सेबी मामले को लेकर विपक्ष के निशाने पर आई एनडीए सरकार
- हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर फिर बवाल, कांग्रेस ने उठाए सवाल
- भाजपा ने कांग्रेस को घेरा बोली- देश में आर्थिक अराजकता की हो रही साजिश
- इंडिया गठबंधन ने की संसदीय कमेटी से जांच कराने की मांग
- हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पूरी तरह आधारहीन : रविशंकर
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की अध्यक्ष माधवी बुच के खिलाफ अमेरिका की शोध एवं निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को लेकर नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर विपक्ष हमलावर हो गया है। इन सब के बीच भाजपा की ओर से आज पलटवार किया गया है। भाजपा ने विपक्ष की मंशा पर सवाल खड़े किए। पार्टी ने कहा कि तीसरी बार हारने के बाद कांग्रेस पार्टी, इंडी गठबंधन के लोग और उनको प्रमोट करने वाले टूल किट के लोग भारत को आर्थिक रूप से अस्थिर करने के षड्यंत्र में जुटे हुए हैं।
भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट शनिवार को रिलीज होती है, रविवार को हल्ला मचता है ताकि सोमवार को पूरे कैपिटल मार्केट को अस्थिर कर दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट के क्षेत्राधिकार में अपनी जांच पूरी करने के बाद सेबी ने हिंडनबर्ग के खिलाफ जुलाई में एक नोटिस दिया था।
‘बड़े घोटाले’ की जांच जेपीसी से हो : खरगे
खरगे ने कहा कि मध्यम वर्ग के छोटे और मध्यम निवेशकों को संरक्षण दिए जाने की जरूरत है क्योंकि वे अपनी मेहनत की कमाई शेयर बाजार में लगाते हैं और उनका सेबी पर भरोसा है। खरगे ने कहा कि इस ‘बड़े घोटाले’ की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराना आवश्यक है। खरगे ने आरोप लगाया कि जब तक जेपीसी इस मुद्दे की जांच नहीं करती, तब तक यह चिंता बनी रहेगी कि ”पिछले सात दशकों में कड़ी मेहनत कर बनाई गईं भारत की संवैधानिक संस्थाओं से समझौता करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने सहयोगी को बचाते रहेंगे।
सेबी की जांच होनी चाहिए : अखिलेश
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सेबी की जांच की मांग की। यादव ने एक्स पर कहा, ”सेबी की ऐतिहासिक जांच होनी चाहिए क्योंकि सेबी का इतिहास ही ऐसा रहा है कि वह कभी सही मायनों में निवेशकों का सरंक्षक व सहारा नहीं बना। उन्होंने कहा कि भारत के बाजार में निवेश के प्रति सुरक्षा की भावना जगाने के लिए सेबी की प्रतिष्ठा की पुनसर््थापना केवल एक निष्पक्ष जांच ही कर सकती है। सेबी प्रकरण की गहन-जांच भारत की अर्थव्यवस्था के लिए अपरिहार्य है।
सेबी प्रमुख ने आरोपों को सिरे से किया खारिज
सेबी प्रमुख बुच और उनके पति ने एक संयुक्त बयान जारी कर हिंडनबर्ग के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे पूरी तरह से बेबुनियाद बताया है। अडानी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च के नवीनतम आरोपों को दुर्भावनापूर्ण और चुनिंदा सार्वजनिक सूचनाओं से छेड़छाड़ करने वाला बताते हुए कहा कि उसका बाजार नियामक सेबी की अध्यक्ष या उनके पति के साथ कोई वाणिज्यिक संबंध नहीं है।
चौकीदार चोर है, वो साबित हो गया : पवन खेड़ा
हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, दूध का दूध पानी का पानी अपने आप हो गया। भारत सरकार ने कोई विशेष जांच की तरफ ध्यान नहीं दिया था। हिंडनबर्ग ने ही एक और रिपोर्ट निकाली जिसमें इनका सारे कारनामे सबके सामने आ गए। ऑफशोर कंपनी में उनके निवेश सामने आ गए, जब सबकुछ सामने है तो सवाल उठता है कि माधवी बुच को जब सेबी का प्रमुख बनाया था तब क्या भारत सरकार को ये जानकारी नहीं थी? अगर नहीं थी तो ये बहुत बड़ी विफलता है। राहुल गांधी ने कहा था चौकीदार चोर है, वो साबित हो गया।
एकबार फिर केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट पहुंचे
- सीएम ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ डाली याचिका
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सीएम केजरीवाल ने सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी को रद्द करने से इनकार करने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। बता दें कि पिछले दिनों दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जमानत दी है। सीबीआई ने 26 जून को केजरीवाल को गिरफ्तार किया था, जब वो ईडी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामले के सिलसिले में न्यायिक हिरासत में थे, बाद में उन्हें ईडी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी थी, लेकिन सीबीआई मामले में उन्हें अभी तक जमानत नहीं मिली है, इसलिए वह जेल में ही हैं। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने हाई कोर्ट में दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की थीं, एक जमानत की मांग करते हुए और दूसरी सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए. दिल्ली हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी को रद्द करने की याचिका खारिज कर दी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर लगाई रोक
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को पूर्व प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को 21 अगस्त तक गिरफ्तारी से राहत देते हुए दिल्ली पुलिस को अगली सुनवाई की तारीख तक उन्हें हिरासत में नहीं लेने का निर्देश दिया। खेडकर पर संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को दिए गए अपने आवेदन में तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने और फर्जीवाड़ा करने का आरोप है। न्यायमूर्ति सुब्रमणियम प्रसाद ने अग्रिम जमानत की मांग करने वाली पूजा खेडकर की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया। 2023 बैच की आईएएस अधिकारी खेडकर पर अपना नाम, अपने पिता और माता के नाम, अपनी तस्वीर, हस्ताक्षर, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और पता बदलने सहित अपनी पहचान फर्जी बनाकर स्वीकार्य सीमा से अधिक धोखाधड़ी का लाभ उठाने का आरोप लगाया गया था। यूपीएससी ने उनके खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया था, जिसके कारण 31 जुलाई को उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी गई थी।
यूजीसी-नेट परीक्षा को टालने की सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
- कोर्ट बोली- याचिका पर विचार करने से अराजकता पैदा हो जाएगी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द करने के सरकार के फैसले के खिलाफ दायर एक नई याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया। कथित प्रश्नपत्र लीक के बाद सरकार के कदम को चुनौती देते हुए कुछ परीक्षार्थियों ने याचिका दायर की थी। शीर्ष अदालत ने कहा कि इस स्तर पर इस (याचिका) पर विचार करने से अराजकता पैदा हो जाएगी।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि सरकार 21 अगस्त को नए सिरे से परीक्षा आयोजित कर रही है और छात्र, जो लगभग नौ लाख हैं, को अब किसी प्रकार की निश्चितता होनी चाहिए।
एक साइड से खोलें शंभू बॉर्डर : अदालत
शंभू बॉर्डर खोलने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है। कोर्ट ने शंभू सीमा पर सड़कों को आंशिक रूप से फिर से खोलने के लिए पंजाब, हरियाणा के डीजीपी को आसपास के जिलों के एसपी के साथ एक सप्ताह में बैठक करने का निर्देश दिया है। शंभू बॉर्डर को खोलने संबंधी मामले में हरियाणा सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एंबुलेंस, सीनियर सिटीजन्स, महिलाओं, छात्रों आदि के लिए हाइवे खोलने के आदेश दिया। अदालत ने कहा कि दोनों साइड से एक लेन खुलेगी।