हमको मुर्दाबाद, खुद को जिंदाबाद का नारा लगाते रहिए: नीतीश
- बिहार विधानसभा में विपक्ष का जमकर हंगामा
- भडक़े सीएम बोले- अगली बार महागठबंधन की एक भी सीट नहीं आएगी
- विपक्ष का आरोप- बीजेपी विधायक ने आरजेडी एमएलए को दी गाली
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। बिहार विधानसभा में बजट सत्र के दौरान आज भारी हंगामा देखने को मिला। विपक्ष ने सदन में जोरदार हंगामा किया। सदन के अंदर वेल में आकर महागठबंधन के विधायक हंगामा करने लगे। महागठबंधन के विधायक बीजेपी एमएलए शैलेंद्र के बयान से नाराज थे। महागठबंधन के विधायकों ने कहा कि बीजेपी विधायक शैलेंद्र ने आरजेडी के विधायक रामवृक्ष सदा को गाली दी। असंसदीय भाषा का प्रयोग किया। माफी मांगें का नारे लगाने लगे। विपक्ष का आरोप है कि दलित का अपमान किया गया है।
इस दौरान महागठबंधन के विधायक नीतीश कुमार मुर्दाबाद का नारा लगाने लगे। इस पर नीतीश कुमार भडक़ गए। नीतीश कुमार ने कहा कि हमको मुर्दाबाद, अपना जिंदाबाद का नारा लगाते रहिए। नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि अगली बार और कम संख्या में आइएगा। एक भी सीट नहीं मिलेगी अबकी आपको। हालांकि, महागठबंधन के विधायक कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे। नारेबाजी करते रहे। सदन के अंदर वेल में धरने पर बैठ गए।
नीतीश के आदेश का पालन नहीं करते अधिकारी : भाई वीरेंद्र
हंगामे के बाद सदन से महागठबंधन के विधायक वॉकआउट कर गए। विधानसभा परिसर में आरजेडी के विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि मुख्यमंत्री जो आदेश देते हैं उसका कोई भी पदाधिकारी पालन करने का काम नहीं करता है। आज फिर हम लोगों को आवाज उठानी पड़ी। सीएम नीतीश कुमार ने जो मंगलवार को शिक्षा विभाग को आदेश दिया उसका अनुपालन नहीं हुआ और खड़े होकर नीतीश कुमार गलत बयानबाजी कर रहे हैं। पत्र में लिखा है 10 से चार बजे तक स्कूल चलेगा, लेकिन जो शिक्षकों को आदेश दिया गया था वो पहले के जैसा रहेगा। यानी शिक्षक 8:30 बजे तक स्कूल पहुंचेंगे। ये तुगलकी फरमान है। भाई वीरेंद्र ने कहा कि मुख्यमंत्री को एक मिनट भी अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। कल हमारे एक विधायक को बीजेपी के एमएलए ने अपमानित किया है। असंसदीय भाषा का प्रयोग किया है। उसका भी कार्यस्थगन दिया गया है, लेकिन कार्यस्थगन को भी सदन में नहीं पढऩे दिया गया। ये कैसा लोकतंत्र है?
