फरवरी माह के आखिरी दिन भी शेयर बाजार में गिरावट, नहीं थम रहा लुढक़ने का सिलसिला

मुंबई। शेयर बाजार में फरवरी महीने के आखिरी दिन भी शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है. सेंसेक्स और निफ्टी दोनों लाल निशान पर खुले. मार्केट में भारी गिरावट के साथ कामकाज की शुरुआत हुई और निफ्टी-सेंसेक्स ने अपने अहम स्तरों को तोड़ दिया. निफ्टी 22300 के नीचे चला गया है. खबर लिखे जाने तक बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 700 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 200 अंकों से ज्यादा लुढक़ चुके थे.
सेंसेक्स 686.45 अंक की गिरावट के साथ 73,925.98 पर और निफ्टी 219.85 अंक की गिरावट के साथ 22,325.20 पर खुला. इस दौरान करीब 539 शेयरों में तेजी, 1702 शेयरों में गिरावट देखने को मिली.खबर लिखे जाने तक सेंसेक्स में 900 अंकों से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल रही है. इस गिरावट से बीएसई लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 5.8 लाख करोड़ रुपये घटकर 387.3 लाख करोड़ रुपये रह गया.
फरवरी ने दुनियाभर में निवेशकों को खून के आंसू रुला दिए हैं वहीं महीने आखिरी दिन भी बाजार में निवेशकों को राहत मिलती नहीं दिखा रही है. भारतीय शेयर बाजार में आज मार्केट खुलते ही निवेशकों के 5.8 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रुपए डूब गए. यही नहीं निफ़्टी का कोई भी इंडेक्स शुक्रवार के कारोबारी सत्र में हरे निशान अपर नहीं दिखा. ओवरऑल बात करें तो बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 5.8 लाख करोड़ रुपये घट गया.
बीते दिन 27 फरवरी 2025 को बीएसई पर लिस्टेड सभी शेयरों का कुल मार्केट कैप 3,93,10,210.53 करोड़ रुपये था. आज यानी 28 फरवरी 2025 को मार्केट खुलने पर गिरकर यह 3.87 लाख करोड़ रुपये पर आ गया. यानी की निवेशकों की पूंजी 6 लाख करोड़ से ज्यादा डूब गई है.
बाजार में तबाही के पीछे कई वजहें मानी जा रही हैं, इसमें सबसे बड़ी वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का नया टैरिफ ऐलान, विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली और भारत की तीसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े हैं.
मार्केट में जारी इस गिरावट के बीच बाजार जानकारों ने भारतीय बाजार और शेयरों को ओवरवैल्यूड बताया है. जानकारों का मानना है कि इकोनॉमी के मुकाबले भारतीय बाजार अभी काफी ओवरवैल्यूड हैं और स्टॉक्स काफी महंगे हैं. इस बीच सबसे ज्यादा हैरानी की बात तो ये है कि बीते 4 महीनों से जारी गिरावट के चलते कई स्टॉक्स 50 फीसदी से ज्यादा तक गिर चुके हैं. बाजार विषेशज्ञों ने बाजार में अभी भी और गिरावट की आशंका जताई है. उनका कहना है कि अभी स्टॉक्स महंगे होने के कारण बाजार और भी गिर सकता है.
बाजार के क्रैश होने के पीछे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का फैसला है. दरअसल, ट्रंप ने 27 फरवरी को ऐलान किया था कि मैक्सिको और कनाडा से आने वाले सामान पर 25त्न टैरिफ और चीन से आने वाले सामान पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क 4 मार्च से लागू होगा. उनके इस फैसले से ग्लोबल बाजार में हलचल मच गई जिसका असर भारतीय बाजार पर भी देखने को मिल रहा है.
बाजार में गिरावट की 3 बड़ी वजहें
अमेरिका का टैरिफ फैसला: अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने मेक्सिको और कनाडा से आयात पर नए टैरिफ लागू करने का ऐलान किया. इससे वैश्विक बाजारों में दबाव बढ़ा और भारतीय बाजार पर भी असर दिखा.
बिकवाली: विदेशी संस्थागत निवेशक लगातार भारतीय बाजारों में बिकवाली कर रहे हैं, जिससे गिरावट तेज हो रही है.
भारत की तीसरी तिमाही जीडीपी डेटा: देश की अर्थव्यवस्था से जुड़े नए आंकड़े जारी होने वाले हैं जो बाजार को प्रभावित कर रहे हैं. इससेनिवेशकों में अनिश्चितता बनी हुई है.
रुपए में गिरावट
रुपया शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में 19 पैसे टूटकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.37 पर आ गया. अमेरिकी मुद्रा की मजबूती और घरेलू शेयर बाजारों में नकारात्मक रुख ने निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया.

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