अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई में गरीब न हों प्रताड़ित : सीएम योगी
- लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय होगी
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत प्रदेश में चलने वाले अभियान में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई के दौरान गरीबों को प्रताड़ित नहीं किया जाए जबकि माफियाओं का समूल नाश किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा अतिक्रमण की समस्या को समाप्त करना स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी है। इसमें लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा माफिया के खिलाफ एक्शन जारी रहेगा। इस दौरान किसी गरीब को अनावश्यक रूप से प्रताड़ित न किया जाए। अपराधियों और कानून तोड़ने वालों के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाए, जबकि गरीबों के प्रति संवेदनशील तरीके से कार्रवाई की जाए। गरीबों के लिए विधिवत पुनर्वास सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभियान के दौरान किसी भी अधिकारी के विरुद्ध किसी गरीब व्यक्ति के खिलाफ अनावश्यक प्रताड़ना की शिकायत आती है तो उनके खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाएगी। अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चला के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई सिर्फ पेशेवर माफिया व अपराधियों पर हो। किसी गरीब की झोपड़ी पर बुलडोजर न चलाया जाए। शहरी क्षेत्रों में अवैध पार्किंग व अतिक्रमण को लेकर सीएम योगी के सख्त निर्देश को देखते हुए नगर विकास विभाग ने प्रदेश भर में एक माह विशेष अभियान चलाने का मसौदा तैयार किया है।
इसके तहत 18 जून तक अवैध वाहन स्टैंड, अवैध पार्किंग, सड़कों, नालों आदि से अतिक्रमण हटाए जाएंगे। प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने इस संबंध में सभी जिलों को निर्देश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि नगर निकाय के अधिकारी अधिकृत बस, टैंपो, टैक्सी रुकने वाले स्थानों को चिह्नित कराते हुए जरूरी व्यवस्था कराएंगे। रोड निशान, दिशा सूचक, पेयजल, मार्ग प्रकाश व्यवस्था का काम भी कराया जाएगा। जिला व पुलिस प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करते हुए व्यापार मंडल, स्ट्रीट वेंडर्स एसोसिएशन के साथ बैठक कर सार्वजनिक स्थानों व सड़कों से अतिक्रमण हटाए जाएंगे। अभियान के दौरान सड़कों को गड्ïढामुक्त करने के साथ अवैध कट खत्म किए जाएंगे। छुट्टा पशुओं को गोआश्रय स्थल भेजा जाएगा।
अब गेहूं नहीं सिर्फ चावल मिलेगा
- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में बिल्कुल नहीं मिलेगा गेहूं
लखनऊ। छह महीने कोई चुनाव नहीं है इसलिए सरकार ने मुफ्त अनाज के वितरण की सीमा पर थोड़ा ब्रेक लगा दिया है। सरकार ने राशन वितरण में गेहूं का कोटा कम कर दिया है। बदले में चावल का कोटा बढ़ाया गया है। प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना में तो बिल्कुल भी गेहूं नहीं मिलेगा। बदले में पूरा कोटा चावल का दिया जाएगा। इसके अलावा प्रदेश सरकार के नियमित वितरण के कोटे में भी अदला बदली की गई है। उत्तर प्रदेश में पात्र गृहस्थी लाभार्थी कार्डधारकों की संख्या 3.62 करोड़ है, जिसमें कुल 14.97 करोड़ यूनिटों को मुफ्त में प्रतिमाह राशन दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना के तहत इन कार्डधारकों को प्रति यूनिट तीन किलो गेहूं और दो किलो चावल दिया जाता है। अब ऐसा नहीं होगा। केंद्र सरकार ने इसमें गेहूं का कोटा खत्म करते हुए चावल का कोटा बढ़ा दिया है। यानी अब गेहूं की बजाय पूरा पांच किलो चावल ही मिलेगा।
इसके अलावा प्रदेश में 40.93 लाख अंत्योदय कार्डधारक हैं। इनमें 1.31 करोड़ यूनिटों को राशन वितरण किया जाता है। प्रत्येक कार्ड पर कुुल 35 किलो खाद्यान्न मिलता है, जिसमें 20 किलो गेहूं और 15 किलो चावल का वितरण किया जाता है। अपर आयुक्त खाद्य अनिल दुबे ने बताया कि अब इसमें भी बदलाव किया गया है। इस कार्ड पर अब 21 किलो चावल और 14 किलो गेहूं दिया जाएगा। प्रदेश सरकार भी नियमित राशन वितरण कर रही है, जिसमें प्रति यूनिट तीन किलो गेहूं और दो किलो चावल मिलता है। इसे पलट दिया गया है। अब प्रति यूनिट तीन किलो चावल और दो किलो गेहूं दिया जाएगा। सरकार की ओर से सितंबर माह तक का नया कोटा जारी किया जा रहा है और इसमें यह नई व्यवस्था ही लागू रहेगी।