भय में जीने को मजबूर यूपी के लोग: अखिलेश
- बोले- सीएम के अपराध नियंत्रण के दावे सिर्फ जुमले
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एकबार फिर योगी सरकार के कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यूपी में अपराध थम नहीं रहे हैं। मुख्यमंत्री के अपराध नियंत्रण के दावे सिर्फ जुमले भर रह गए हैं। जनता भय के माहौल में जीने को विवश है। जीरो टॉलरेंस अब जीरो हो गया है। महिलाओं के अलावा बच्चे भी यौन उत्पीडऩ के शिकार हो रहे हैं। यह शासन और प्रशासन के लिए शर्म की बात है।
अखिलेश ने जारी बयान में कहा कि लखनऊ में ही महिलाएं-बच्चियां सुरक्षित नहीं है। मुख्यमंत्री का एंटी रोमियो स्क्वाएड और गश्ती पुलिस दल वारदातों के समय कहीं दिखाई नहीं देता है। सोमवार को एक अधिकारी की बेटी के साथ लखनऊ से बाराबंकी के 20 किलोमीटर रास्ते में दुष्कर्म की घटना हुई, जबकि इस बीच छह थाना क्षेत्र भी पड़ते हैं। आरोपी खुलेआम नशा करते दिखे, उन्होंने युवती को भी जबरन नशीला पदार्थ पिलाया, पर कहीं कोई हलचल नहीं हुई। ऐसे ही बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत महिला खंड शिक्षा अधिकारी ने बीएसए के स्टेनो पर परेशान करने की शिकायत की है। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में हर चार दिन में एक बच्चा यौन शोषण का शिकार हो रहा है। अपराध की ये घटनाएं विचलित करने वाली हैं।
ईवीएम से चुनाव के मुद्दे पर हो जनमत संग्रह
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि ईवीएम को लेकर जनता के मन में शंका होने से देश का लोकतंत्र कमजोर हो रहा है। बैलेट पेपर से चुनाव लोकतंत्र में विश्वास की पुनस्र्थापना के लिए जरूरी है। तकनीक के माध्यम से घपलों-घोटालों की खबर आम बात हो गई है तो फिर ईवीएम शक के घेरे से बाहर कैसे हो सकती है। अखिलेश ने एक्स के जरिये मंगलवार को कहा कि ईवीएम को लेकर एक जनमत कराने की आवश्यकता है। लोकतंत्र में जनता को सिर्फ सरकार चुनने का ही अधिकार नहीं होता, चुनने के तरीके और चुनने के माध्यम को भी चुनने का भी अधिकार होता है। इसी के आधार पर दुनिया के विकसित देशों ने ईवीएम के स्थान पर फिर से बैलेट पेपर यानी मतपत्र से चुनाव कराना शुरू कर दिया है। बैलेट पेपर निर्वाचन की सत्यता का पुख्ता सुबूत होता है।