‘अर्जुन’ बने अजय राय के सारथी ‘श्रीकृष्ण’ के रूप में दिखे राहुल
- कानपुर में लगी होर्डिंग में महाभारत के अवतार में दिखे कांग्रेस नेता
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कानपुर। राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा इस समय यूपी में भ्रममण कर रही है। इस बीच कानपुर में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा को लेकर शहर में पोस्टर-बैनर लगाए गए हैं। इस सब के बीच एक ऐसी होर्डिंग वायरल हो रही है, जिसकी हर जगह चर्चा हो रही है। इसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी को श्रीकृष्ण और अजय राय को अर्जुन बताया गया है।
बता दें कि इस होर्डिंग को कांग्रेस नेता एडवोकेट संदीप शुक्ला ने लगवाया है। उनका कहना है कि जिस तरह महाभारत में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को युद्ध जितवाया था, वैसे ही राहुल गांधी भाजपा से मुकाबले में चुनाव जीतेंगे। उत्तर प्रदेश में वह अजय राय के सारथी बने हैं। यह होर्डिंग कानपुर नगर के जुहारी देवी कॉलेज के पास राहुल गांधी के आगमन के लिए बनाए गए मंच के पास लगाई गई है। कांग्रेस के युवा नेता संदीप शुक्ला ने यह होर्डिंग लगवाई है।
हाईकोर्ट का विस स्पीकर को नोटिस
- अजित गुट ने शरद पवार खेमे के 10 विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए दायर की है याचिका
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। एनसीपी और शरद पवार वाली गुट के विधायकों को अयोग्य घोषित करने को लेकर शरद पवार और भतीजे अजित पवार में तनाव बना हुआ है। हालांकि, एनसीपी का नाम और चुनाव चिह्न अजित के पाले में चला गया, लेकिन विधायकों को अयोग्य घोषित करने वाली मांग पूरी नहीं हुई। शरद पवार खेमे के 10 विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराने के विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के फैसले को अजित पवार गुट ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। अजित खेमे की याचिका पर हाईकोर्ट ने नार्वेकर को नोटिस जारी किया है।
अजित के नेतृत्व वाली एनसीपी के मुख्य सचेतक अनिल पाटिल ने शरद पवार खेमे के 10 विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराने के स्पीकर के फैसले को चुनौती देते हुए दो याचिकाएं दायर की थीं। वहीं न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी और न्यायमूर्ति फिरदोश पूनीवाला की खंडपीठ ने आज महाराष्ट्र विस सचिवालय को भी नोटिस जारी किया और सभी प्रतिवादियों को याचिकाओं पर अपने हलफनामे दाखिल करने का निर्देश दिया।
साथ ही मामले की अगली सुनवाई के लिए 14 मार्च की तारीख तय की है। पाटिल ने अपनी याचिकाओं में उच्च न्यायालय से अध्यक्ष के हालिया आदेश को कानून की नजर में गलत घोषित कर उसे रद्द करने और सभी 10 विधायकों को अयोग्य घोषित करने का अनुरोध किया है। पाटिल के वकील मुकुल रोहतगी ने अदालत से कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने जो निष्कर्ष दिए हैं, वे अजित पवार के पक्ष में हैं। सिर्फ एक फैसला उनके खिलाफ है, जिसमें शरद पवार के खेमे के 10 विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराया गया था।
56 में से 41 रास सांसद चुने गए निर्विरोध
- अब सिर्फ 15 सीटों पर 27 फरवरी को होगा चुनाव
- सोनिया गांधी, जेपी नड्डा व अश्वनि वैष्णव जैसे कई दिग्गज पहुंचे उच्च सदन
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले हो रहे राज्यसभा चुनावों की चर्चा जोरों पर है। 56 सीटों के लिए 27 फरवरी को मतदान होना है, लेकिन नाम वापसी की अंतिम तारीख बीतने के साथ ही 41 सीटों पर तस्वीर साफ हो गई है। अलग-अलग राज्यों की 41 सीटों के लिए 41 ही उम्मीदवार मैदान में थे। इन सभी को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया है। अब 15 राज्यसभा सीटों के लिए 27 फरवरी को मतदान होगा।
राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने गए 41 उम्मीदवारों में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा, पार्टी में नए शामिल हुए अशोक चव्हाण और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वष्णव और एल मुरुगन शामिल हैं। हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश की शेष 15 सीटों पर 27 फरवरी को मतदान होगा।
बीजेपी को हासिल हुईं 20 सीटें
सत्तासीन पार्टी भाजपा को राज्यसभा में अभी तक सबसे अधिक 20 सीटें हासिल हुई हैं। इसके बाद कांग्रेस को (6), तृणमूल कांग्रेस (4), वाईएसआर कांग्रेस (3), राजद (2), बीजेडी (2) और एनसीपी, शिव सेना, बीआरएस और जेडी ( यू) को एक-एक सीटें मिली हैं। चूंकि इन 41 सीटों पर कोई अन्य उम्मीदवार मैदान में नहीं थे, इसलिए संबंधित रिटर्निंग अधिकारियों ने नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख पर उन्हें विजेता घोषित कर दिया।
यूपी में सपा-भाजपा में होगी टक्कर
यूपी में राज्यसभा की दस सीटों पर हो रहे चुनाव में भाजपा और सपा के बीच 27 फरवरी को मुकाबला होगा। मंगलवार को नामांकन वापसी के अंतिम दिन किसी भी प्रत्याशी ने नाम वापस नहीं लिया। राज्यसभा चुनाव में भाजपा के सुधांशु त्रिवेदी, आरपीएन सिंह, अमरपाल मौर्य, नवीन जैन, तेजवीर सिंह, साधना सिंह, संगीता बलवंत बिंद और संजय सेठ उम्मीदवार हैं। वहीं, सपा से जया बच्चन, रामजीलाल सुमन और आलोक रंजन चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा को आठवीं और सपा को तीसरी सीट के लिए संघर्ष करना होगा। भाजपा के पास आठ सीटों के लिए एनडीए गठबंधन, संभावित सहयोगी विधायकों सहित करीब 288 मत हैं।
जबकि पार्टी को 296 मतों की आवश्यकता है। सपा और कांग्रेस का संभावित गठबंधन नहीं हुआ तो राज्यसभा चुनाव में सपा को झटका लग सकता है। सपा के 108 विधायक हैं। सपा को तीन सीटें जीतने के लिए 111 मतों की आवश्यकता है।
आईपीएस अधिकारी को खालिस्तानी कहने पर गरमाई सियासत
- बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने सिख पुलिसकर्मी को बोला- खालिस्तानी
- ममता ने कहा- भाजपा को सब सिख खालिस्तानी दिखते हैं
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में संदेशखाली हिंसा के बाद अब एक नया मोड़ आ गया है है। भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी द्वारा एक सिख आईपीएस अधिकारी को खालिस्तानी कहने का मामला अब अदालत पहुंच चुका है। अपने ऊपर लगे आरोप पर शुभेंदु अधिकारी ने एडीजी को चुनौती दी कि वह अगले 24 घंटों के भीतर इस आरोप को साबित करें अन्यथा इसका परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें।
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट करते हुए इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शुभेंदु अधिकारी ने अपने ऊपर लगे सिख पुलिस अधिकारी को खालीस्तानी कहने के आरोप को 24 घंटे के भीतर साबित करने के लिए एडीजी को चुनौती दी है। वरना वह इसका परणाम भुगतने के लिए तैयार हो जाएं। पश्चिम बंगाल पुलिस जो कि ममता बनर्जी की एकमात्र बचाव दल है वह अब ढह रही है।
ममता ने अधिकारी पर उचित कार्रवाई की कही बात
पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी को दक्षिण 24 परगना के संदेशखाली का दौरा करने से रोकने के लिए धामखाली में एक सिख आईपीएस अधिकारी को तैनात किया गया था। इस दौरान अधिकारी के साथ अग्निमित्र पॉल भी थे। उन्होंने दावा किया कि पुलिस अधिकारी अपने कर्तव्यों का पालन नहीं कर रहे थे। इस मामले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी भाजपा पर भडक़ गईं। उन्होंने कहा कि भाजपा को लगता है कि पगड़ी पहनने वाले सभी सिख खालिस्तानी है। ममता ने पोस्ट करते हुए कहा कि आज भाजपा कि विभाजनकारी राजनीति ने संवैधानिक सीमाओं को बेशर्मी से पार कर लिया है। भाजपा के अनुसार, सभी पगड़ी पहनने वाले व्यक्ति खालिस्तानी है। इस पोस्ट के साथ उन्होंने एक वीडियो भी लगाया है। इस घटना की निंदा करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि वह इस मामले पर उचित कार्रवाई करेंगी।