अब नीतीश का नंबर, नए दावे ने मचा दिया हड़कंप

बिहार में प्रेम कुमार के स्पीकर बनते ही भयंकर हंगामा खड़ा हो गया है। बिग ब्रेकिंग सामने आई है कि बिहार सरकार के मामलों पर एकतरफा जीत दर्ज कर पीएम साहब के चाणक्य जी का अगला टारटेग सीधे नीतीश कुमार हैं। यानि कि नीतीश कुमार की सीएम वाली कुर्सी फंस गई है।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: बिहार में प्रेम कुमार के स्पीकर बनते ही भयंकर हंगामा खड़ा हो गया है। बिग ब्रेकिंग सामने आई है कि बिहार सरकार के मामलों पर एकतरफा जीत दर्ज कर पीएम साहब के चाणक्य जी का अगला टारटेग सीधे नीतीश कुमार हैं। यानि कि नीतीश कुमार की सीएम वाली कुर्सी फंस गई है।

जैसे ही ये बड़ा दावा सामने आया है भयंकर हड़कंप मचा है। आपको बता दें कि ये दावा कोई मनगढ़ंत नहीं है बल्कि राजनीति के उस गलियारे से ही निकल कर सामने आया है, जहां से इसकी कल्पना करना संभव नहीं है। पीएम के बहुत करीबी की ओर से यह खबर लीक हुई है कि बिहार में ऑपरेशन लोटस शुरु होने जा रहा है। ये दावा कहां से और कैसे सामने आया है और पीएम साहब के किस करीबी ने बिहार में गेम पलटने की इशार दे दिया है, ये हम आपको आगे अपनी इस रिपोर्ट में बताएंगे। साथ ही इस पर भी चर्चा करेंग कि क्यों सारा मामला सामने आने के बाद हड़कंप मचा गया है।

दोस्तों, बिहार में जिस तरह से एनडीए को प्रचंड बहुमत मिला और आनन फानन में नीतीश कुमार की अगुवाई में नई सरकार का गठन हुआ तो माना जा रहा था कि नीतीश कुमार पीएम साहब और उनके चाणक्य को शीशे में उतारने में कामयाब हो गए लेकिन शपथ के दूसरे ही दिन से इसकी कलई खुलनी शुरु हुईं। जैसे ही मंत्रियों की लिस्ट सामने आई तब लोगों को अहसास होना शुरु हुआ है गेम पलट चुका है। क्योंकि 20 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि जब नीतीश कुमार से उनका गृह मंत्रालय छिन गया हो।

ऐसे में साफ हो गया कि कहीं न कहीं बीजेपी की मंशा ये जरुर थी कि नीतीश कुमार को घुटने पर लाया जाए क्योंकि जदयू में पहले से ही मोदी लॉबी विकसित हो चुकी थी और ऐसे में नीतीश को ही टकराने की उम्मीदें थीं परंतु गृह मंत्रालया छिनने के बाद यह बात साफ हो गई कि नीतीश भी अब पीएम साहब और उनके चाणक्य जी के प्रेशर मंे आ चुके हैं लेकिन इस बीच दो बड़े दावे सामने आए थे। पहला ये था कि नीतीश कुमार एक्शन में है वो स्पीकर पद किसी भी कीमत पर बीजेपी के पक्ष में नहीं जाने देना चाहते हैं और दूसरा ये कि केंद्र से आने वाले कुछ आईएएस और पीसीएस को लेकर तकरार है।

आपको बता दें कल जब स्पीकर का नामंकन हुआ और प्रेम कुमार ने नामांकर किया तो यह बात शीशे की तरह साफ हो गई कि अंदरखाने में कुछ न कुछ बहुत बड़ा और भयंकर चल रहा है। आखिर जो नीतीश कुमार गृह मंत्रालय छिनने के बाद अचानक एक्शन में आए थे और स्पीकर पर अपनी दावेदारी पेश कर रहे थे, अचानक उनको ऐसा क्या हो गया कि वो प्रेम कुमार के नाम पर मान गए और प्रेम कुमार स्पीकर हो गए है। आपको बता दें कि नीतीश सारकार का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि बीजेपी के पास सरकार में दो डिप्टी सीएम, गृह विभाग जैसा अहम पद, स्पीकर और कम से कम चार बडे विभागों पर कैबिनेट मंत्रियों की तैनाती, ये जलवा किसी भी बीजेपी सरकार से कम नहीं है।

