बताना था कि ऑपरेशन सिन्दूर ने राष्ट्रीय स्वाभिमान को मजबूत किया…… इस अभियान की जिम्मेदारी संबित पात्रा……. विनोद तावड़े और तरुण चुग जैसे नेताओं को सौंपी गई…..
विपक्ष खासकर कांग्रेस ने बीजेपी पर इस सैन्य कार्रवाई को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाया……. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केवल NDA शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाकर ऑपरेशन सिन्दूर का पॉलिटिकल माइलेज लेने की कोशिश की….. और उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी ने रेलवे टिकटों पर पीएम मोदी की तस्वीर के साथ ऑपरेशन सिन्दूर का प्रचार कर सेना के पराक्रम को प्रोडक्ट की तरह बेचने की कोशिश की…… मध्य प्रदेश में भोपाल-झांसी रूट की संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के टिकट पर यह प्रचार देखा गया……. जिस पर कांग्रेस ने तीखी आपत्ति जताई……
ऑपरेशन सिन्दूर के बाद गुजरात में सोशल मीडिया पर देशविरोधी……. और सेना का मनोबल तोड़ने वाले पोस्ट को लेकर 14 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई…… इनमें से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया……. और पुलिस ने इसे देश की एकता और सुरक्षा के खिलाफ भड़काऊ जानकारी फैलाने का मामला बताया…… इनमें से कुछ मामलों में मुस्लिम व्यक्तियों को निशाना बनाया गया……. जिससे यह सवाल उठा कि क्या मुस्लिम नेताओं….. और व्यक्तियों को अपनी देशभक्ति साबित करने का अतिरिक्त दबाव डाला जा रहा है……
वहीं अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को उनकी सोशल मीडिया पोस्ट के लिए हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार किया…… महमूदाबाद ने ऑपरेशन सिन्दूर की प्रेस ब्रीफिंग में महिला अधिकारियों की भागीदारी को प्रतीकात्मक बताया था……. लेकिन यह भी कहा कि अगर जमीनी हकीकत में बदलाव नहीं आया…… तो यह केवल दिखावा होगा…… और उन्होंने मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हिंसा……. जैसे मॉब लिंचिंग और अवैध बुलडोजिंग…… पर भी सवाल उठाए…….. उनकी गिरफ्तारी पर AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी और CPI(M) की सुभाषिणी अली ने निंदा की…… और सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए सहमति दी……
इसके अलावा उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव के एक बयान ने विवाद को और हवा दी…… और उन्होंने ऑपरेशन सिन्दूर में शामिल महिला अधिकारी व्योमिका सिंह के लिए जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल किया…… और इसे मुसलमान समझकर गाली देने से जोड़ा…… इस बयान ने न केवल जातिगत विवाद को जन्म दिया…….. बल्कि यह धारणा भी बनाई कि मुस्लिम समुदाय को लगातार अपनी देशभक्ति साबित करने के लिए निशाना बनाया जा रहा है……
कांग्रेस ने इन घटनाओं को बीजेपी की नफरत की राजनीति का हिस्सा बताया……. जयराम रमेश ने कहा कि बीजेपी ने राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दों का इस्तेमाल विपक्ष को बदनाम करने….. और धार्मिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा देने के लिए किया…… कुछ X पोस्ट में भी यही भावना दिखी…… जहां बीजेपी पर सेना की कामयाबी को कमतर दिखाकर धार्मिक तनाव पैदा करने का आरोप लगाया गया…..
गुजरात में ऑपरेशन सिन्दूर के बाद हुई FIR और गिरफ्तारियों ने सवाल उठाए कि क्या यह कार्रवाई वास्तव में देशविरोधी गतिविधियों को रोकने के लिए थी……. या इसका मकसद मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाना था……. कुछ खबरों में गजा का उल्लेख भ्रामक रूप से हुआ……. जो संभवतः गलत संदर्भ या टाइपोग्राफिकल त्रुटि थी…… हालांकि, यह भ्रम भी बीजेपी की रणनीति पर सवाल उठाता है कि क्या वह जानबूझकर ऐसी अस्पष्टता पैदा कर रही है….. ताकि धार्मिक भावनाओं को भड़काया जा सके……
गुजरात पुलिस ने जिन 14 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की……. उनमें एक व्यवसायी और सरदार पटेल सम्मान संकल्प आंदोलन समिति के संयोजक शामिल थे…….. पुलिस का कहना था कि इन पोस्ट्स ने भारतीय सेना के खिलाफ भ्रामक….. और नफरत फैलाने वाली बातें फैलाईं…… लेकिन विपक्ष का तर्क है कि यह कार्रवाई चुनिंदा थी…… और इसका मकसद मुस्लिम समुदाय को डराना था…… कांग्रेस ने इसे सौदेबाजी की राजनीति करार दिया…….. जिसमें सेना के शौर्य को भी राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है……
बीजेपी ने ऑपरेशन सिन्दूर को वैश्विक मंच पर ले जाने के लिए 32 देशों में सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने का फैसला किया……. लेकिन इस प्रक्रिया में भी विवाद हुआ……. जब कांग्रेस ने आरोप लगाया कि उसके सुझाए चार नेताओं में से केवल आनंद शर्मा को शामिल किया गया…… जबकि शशि थरूर और सलमान खुर्शीद जैसे नेताओं को बीजेपी ने अपनी पसंद से चुना……. जयराम रमेश ने इसे नरेन्द्र मोदी सरकार की पूर्ण निष्ठाहीनता और ओछी राजनीति का उदाहरण बताया……
विपक्ष का कहना है कि बीजेपी इस ऑपरेशन का इस्तेमाल आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में वोट हासिल करने के लिए कर रही है……. रेलवे टिकटों पर प्रचार और तिरंगा यात्रा जैसे कदमों को कांग्रेस ने विज्ञापनजीवी सरकार की नीति बताया…… दूसरी ओर बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस ने ऑपरेशन सिन्दूर का समर्थन किया था…… और अब वह अनावश्यक विवाद पैदा कर रही है…..



