किसानों के प्रदर्शन को रोकने के लिए चंडीगढ़ व मोहाली की सीमा पर की गई बहुस्तरीय बैरिकेडिंग

नई दिल्ली। पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ पंजाब के किसान सडक़ों पर उतर आए है। किसानों ने प्रदर्शन करने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन से सेक्टर 34 के मैदान में जगह मांगी थी। इस जगह पर किसानों को प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी गई है। अनुमति ना मिलने के बाद और किसानों को रोकने के लिए चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर 1,900 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया है और बहुस्तरीय बैरिकेडिंग की है।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने 37 अन्य किसान यूनियनों के साथ मिलकर अपनी मांगों को लेकर बुधवार से चंडीगढ़ में एक सप्ताह तक धरना देने का आह्वान किया है। वे सेक्टर 2 में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के आधिकारिक आवास के बाहर भी धरना देने की योजना बना रहे हैं। डिप्टी कमिश्नर निशांत कुमार यादव ने कहा, हमने किसानों को चंडीगढ़ में विरोध प्रदर्शन करने की कोई अनुमति नहीं दी है और उन्हें किसी भी कीमत पर रोका जाएगा।
खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, 175-200 महिलाओं सहित लगभग 10,000-11,000 प्रदर्शनकारियों के ट्रैक्टर-ट्रेलर, एसयूवी और अन्य वाहनों में आने की उम्मीद है। प्रदर्शनकारी किसान चंडीगढ़ की ओर बढऩे से पहले मोहाली के गुरुद्वारा अंब साहिब में इक_ा होने की योजना बना रहे हैं।
उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने 18 प्रमुख चेकप्वाइंट स्थापित किए हैं, जिनमें पंजाब के सीएम का आवास, मनीमाजरा में हाउसिंग बोर्ड लाइट प्वाइंट, नया गांव बैरियर, मुल्लांपुर बैरियर, तोगन बैरियर, सीएपी कॉम्प्लेक्स के पास लाइट प्वाइंट, धनास, झामपुर बैरियर, मोहाली बैरियर, सेक्टर-55/56 डिवाइडिंग रोड, बढेरी बैरियर, फर्नीचर मार्केट बैरियर, मटौर बैरियर, जेल रोड बैरियर, फैदां बैरियर और जीरकपुर बैरियर शामिल हैं।
महत्वपूर्ण स्थानों पर वाटर कैनन, वज्र वाहन और दमकल गाडिय़ां भी तैनात हैं। एहतियाती कदम उठाते हुए पंजाब सरकार ने सुबह-सुबह छापेमारी कर मोहाली के 15 नेताओं समेत कई एसकेएम नेताओं को हिरासत में लिया। हिरासत में लिए गए नेताओं में भारतीय किसान यूनियन के जिला प्रमुख कृपाल सिंह सिआऊ, राज्य नेता परमदीप सिंह बैदवान और भारतीय किसान यूनियन (एकता डकौंडा) के जिला प्रमुख जगजीत सिंह जोगी कराला शामिल हैं। इनमें से ज़्यादातर को मंगलवार सुबह 3 बजे से सुबह 6 बजे के बीच हिरासत में लिया गया।
किसान नेताओं ने सरकार की कार्रवाई की निंदा करते हुए इसे लोकतंत्र पर हमला बताया है। इस बीच, किसान नेता और अधिवक्ता जसपाल सिंह दुप्पर को हिरासत में लिए जाने के बाद मोहाली बार एसोसिएशन के वकीलों ने काम बंद कर दिया। किसानों की मांगों पर चर्चा के लिए पंजाब सरकार और एसकेएम नेताओं के बीच सोमवार को बातचीत बीच में ही टूट गई, किसान नेताओं ने दावा किया कि गुस्से में मान बिना किसी उकसावे के बैठक से बाहर चले गए।
पिछले साल सितंबर में बीकेयू (एकता-उग्राहन) ने सेक्टर 34-बी में पांच दिवसीय विरोध प्रदर्शन किया था, जो पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के आश्वासन के बाद समाप्त हुआ था। यूनियनों ने सरकार पर नई कृषि नीति का मसौदा साझा करने और इसके अंतिम कार्यान्वयन से पहले उनके सुझावों को शामिल करने का दबाव डाला था।