शासन सत्ता चलाने के लिए गृह जैसे विभाग का होना और विधान सभा चलाने के लिए स्पीकर के पद का होना ये बीजेपी को सुपर बनाता है और यह कहीं न कहीं मैसेज देता हुआ दिखाई देता है कि बीजेपी की ही सरकार में चल रही है। और अब यही दावा विपक्ष के दो बड़े नेताओ की ओर से आया है।

आरजेडी के प्रधान महासचिव और विधायक रणविजय साहू ने मीडिया से बातचीत में दावा किया कि बीजेपी नीतीश कुमार को सीएम की कुर्सी से हटाएगी। बिहार में अपना मुख्यमंत्री बनाएगी. अपनी सरकार बनाने की दिशा में आगे बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि गृह विभाग भी जेडीयू से बीजेपी ने ले लिया। दो-दो डिप्टी सीएम भी बीजेपी से हैं. बीजेपी बड़ा भाई है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कई राज्यों में बीजेपी खेला कर चुकी है, उसी तरह का खेला यहां (बिहार) होगा। दूसरी ओर महागठबंधन में शामिल आईआईपी के अध्यक्ष और विधायक आईपी गुप्ता ने भी इसको लेकर दावा किया है।

आईपी गुप्ता ने कहा, कि नीतीश को सीएम की कुर्सी से बीजेपी हटाएगी।बिहार में अपना मुख्यमंत्री बनाएगी. गृह विभाग, दो डिप्टी सीएम के बाद स्पीकर भी बीजेपी का हो गया। बीजेपी अपनी सरकार बनाएगी। वहीं आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने महागठबंधन के अन्य नेताओं की तरह ही बड़ा दावा किया। भाई वीरेंद्र ने कहा, कि जिस तरह से गृह विभाग उसके बाद विधानसभा का अध्यक्ष पद बीजेपी के हाथ में गया है, इंतजार कीजिए, बहुत जल्द जैसे महाराष्ट्र में हुआ है यहां भी होने वाला है।

आपको बता दें कि महागठबंधन के नेता भले ऐसा दावा कर रहे हैं लेकिन बीजेपी का दावा है कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री रहेंगे। गृह विभाग, दो डिप्टी सीएम का पद, स्पीकर पद सब आपसी सहमति से हुआ है, विपक्ष भ्रम फैला रहा हैं। आपको बता दें कि कल ही चिराग पासवान ने इसके उलट दावा किया था। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान मे मीडिया से कहा है कि एनडीए अपने आप में मजबूत है। 200 से ज्यादा सीटों के साथ हम लोगों का गठबंधन है.। विपक्ष के विधायकों को लेकर चिराग ने कहा, कि मैं मानता हूं कई ऐसे विधायक हैं जिनको इस बात का एहसास है कि एनडीए के साथ जुड़कर ही वो अपनी सोच या बिहार के विकास को या अपने क्षेत्र के विकास को गति दे पाएंगे। ऐसे में कई विधायक गाहे-बगाहे हम लोगों के संपर्क में हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच के साथ जुड़ना चाहते हैं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व के साथ जुड़ना चाहते हैं,कब कौन किसके साथ जुड़ रहा ये मैं कह नहीं सकता, लेकिन विपक्ष जिस तरीके से पूरी तरह से धराशायी हो चुका है मुझे नहीं लगता है कि इस डूबती नाव में कोई और अब रहना चाहेगा।

