एनसीएलटी ने गो फस्र्ट की याचिका स्वीकार की, बोर्ड सस्पेंड, 19 मई तक एयरलाइन की सभी उड़ानें रद्द
नई दिल्ली। एनसीएलटी (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) ने स्वैच्छिक दिवाला सामाधान प्रक्रिया शुरू करने के लिए गो फस्र्ट की याचिका स्वीकार कर ली है। एनसीएलटी ने सीआईआरपी के तहत कार्यवाही शुरू करने के लिए गो फस्र्ट की याचिका स्वीकार की है। एनसीएलटी ने गो-फस्र्ट को अपना काम और वित्तीय बाध्यताओं को पूरा करते रहने और किसी भी कर्मी की छंटनी नहीं करने को भी कहा है।
एनसीएलटी ने अपने फैसले में कहा कि हम दिवाला समाधान कार्यवाही के लिए गो फस्र्ट एयरलाइंस की याचिका स्वीकार करते हैं। दिवालिया घोषित करने से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने कंपनी के बोर्ड को सस्पेंड कर दिया है। फैसले में कहा गया, हम अभिलाष लाल को अंतरिम समाधान पेशेवर यानी आईआरपी नियुक्त करते हैं।
फैसले के अनुसार निलंबित निदेशक मंडल आईआरपी के साथ सहयोग करेगा। निलंबित निदेशकों को तत्काल खर्च करने के लिए 5 करोड़ रुपये जमा करने के लिए भी कहा गया है। इस बीच एयरलाइन की ओर से कहा गया है कि परिचालन संबंधी परेशानियों के कारण गो फस्र्ट की 19 मई 2023 तक की सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं।
एनसीएलटी की पीठ ने बुधवार को एयरलाइन की उस अर्जी पर भी फैसला किया, जिसमें उसकी वित्तीय देनदारियों पर अंतरिम रोक लगाने की अपील की गई थी। एनसीएलटी ने पट्टेदारों, उधारदाताओं की वसूली से भी गो फस्र्ट को संरक्षण प्रदान किया है और फिलहाल इसपर पाबंदी लगा दी है। बता दें कि गो फस्र्ट पर करीब 11,463 करोड़ रुपये की देनदारी है। वाडिया ग्रुप की कंपनी ने विमान इंजन की सप्लाई संबंधी परेशानियों का हवाला देते हुए कहा था कि वह उड़ानों का संचालन नहीं कर पा रहा है।
दूसरी ओर गो फस्र्ट को पट्टे पर विमान देने वाली कंपनियों ने नागर विमानन महानिदेशालय यानी डीजीसीए से एयरलाइन के विमानों का पंजीकरण खत्म करने का अनुरोध किया है। अब तक 45 विमानों का पंजीकरण रद्द करने की अपील हो चुकी है। बता दें कि दो मई को जब गो फस्र्ट के विमानों का परिचालन बंद हुआ था उस समय कंपनी के बेड़े में 55 विमान थे।