झालावाड़ स्कूल हादसे पर संसद के बाहर विरोध, सांसद चंद्रशेखर और इकरा हसन ने सरकार से की 4 मांगे

राजस्थान के झालावाड़ जिले में सरकारी स्कूल भवन ढहने से सात मासूम बच्चों की मौत और 11 के गंभीर रूप से घायल होने के बाद देशभर में आक्रोश है। इस मुद्दे को उठाते हुए नगीना से सांसद चंद्रशेखर ने संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान कैराना से समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन भी उनके साथ जुड़ गईं।
विरोध के दौरान सांसद चंद्रशेखर ने इकरा हसन को एक पोस्टर थमाया जिस पर लिखा था – “हम तो पाठशाला समझ रहे थे, ये तो आपकी मृत्युशाला थी।” इकरा हसन ने इस पोस्टर के साथ अपनी तस्वीर एक्स (ट्विटर) पर साझा करते हुए लिखा कि यह हादसा सिर्फ एक दुर्घटना नहीं बल्कि सिस्टम की नाकामी का नतीजा है।
सांसद चंद्रशेखर की नाराज़गी और मांगें
चंद्रशेखर ने कहा, “25 जुलाई को झालावाड़ जिले के मनोहर थाना क्षेत्र के पीपलोदी गांव स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय का जर्जर भवन अचानक गिर गया। इस दर्दनाक हादसे में 7 मासूम बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 11 बच्चे गंभीर रूप से घायल हैं और जिंदगी-मौत से जूझ रहे हैं।”
उन्होंने इसे हादसा नहीं, बल्कि सरकारी लापरवाही का नतीजा करार दिया। उन्होंने कहा कि वर्षों से जर्जर भवन की अनदेखी और शिक्षा व्यवस्था के प्रति उदासीन रवैये ने इन मासूमों की जान ले ली।
चार बड़ी मांगें
सभी घायल बच्चों को सर्वोत्तम इलाज और पुनर्वास की सुविधा दी जाए।
मृतकों के परिजनों को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा और स्थायी मदद प्रदान की जाए।
घायल बच्चों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और लंबी अवधि की देखभाल दी जाए।
राज्य के सभी सरकारी स्कूल भवनों का आपातकालीन सुरक्षा ऑडिट किया जाए और दोषियों को कड़ी सजा मिले।
उन्होंने चेतावनी दी कि जांच केवल औपचारिकता न रहे बल्कि दोषियों तक कार्रवाई जरूर पहुंचे। चंद्रशेखर ने कहा, “यह शांतिपूर्ण विरोध सिर्फ गुस्से का इज़हार नहीं बल्कि व्यवस्था को झकझोरने की चेतावनी है।”

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