भारत के पक्ष में थे मुलायम सिंह यादव

  • सीएम रहते संविधान संशोधन के लिए लाए थे प्रस्ताव

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव भी इंडिया के मुकाबले भारत के हिमायती थे। इसके लिए मुख्यमंत्री रहते हुए वह संविधान संशोधन के लिए प्रस्ताव भी लाए थे, जिसे विधानसभा में वर्ष 2004 में सर्वसम्मति से पास कर केंद्र को भेजा गया था। 3 अगस्त 2004 को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष लालजी टंडन ने संस्कृत शिक्षकों का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि इन शिक्षकों को उनका जायज हक मिलना चाहिए। जिस दिन दुनिया से संस्कृत खत्म हो जाएगी, उस दिन संस्कृति भी खत्म हो जाएगी।
इस पर तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने कहा कि वर्तमान सरकार में कभी भी संस्कृत की उपेक्षा नहीं होगी। उन्होंने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर अंग्रेजी का अधिक प्रयोग किए जाने का आरोप लगाया।

यूपी विस में लालजी टंडन ने भी किया था समर्थन

मुलायम सिंह ने हिंदी के प्रयोग पर बल देते हुए कहा कि संसदीय कार्यमंत्री सदन में प्रस्ताव लाएं और उसे पारित करके केंद्र सरकार को भेज दिया जाए कि जहां संविधान में इंडिया इज भारत लिखा है, वहां भारत इज इंडिया लिख दिया जाए। इस पर लालजी टंडन ने सुझाव दिया कि संविधान में संशोधन का प्रस्ताव है, इसे विधिवत लाया जाना चाहिए। इसके बाद तत्कालीन सीएम की ओर से रखे गए प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकृत किया गया। ये प्रस्ताव था-यह सदन केंद्र सरकार से संस्तुति करता है कि संविधान के भाग-1 के अनुच्छेद-1 (नेम एंड टेरीटरी ऑफ यूनियन) में इंडिया दैट इज भारत के स्थान पर भारत दैट इज इंडिया रखने हेतु संविधान में आवश्यक संशोधन करें।

इंडिया नाम पर विवाद सत्ता पक्ष व विपक्ष की मिलीभगत : मायावती

लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि देश के नाम इंडिया पर विवाद सत्ता पक्ष और विपक्ष की मिलीभगत है। वह मीडिया को संबोधित कर रही थीं। बता दें कि केंद्र सरकार ने देश के नाम इंडिया की जगह भारत को प्रचलन में लाने की शुरुआत कर दी है। इसे लोकसभा चुनाव 2024 के लिए विपक्षी गठबंधन के नाम इंडिया से भी जोडक़र देखा जा रहा है। कांग्रेस का कहना है कि मोदी सरकार विपक्षी गठबंधन से इतना डर गई है कि अब देश का ही नाम बदल देना चाहती है। जबकि संविधान के पहले ही अनुच्छेद में लिखा है कि इंडिया दैट इज भारत…।

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