हिमाचल के सीएम को ताना देते हैं पीएम मोदी: पवन
- कांग्रेस नेता बोले- ओपीएस को लेकर सुक्खू से कहते हैं हिमाचल है अमीर
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
हमीरपुर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मीडिया व पब्लिसिटी विभाग के चेयरमैन राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि हिमाचल के हकों को लेकर जब प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह दिल्ली जाते हैं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें ओपीएस का ताना देकर कहते हैं कि हिमाचल अमीर है, क्योंकि यहां की सरकार ओपीएस के लिए बजट दे सकती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री एक तरफ हिमाचल को अपना दूसरा घर कहते हैं, लेकिन आपदा में लापता हो गए। जब इस घर पर आपदा आई तो वह इसके हालत जानने के लिए यहां नहीं आए। यह ओपीएस हिमाचल का हक है और कर्मचारियों को दिया गया है। हर गारंटी को हिमाचल में कांग्रेस पूरा कर रही है।
आपदा में न फंड रिलीज किया और न पैकेज दिया गया। उन्होंने कहा हिमाचल में आज भी रेड हो रही है। सरकारी जांच एजेसियों की साख मोदी सरकार ने गिराई है। लोकसभा चुनावों में हार से भी मोदी सरकार ने सबक नहीं लिया है। विश्व के किसी भी देश में सरकारी एजेसियों का ऐसा दुरूपयोग नहीं हुआ होगा। सात दिन के लिए यह एजेंसी कांग्रेस को दें तो वह पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे हालांकि कांग्रेस उन्हें नहीं लेगी।
खेड़ा की ओर से दाखिल निगरानी याचिका खारिज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता पर अशोभनीय टिप्पणी कर जानबूझकर अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी के नाम के साथ जोडऩे के मामले में सीजेएम कोर्ट द्वारा डिस्चार्ज अर्जी खारिज करने के आदेश के विरुद्ध कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा की ओर से दाखिल निगरानी याचिका को एमपी/एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश हरबंस नारायण ने खारिज कर दिया है। एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश हरबंश नारायण के समक्ष निगरानीकर्ता ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट लखनऊ के 5 जनवरी 2024 के आदेश को चुनौती दी थी। जिसमें उन्होंने राज्य सरकार के अलावा भारतीय जनता पार्टी के महानगर अध्यक्ष शंकर लाल शर्मा को पक्षकार बनाया था। विशेष अदालत ने अपने निर्णय में कहा है कि निगरानी कर्ता के विरुद्ध विभिन्न जिलों एवं राज्यों में जो प्रथम सूचनाए दर्ज हुई है उनसे संज्ञेय अपराध का होना पाया जाता है। इसके अलावा स्थानीय थाना हजरतगंज पुलिस द्वारा दायर आरोप पत्र को भी निगरानीकर्ता ने माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती दी थी। जिसमें उच्च न्यायालय ने किसी भी प्रकार से हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था तथा उसे आदेश दिया था कि वह निचली अदालत के समक्ष अपने तर्क प्रस्तुत करें।
एजेंसियों के दुरुपयोग से सरकार को गिराने का प्रयास
पवन खेड़ा ने कहा कि पीएम मोदी आखिर वह हिमाचल के लोगों की आंखों में आंखें मिलाकर वोट कैसे मांगते हैं। आपदा को कांग्रेस सरकार में हिमाचल में मजबूती से सामना किया। गुजरात से आई राजनीतिक आपदा का कांग्रेस ने मुकाबला किया है। हिमाचल ने केंद्र सरकार की ऐंठ निकाली है। हार में चुनावों के बाद पार्टी को हार स्वीकार कर आत्ममंथन करना चाहिए, लेकिन हिमाचल में भाजपा ने आत्मचिंतन के बजाए एजेंसियों का दुरूपयोग और धनबल से सरकार को गिराने के प्रयास किए गए।