नीतीश की नाराजगी की खबरें निराधार

अखिलेश प्रसाद बोले- लोस चुनाव में बीजेपी की हार तय

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डा. अखिलेश प्रसाद सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नाराजगी की चर्चा निराधार है। सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने की पहले करने वाले नीतीश नाराज हो ही नहीं सकते। ज्ञात हो कि इंडी गठबंधन में नीतीश कुमार की नाराजगी को लेकर चर्चा जोरों पर है। बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार कांग्रेस के रवैये से खुश नहीं हैं। कुछ दिन पहले भी नीतीश कुमार ने कांग्रेस के जातीय गणना पर लिए गए स्टैंड को लेकर नाराजगी जताई थी।
अब सीएम की इसी नाराजगी को लेकर कांग्रेस का बयान सामने आया है। साथ ही कांग्रेस ने बताया है कि नीतीश कुमार इंडी गठबंधन में कितने पावरफुल हैं। कांग्रेस नेता अखिलेश प्रसाद सिंह ने बता दिया कि इंडी गठबंधन में नीतीश कुमार कितने पावरफुल हैं? उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन में नीतीश कुमार की भूमिका पहले से ही बड़ी है। वह इसके सूत्रधार हैं। नीतीश कुमार के हर फैसले का सम्मान किया जाता है और आगे भी किया जाएगा। वे दृढ़ निश्चय व पक्के इरादे वाले राजनेता हैं। अखिलेश सिंह ने कहा कि लोकसभा के चुनाव में भाजपा की हार तय है। नरेंद्र मोदी की जगह कोई दूसरा प्रधानमंत्री बनेगा।

कभी-कभी चीजें गुब्बारे की तरह छोड़ी जाती हैं : तेजस्वी

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के कार्यान्वयन को दोहराने के जवाब में, राजद नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने टिप्पणी की कि 2024 के लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही हिंदू-मुस्लिम जैसे मुद्दे फिर से सामने आएंगे। पिछले महीने, शाह ने दोहराया था कि सीएए के कार्यान्वयन को कोई नहीं रोक सकता क्योंकि यह देश का कानून है। बिहार के नेता ने कहा कि कभी-कभी चीजें गुब्बारे की तरह छोड़ी जाती हैं लेकिन कुछ नहीं होता है। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, हिंदू-मुस्लिम जैसे मुद्दे सामने आएंगे। जानकारी के मुताबिक एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 के नियमों को लोकसभा चुनाव की घोषणा से काफी पहले अधिसूचित किया जाएगा। पदाधिकारी ने कहा, हम जल्द ही सीएए के लिए नियम जारी करने जा रहे हैं। एक बार नियम जारी होने के बाद, कानून लागू किया जा सकता है और पात्र लोगों को भारतीय नागरिकता दी जा सकती नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए सीएए के नियमों का उद्देश्य बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों – जिनमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई शामिल हैं – को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है।

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