आपको बता दें कि चिराग के इस दावे के बाद हड़कंप मच गया था और ये बात कही जाने लगी थी कि बीजेपी कहीं न कहीं ऑपरेशन लोट्स की तैयारी में जुटी है और वो महागठबंधन को तोड़कर अपने दम पर बिहार में अपनी सरकार बनाना चाहती है क्योंकि पीएम साहब और उनके चाणक्य जी का पिछले 11 साल से सपना है कि बिहार में उनका अपना सीएम हो, और जिस तरह के दावे चिराग पासवान करते नजर आ रहे हैं उसमें बीजेपी कहीं न कहीं अपना सीएम वाला फार्मूला ढूंढ रही है। आपको बता दें कि चिराग के बयान पर आरजेडी के भाई वीरेंद्र का बयान आया है, उन्होंने चिराग का कड़ा विरोध किया है लेकिन जैसा कि आप जानते हैं कि चिराग के बयान में इस वजह से भी दम है क्योंकि चिराग पासवान बीजेपी की गुजरात लॉबी के करीबी नेताओं में हैं और अगर ये कह रहे हैं कि महागठबंधन टूटने वाला है तो यह बात भी तय है कि बिहार में बीजेपी अपने सीएम के लिए गुणा-गणित में लग चुकी है।

और ऐसे में एक बात साफ है नीतीश कुमार की कुर्सी कहीं न कहीं तो जरुर फंसती हुई दिख रही है। क्योंकि विपक्ष के जो दावे हैं अगर उनको हवा-हवाई या अफवाह फैलाने वाला भी मान लिया जाए तो चिराग के दावों को दरकिनार नहीं किया जा सकता है। आपको बता दें कि चिराग का बयान संकेत है कि नीतीश कुमार स्पीकर के चुनाव के साथ नीतीश कुमार की सरकार के उल्टी गिनती शुरु हो गई और जो विपक्ष का दावा है कि नीतीश कुमार को उद्धव ठाकरे बनाने का खेल शुरु हो चुका है लेकिन यह खेल कब और कैसे सामने आएगा, ये तो आने वाला समय बताएंगे। आपको बात दें कि पिछले दिनों चर्चा थी कि नीतीश कुमार को साल 2027 में राष्ट्रपति नियुक्त किया जाएगा और नीतीश कुमार विधिवत अपने संन्यास का ऐलान करेंगे। खबर तो यहां तक आई थी कि नीतीश कुमार की जगह निशांत उनकी जगह लेंगे और बीजेपी का सीएम का पद और दो डिप्टी सीएम जदयू के हो जाएंगे। क्योंकि साल 2027 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का कार्यकाल खत्म हो रहा है और उनका कार्यकाल खत्म होते ही बिहार को पूरा निजाम बदल जाएगा और इसी वजह से सम्राट को गृह मंत्रालय बतौर ट्रेनिंग दिया गया है। हालांकि ये खबर अफवाहों तक ही सीमित रही गई, कहीं से इसकी पुष्टि नहीं हो पाई।

हां, लेकिन इतनी बात जरुर साफ हुई कि बीजेपी कुछ न कुछ अंदरखाने में बड़ा कर रही है और कुछ न कुछ गेम प्लान तो हो रहा है। क्योंकि इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता है कि नीतीश कुमार की उम्र ज्यादा हो गई है और अब उन पर कहीं न कहीं उम्र का असर दिखाई देता है और माना यही वजह है कि नीतीश कुमार कुछ बीजेपी के सामने सरेंडर भी है, अगर 2005 वाले नीतीश कुमार होते तो अब तक सारा गेम पलट देते। लेकिन इस बार जिस तरह के दावे विपक्ष और चिराग पासवन के हैं, उससे तो यह साफ होता दिख रहा है कि इस बार गेम नीतीश कुमार नहीं बल्कि पीएम साहब के चाणक्य जी पलटेगें क्योंकि अभी तक बीजेपी का यह खेल रहा है कि जहां जिस क्षेत्रीय पार्टी से गठबंधन करती है वहां उसको खत्म कर देती है।

महाराष्ट्र मॉडल इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। महाराष्ट्र में बीजेपी न सिर्फ उद्धव ठाकरे को खा गई बल्कि एकनाथ शिंदे और अजित पवार जैसे लोगों को भी साइड लाइन लगा दिया है। विपक्ष के दावों के अनुसार शायद बिहार में भी कुछ आने वाले समय में ऐसा दिखाई दे। पूरे मामले पर आपकी क्या राय है। क्या सच में गृह मंत्रालय स्पीकर का पद छिनने के बाद अब नीतीश कुमार से सीएम का पद छिनने का समय आ गया है। जिस तरीके का दावा विपक्ष और खासतौर पर चिराग कर रहे है, क्या यह नीतीश के लिए खतरे की घंटी है।

 

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