एनडीए सरकार केदमनात्मक रवैये से भड़केयुवा
लद्दाख में जेन जी का गुस्सा फूटा

- पूरे विपक्ष ने भाजपा पर किया करारा प्रहार
- हिंसा से चार की मौत, कई घायल
- भाजपा ने हिंसा केलिए कांग्रेस को बताया जिम्मेदार
- यह एक जनरेशन जेन जी की क्रांति है: वांगचुक
- छठी अनुसूची में शामिल करने और राज्य दर्जे के लिए चल रहा आंदोलन
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। जिसका डर था वहीं हुआ। एनडीए सरकार की दमनात्मक रवैये के खिलाफ जेन जी में पनप रहा आक्रोश आखिर लद्दाख में भड़क ही गया। बता दें लद्दाख में छठी अनुसूची को लेकर आंदोलन हिंसक हो गया है आगजनी और गोलीबारी में चार प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई। 80 घायल हो गए हैं। आंदोलन इतना तीव्र था कि कफ्र्यू लगाना पड़ा। तोडफ़ोड़ और पथराव के बीच प्रदर्शनकारियों ने भाजपा प्रदेश कार्यालय भी फूंक दिया। इसके अलावा कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया।
कांग्रेस काउंसलर पर एफआईआर दर्ज की गई है। उधर इसको लेकर सियासत भी गरमा गई है। जहां कांग्रेस समेत विपक्ष ने इसे सरकार के खिलाफ युवाओंका आक्रोश बताया है वहीं भाजपा ने इसके पीछे कांग्रेस के लोगों का हाथ बताया। उधर नेकां ने फारू क अब्दुल्ला ने युवाओं का समर्थन किया है। हालांकि कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर अनशन कर रहे सामजिक कार्यकर्ता वांगचुक ने भी जेन जी का आंदोलन बताया। उन्होंने युवाओं से हिंसा न करने की मांग की है। कुछ ही समय पहले इस आंदोलन की बागडोर सोनम वांगचुक ने अपने हाथ में ली थी और वे लद्दाख को पूर्ण राज्य बनाए जाने व संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे थे।
अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं लद्दाख के निवासी
छठी अनुसूची में शामिल करने और राज्य दर्जे के लिए चल रहे आंदोलन में हिंसा अचानक नहीं भड़की बल्कि यह लद्दाख जैसे शांत क्षेत्र को अस्थिर करने की सुनियोजित साजिश थी। स्थानीय लोगों को इसमें बाहरी तत्वों का हाथ होने की भी आशंका है। स्थानीय लोगों के अनुसार लद्दाख जैसे संवेदनशील प्रदेश में इससे पहले इस तरह की स्थिति कभी देखने को नहीं मिली। वर्ष 2019 में एकीकृत जम्मू-कश्मीर राज्य से अलग होकर केंद्र शासित प्रदेश बन जाने के बाद से ही लद्दाख के निवासी अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं। इनमें स्थानीय युवाओं को सरकारी नौकरियां और रोजगार भी एक बड़ा मुद्दा है। हालांकि केंद्र सरकार की ओर से इस साल मई में डोमिसाइल नीति लाकर उनके रोजगार संबंधी मसले को हल करने का प्रयास किया गया था लेकिन लोग अलग लद्दाख लोक सेवा आयोग और लद्दाख कर्मचारी चयन आयोग की मांग कर रहे हैं। वे लद्दाखी डोमिसाइल नीति से भी संतुष्ट नहीं थे। उनका कहना था कि इसे उस रूप में नहीं दिया गया जैसा वे चाहते थे। भाषा और संस्कृति के संरक्षण के साथ ही अपनी जमीन और संसाधनों पर अपने हक की लड़ाई वे प्रमुखता से लड़ रहे थे।
कांग्रेस काउंसलर के बचाव में सोनम बोले- उनका इतना प्रभाव नहीं कि युवा सड़कों पर आ जाएं
लद्दाख के प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक जो भूख हड़ताल पर हैं, उन्होंने वीडियो जारी कर हिंसा पर दुख व्यक्त किया और शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा, यह युवा वर्ग का गुस्सा है, यह एक जनरेशन जेन जी की क्रांति है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे इस हिंसा को रोकें क्योंकि यह आंदोलन को नुकसान पहुंचा रहा है। लद्दाख में प्रदर्शनों के पीछे कांग्रेस की संलिप्तता के भाजपा के आरोप पर वांगचुक ने कहा कि यहां कांग्रेस का इतना प्रभाव नहीं कि युवा सड़कों पर उतर आएं। पांच हजार युवाओं का विरोध-प्रदर्शन मामूली बात नहीं और कांग्रेस में इतना असर नहीं। बता दें कि भाजपा के आईटी सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने कांग्रेस काउंसलर फुटसोग स्टेंजिन पर लेह स्थित भाजपा कार्यालय पर हमला करने वाले प्रदर्शनकारियों को उकसाने का आरोप लगाया है। वांगचुक ने फुटसोग का बचाव करते हुए कहा कि काउंसलर ने जो अस्पताल में अमर्यादित टिप्पणी की वो गुस्से में की थी। अस्पताल में भर्ती एलएबी के दोनों सदस्य उनके गांव के थे पर उनकी इतनी पकड़ नहीं कि वे युवाओं को प्रभावित कर सकें ।
