खतरे में व्यापार-दुनिया में हाहाकार

  • डोनाल्ड ट्रंप की जिद से भारत भी सहमा
  • अमेरिकन बिजनेस वार की शुरूआत, लाल निशान में सेंसेक्स
  • रुपया और नीचे जाएगा महंगाई और बेरोजगारी बढ़ेगी, कंपनियों में छटनी का एक्शन प्लान
  • मेक्सिको-कनाडा से आने वाले सामानों पर 25 प्रतिशत और चीन से आयात पर अमेरिका ने लगाया 10 प्रतिशत टैरिफ

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। आखिरकार वही हुआ जिसका डर था। शपथ लेने के बाद अमेरिकन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वह कर दिखाया जो उन्होंने कहा था। उनहोंने अमेरिका के तीन सबसे बड़े बिजनेस पार्टनर देश चीन, मैक्सिको और कनाडा से इम्पोर्ट की जाने वाली सभी वस्तुओं पर नए टैरिफ लागू कर दिये हैं। इन तीनों मुल्कों ने ट्रंप के आदेश के सामने झुकने से इनकार कर दिया है। इस पूरे घटनाक्रम को दुनिया के लिए गन वार के बाद अर्थ वार की शुरूआत माना जा रहा है। जाहिर सी बात है इस वार की जद में विकासशील देशों का पिसना तय है। भारत का व्यापारिक आईना सेंसेक्स ने ताजा घटनाक्रम को निगेटिव अर्थों में लिया है और बाजार में जबर्दस्त बिकवाली देखने को मिली। गिरावट उन कंपनियों के शेयरों में है जिनका व्यापार दूसरे देशों पर निर्भर करता है। यही नहीं महंगाई का डर और बेरोजग़ारी चिंता लोगों के मन गहरा रही है और संकेत तो इससे भी भयानक है। तो क्या दुनिया में जो कमजोर लोग गन वार से बच गये हैं वह इस नये अर्थवार में मरने से बच जाएगा? सवाल बहुत बड़ा है और इसका उत्तर तो उससे भी भयानक है। कोरोना के बाद दुनिया अभी ठीक से चलना शुरू ही हुई थी कि अमेरिकन दादागिरी ने उसे घुटनों के बल ला दिया है। जिन मुल्कों पर टेरिफ लगाया गया है उन्होंने जवाबी कार्रवाही करते हुए अमेरिका पर भी नये टैरिफ लागू कर दिये हैं। इन सब में सबसे बड़ा नुकसान कमजोर अर्थव्यवस्था वाले मुल्कों का होना तय है। भारत की चिंताए बढ़ गयी है और अर्थव्यवस्था पर एलान के 24 घटें के भीतर पसीना नजर आ रहा है।

कनाडा व मैक्सिको ने किया पलटवार

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि उनका देश राष्टï्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करते हुए अनेक अमेरिकी आयातों पर 25प्रतिशत शुल्क लगाएगा। उन्होंने कहा कि वह 155 बिलियन कनाडाई डॉलर (107 बिलियन अमेरिकी डॉलर) के अमेरिकी सामानों पर टैरिफ लगा रहे हैं। कनाडाई पीएम ने कहा कि 30 बिलियन कनाडाई डॉलर के अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ मंगलवार से लागू होंगे, उसी दिन ट्रंप के टैरिफ भी प्रभावी होंगे और 125 बिलियन कनाडाई डॉलर मूल्य के यूएस प्रॉडक्ट्स पर 21 दिनों में शुल्क लगाया जाएगा। मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम ने शनिवार को अमेरिकी आयात पर जवाबी टैरिफ लगाने की बात कही। एक्स पर लिखे एक लंबे लेख में शीनबाम ने कहा कि उनकी सरकार अपने शीर्ष व्यापारिक साझेदार के साथ टकराव के बजाय बातचीत चाहती थी, लेकिन मेक्सिको को भी उसी तरह जवाब देने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

दबाव में भारतीय शेयर बाजार

भारतीय शेयर बाजार सोमवार के कारोबारी सत्र में लाल निशान में खुला। बाजार में चौतरफा बिकवाली देखी जा रही है। सुबह 9:50 पर सेंसेक्स 318 अंक या 0.42 प्रतिशत की गिरावट के साथ 75,871 और निफ्टी 102 अंक या 0.43 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 22,989 पर था।शुरुआती कारोबार में लार्जकैप की अपेक्षा मिडकैप और स्मॉलकैप में अधिक बिकवाली बनी हुई है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 972 अंक या 1.83 प्रतिशत की गिरावट के साथ 52,290 पर और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 553 अंक या 3.26 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 16,402 पर था। ऑटो, आईटी, फार्मा, मेटल, एनर्जी, इन्फ्रा और कमोडिटी इंडेक्स में दबाव बना हुआ है। केवल रियल्टी और एफएमसीजी इंडेक्स ही हरे निशान में हैं। एशियाई बाजारों में मिलाजुला कारोबार देखने को मिल रहा है। टोक्यो, बैंकॉक और जकार्ता के बाजार लाल निशान में हैं। वहीं, शंघाई और हांगकांग में हरे निशान में कारोबार हो रहा है। अमेरिकी शेयर बाजार शुक्रवार को लाल निशान में बंद हुए थे। कच्चे तेल में गिरावट बनी हुई है। ब्रेट क्रूड 0.75 प्रतिशत की गिरावट के साथ 76.97 डॉलर प्रति बैरल और डब्ल्यूटीआई क्रूड 0.74 प्रतिशत की गिरावट के साथ 74.11 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ है।

यूरोपियन यूनियन ने दी चेतावनी

ईयू यूरोपियन यूनियन ने अमेरिका को चेताते हुए कहा है कि शुल्क लगाने से आर्थिक अस्थिरता बढ़ती है और महंगाई में इजाफा होता है, जिससे सभी पक्षों को नुकसान पहुंचता है। यदि अमेरिका यूरोपीय उत्पादों पर शुल्क लगाता है, ईयू किसी भी अनुचित या मनमाने शुल्क के खिलाफ सख्त प्रतिक्रिया देगा। ईयू के मुताबिक अमेरिका और यूरोपीय संघ के बीच व्यापार और निवेश संबंध दुनिया में सबसे बड़े हैं, और यह संबंध बहुत महत्वपूर्ण है।

ट्रंप के आदेश पर चीन भी बिफरा

ट्रंप के आदेश पर चीन की प्रतिक्रिया भी काफी तीखी रही। रविवार को चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि चीन विश्व व्यापार संगठन में मुकदमा दायर करेगा और अपने हितों की रक्षा के लिए उचित जवाबी कदम उठाएगा। मंत्रालय ने कहा,अमेरिका की ओर से एकतरफा टैरिफ वृद्धि विश्व व्यापार संगठन के नियमों का गंभीर उल्लंघन है। यह कदम न केवल अमेरिका के अपने मुद्दों को हल करने में नाकाम है बल्कि चीन-अमेरिका के सामान्य आर्थिक और व्यापार सहयोग को भी बाधित करता है। चीन अमेरिकी निर्णय का कड़ा विरोध करता है और इससे बेहद असंतुष्ट है।

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