मीठे का भोग लगाकर मां कालरात्रि को करें प्रसन्न, सारे कष्ट होंगे दूर
शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 03 अक्टूबर से हो चुकी है। ऐसे में आज नवरात्रि का 7वां दिन है। नवरात्रि के 7वें दिन मां कालरात्रि का दिन है...
4PM न्यूज नेटवर्क: शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 03 अक्टूबर से हो चुकी है। ऐसे में आज नवरात्रि का 7वां दिन है। नवरात्रि के 7वें दिन मां कालरात्रि का दिन है। ऐसा माना जाता है कि मां कालरात्रि की पूजा करने से जीवन से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। मां का यह स्वरूप भयंकर है, लेकिन इन्हें भक्तों के लिए अत्यंत कल्याणकारी और शुभ फलदायकिनी माना जाता है। मां कालरात्रि की पूजा से अज्ञात भय, रोग, शत्रु बाधा और अन्य सभी विपदाओं का नाश होता है।
पूजा करने से जीवन से सारे कष्ट होंगे दूर
देवी कालरात्रि को मां दुर्गा के नौ अवतारों में बहुत ही क्रोधी देवी माना जाता है क्योंकि जब-जब धरती पर पाप बढ़ जाता है, तो देवी कालरात्रि का अवतार लेकर पापियों का संहार करने के लिए आती हैं। देवी कालरात्रि को अंधकार की देवी भी कहा जाता है लेकिन देवी कालरात्रि केवल दुष्टों का ही संहार करती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि नवरात्रि के सातवें दिन की देवी कालरात्रि की विशेष पूजा विधि, भोग और महत्व।
आपको बता दें कि आज के दिन की विशेषता के बारे में बात करते हुए श्रीकैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष ज्योतिषाचार्य ने बताया कि मां कालारात्रि को व्यापक रूप से माता देवी- काली, महाकाली, भद्रकाली, भैरवी, मृत्यू, रुद्रानी, चामुंडा, चंडी और दुर्गा के कई विनाशकारी रूपों में से एक माना जाता है।
मां कालरात्रि का भोग प्रसाद
- मां कालरात्रि को गुड़ या गुड़ से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है।
- इसके साथ ही माता कालरात्रि को मालपुए का भोग भी लगा सकते हैं। इससे कालरात्रि मां की कृपा आप पर बनी रहेगी।
- कालरात्रि मां को मीठे का भोग इसलिए भी लगाया जाता है क्योंकि माना जाता है कि क्रोधित माता को मीठा खिलाकर ही शांत और प्रसन्न किया जा सकता है।
मां कालरात्रि की पूजा का मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।