लोग धोखे व वादा खिलाफी से निराशा में हैं : उमर अब्दुल्ला
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने लद्दाख में पूर्ण राज्य की मांग (स्टेटहुड)और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर हो रही प्रदर्शनों पर अपनी चिंता और निराशा जताई। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिलाने का जो वादा था, वह अब तक पूरा नहीं हुआ है, जिससे वहां के लोग धोखे और निराशा का सामना कर रहे हैं। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि लद्दाख के लोगों को तो राज्य का वादा तक नहीं मिला था, बल्कि 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद लद्दाख ने यूनियन टेरिटरी का दर्जा पाकर जश्न मनाया था। लेकिन आज वहां के लोग खुद को धोखा महसूस कर रहे हैं और गुस्से में हैं। अब सोचिए कि हम जम्मू-कश्मीर के लोग कितना धोखा और निराशा महसूस कर रहे हैं, जबकि हमने लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण और जिम्मेदारी से राज्य की मांग की है। लद्दाख में हुए इन प्रदर्शनों के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं, जिसमें भाजपा कार्यालय पर भी हमला किया गया। प्रदर्शनकारियों ने राज्य की मांग और छठी अनुसूची में लद्दाख को शामिल करने की मांग की है। राष्ट्रीय सम्मेलन के विधायक तानवीर सादिक ने कहा कि स्थिति के ठीक से निपटान में विफलता हुई है। उन्होंने हिंसा की निंदा करते हुए केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह लद्दाख के लोगों से बातचीत करे। यह ध्यान देने योग्य है कि संविधान की छठी अनुसूची के तहत असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम के आदिवासी क्षेत्रों के प्रशासन के लिए प्रावधान हैं। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दोनों के लिए राज्य की मांग जोर पकड़ रही है।
भाजपा ने राहुल गांधी पर साधा निशाना
मालवीय ने एक्स पर पोस्ट कर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि क्या राहुल गांधी इसी तरह की अशांति की कल्पना कर रहे हैं? भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने भी एक पोस्ट में उन पर आरोप लगाया। एक्स पर उन्होंने स्टेंजिन को कांग्रेस पार्टी का काउंसलर बताते हुए कहा कि वे भाजपा कार्यकर्ताओं को चुनौती देना बंद करें।
कांग्रेस नेता और काउंसलर फुटसोग स्टेजिन त्सेपाग पर केस
कांग्रेस नेता और काउंसलर फुटसोग स्टेजिन त्सेपाग पर भड़काऊ भाषण देने के लिए केस दर्ज किया गया है। हालात तनावपूर्ण हैं और प्रशासन ने लेह में कफ्र्यू लगा दिया है। इंटरनेट सेवा बाधित है। इस बीच, हिंसक घटना से आहत जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने अपना अनशन खत्म कर दिया है। सोनम वांगचुक की अगुवाई में 15 लोग 10 सितंबर से 35 दिन के धरने पर बैठे थे।
अचानक पहुंच गया युवाओं का हुजूम
एलएबी की यूथ विंग ने बुधवार को लेह बंद का एलान किया था। बुधवार सुबह रोजाना की तरह शहीदी पार्क में धरना शांतिपूर्ण शुरू हुआ लेकिन दोपहर होते-होते अचानक वहां युवाओं का हुजूम पहुंच गया। युवाओं ने वी वांट सिक्स्थ शेड्यूल के नारे लगाते हुए तोडफ़ोड़ शुरू कर दी। भड़केयुवाओं ने भाजपा कार्यालय में आग लगा दी। भाजपा कार्यकर्ता किसी तरह अपनी जान बचाकर वहां से भागे। इसके बाद युवाओं ने वहां रखे कागजात और फर्नीचर को आग के हवाले कर दिया। उग्र युवाओं ने रास्ते में खड़े सीआरपीएफ के वाहन समेत कुछ अन्य वाहनों को भी फूंक दिया। लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद यानी एलएएचडीसी के लेह ऑफिस को भी युवाओं ने निशाना बनाया।




