अब प्रोटेम स्पीकर के नाम पर घिरी एनडीए सरकार
- भर्तृहरि महताब की नियुक्ति पर कांग्रेस ने उठाए सवाल
- विपक्ष बोला- बीजेपी ने किया संविधान का अपमान
- वरिष्ठों को नजरअंदाज कर दी गयी जूनियर को जिम्मेदारी
- कांग्रेस के कोडिकुन्निल सुरेश और भाजपा के वीरेंद्र कुमार अपना 8वां कार्यकाल पूरा कर रहे हैं
- 24 जून से शुरू होगा संसद का पहला सत्र
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। एनडीए सरकार जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है उसके साथ विवाद भी आगे बढ़ते जा रहे हैं। अबकी बार प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति को लेकर विपक्ष के निशाने पर मोदी सरकार आ गई है। कांग्रेस ने कहा है कि सरकार ने सीनियर सांसदों को नजरअंदाज करके जूनियर को नियुक्त करके संविधान का अपमान किया है। ज्ञात हो 9 जून को नई सरकार ने शपथ ले ली थी। उसके बाद तो यह सरकार पर विवादों में घिरने लगी। पहले मंत्रालय को लेकर ऊहापोह रहा वह मामला निपटा तो नीट परीक्षा धांधली ने सरकार के विश्वसनीयता पर सवाल उठा और फिर यूजीसी-नेट की परीक्षा रद होने के मामले में पीएम मोदी से लेकर पूरा शिक्षा मंत्रालय कटघरे में आ गया। अब लोकसभा स्पीकर के चयन पर विवाद शुरू हो गया है।
बुलडोजर की राजनीति की मानसिकता से नहीं उबर पा रही बीजेपी : जयराम रमेश
कांग्रेस नेता ने कहा कि वीरेंद्र कुमार मंत्री हैं। ऐसे में उम्मीद थी कि के सुरेश को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाएगा, लेकिन बीजेपी के भर्तृहरि महताब को नियुक्त किया गया। उन्होंने कहा कि वे (बीजेपी) बुलडोजर की राजनीति की मानसिकता से उबर नहीं पाए हैं। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि परंपरा और परिपाटी के अनुसार, अधिकतम कार्यकाल पूरा करने वाले सांसद को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाता है।
और लोग भी करेंगे सहायता : रिजिजू
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि प्रोटेम स्पीकर की सहायता के लिए सुरेश कोडिकुन्नील, थलिककोट्टई राजुथेवर बालू, राधामोहन सिंह, फग्गन सिंह कुलस्ते और सुदीप बंदोपाध्याय को भी नियुक्त किया है। उन्होंने आग बताया कि भर्तृहरि महताब लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होने तक पीठासीन अधिकारी के रूप में कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे।
महताब को राष्ट्रपति मुर्मू द्वारा अस्थायी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया
महताब को अध्यक्ष के चुनाव तक लोकसभा पीठासीन अधिकारी के कर्तव्यों का पालन करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 95(1) के तहत राष्ट्रपति मुर्मू द्वारा अस्थायी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। महताब, जिन्होंने 25 वर्षों से अधिक समय तक संसद सदस्य के रूप में कार्य किया है, डॉ. हरेकृष्ण महताब के पुत्र हैं, जो कांग्रेस के सदस्य थे ।
केजरीवाल की राहत पर आई हाईकोर्ट की आफत
- अदालत में सुनवाई पूरी होने तक जमानत पर लगी रोक
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को जमानत देने के ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ ईडी ने दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया है। ईडी ने इस मामले को तत्काल सुनवाई की मांग की। ईडी की याचिका पर सुनवाई को लिए हाईकोर्ट सहमत हो गया है। ईडी का दावा है कि हमको अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका का विरोध करने का पूरा मौका नहीं दिया क्या, इसलिए निचली अदालत के जमानत के फैसले पर रोक लगाई जाए।
अरविंद केजरीवाल के वकीलों ने ईडी के वकील को सलाह दी कि आपको अदालत के फैसले को सम्मान के साथ स्वीकार करना चाहिए। हाईकोर्ट की सुनवाई के बाद ही साफ होगा कि अरविंद केजरीवाल आज रिहा होंगे या नहीं। दिल्ली हाईकोर्ट का कहना है कि ट्रायल कोर्ट के आदेश को तब तक प्रभावी नहीं किया जाएगा जब तक वह सीएम केजरीवाल को दी गई जमानत को चुनौती देने वाली ईडी की याचिका पर सुनवाई नहीं कर लेता।
खबर मिलते ही खुश हुए थे आप कार्यकर्ता
उधर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने के बाद आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह है। आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि ऐसे समय में अरविंद केजरीवाल का जेल से बाहर आना लोकतंत्र को मजबूत करने वाला है। आबकारी नीति मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने से पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल है। पार्टी नेताओं ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर इसे सत्य की जीत बताया। जमानत मिलने की सूचना के बाद कार्यकर्ता केजरीवाल आवास के पास पहुंचे। इस दौरान आवास के बाहर कार्यकर्ताओं ने आतिशबाजी की। आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि ऐसे समय में अरविंद केजरीवाल का जेल से बाहर आना लोकतंत्र को मजबूत करने वाला है। यह देश और दिल्ली के लोगों के लिए अच्छी खबर है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ईडी के अब तक के बयान झूठ पर आधारित थे। यह केजरीवाल को फंसाने के लिए बनाया गया एक बेबुनियाद फर्जी मामला है।
राउज एवेन्यू कोर्ट ने दी थी जमानत
गुरुवार को दिल्ली राउज एवेन्यू कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत प्रदान करते हुए आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले जमानत प्रदान कर दी। इससे पहले केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनावों में प्रचार किए लिए जमानत प्रदान की थी। उसके बाद दो जून को उन्होंने समर्पण कर दिया था। अवकाश न्यायाधीश नियाय बिंदु ने केजरीवाल और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की दो दिनों तक सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया। इससे पहले उन्होंने दिन में दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। उन्होंने कल ही स्पष्ट किया था कि वे बहस पूरी होने के बाद तुरंत ही फैसला देगी क्योंकि यह मामला हाई प्रोफाइल है।
न्यायव्यवस्था का मजाक बना रहे हैं पीएम : संजय ङ्क्षसह
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने ईडी के केजरीवाल की जमानत के खिलाफ हाईकोर्ट जाने को लेकर कहा, मोदी सरकार की गुंडागर्दी देखिए अभी ट्रायल कोर्ट का आदेश ही नही आया आदेश की कॉपी भी नहीं मिली तो मोदी की ईडी हाईकोर्ट में किस आदेश को चुनौती देने पहुंच गई? क्या हो रहा है इस देश में? न्यायव्यवस्था का मजाक क्यों बना रहे हो मोदी जी पूरा देश आपको देख रहा है?
अभियोजन के दृष्टिकोण से केजरीवाल को जेल में रखने की कोई जरूरत नहीं : सिब्बल
राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को यहां की एक अदालत से बृहस्पतिवार को जमानत मिलने के बाद सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष के दृष्टिकोण से उन्हें जेल में रखने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि चुनाव खत्म हो चुका है। सिब्बल ने’एक्सÓ पर एक पोस्ट में कहा, बधाई हो। केजरीवाल को जमानत मिल गई। बहुत देर हो चुकी थी।