पैरोल पर आया किशोर लापता, तलाश में पुलिस
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। प्रमुख सचिव नमामि गंगे अनुराग श्रीवास्तव का निजी डाटा हैक करने के मामले में पकड़ा गया लडक़ा पैरोल पर बाहर आते ही लापता हो गया। दिसंबर 2022 में साइबर क्राइम थाने की टीम ने किशोर और उसके पिता को गिरफ्तार किया था। आरोपी पिता सत्यप्रकाश ने प्रमुख सचिव का निजी आईटी कंसलटेंट होने के दौरान उनका निजी डेटा हैक कर रंगदारी मांगी थी। पिता आजकल जमानत पर और बेटा परीक्षा देने के चलते पैरोल पर था। पैरोल खत्म होने के बाद बाल सुधार गृह नहीं पहुंचने पर पुलिस ने खोजबीन की। तब दोनों के फरार होने की जानकारी हुई।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक सत्यप्रकाश ने अपने नाबालिग बेटे को बाल सुधार गृह से निकालने की साजिश के चलते ही परीक्षा के नाम पर पैरोल की साजिश रची। नाबालिग आरोपी की किसी प्रतियोगी परीक्षा के चलते ही 19 से 21 मार्च तक की पैरोल मिली थी। उसे बाल सुधार गृह से 19 मार्च को छोड़ा गया। लेकिन वह परीक्षा के बाद वहां नहीं लौटा। इसकी जानकारी होने पर बाल सुधार गृह से साइबर क्राइम थाने को सूचना दी गई। प्रभारी निरीक्षक साइबर क्राइम थाना मुस्लिम खान के मुताबिक पिछले 13 दिन से उसकी तलाश की जा रही है। लेकिन कोई सुराग नहीं मिला है। वहीं सत्यप्रकाश कोर्ट से 17 फरवरी की जमानत मिलने के बाद से बाहर है। पिता-पुत्र घर में ताला लगाकर गायब है। उनकी तलाश में संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है।
प्रमुख सचिव नमामि गंगे का डाटा हैक कर मांगे थे पैसे
प्रमुख सचिव नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति अनुराग श्रीवास्तव ने नवंबर 2022 में साइबर क्राइम थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि हैकरों ने उनके क्रेडिट कार्ड से विदेशी मुद्रा का ट्रांजेक्शन करने के साथ हैकरों ने प्रमुख सचिव व उनके परिवार के चार लोगों के ईमेल और क्लाउड डाटा को हैक कर बिटक्वाइन में रंगदारी मांगी थी। साइबर क्राइम थाने की टीम ने 11 दिसंबर को आईटी कंसल्टेंट कंपनी के तीन कर्मचारी पीजीआई के उतरेठिया बाजार निवासी अमित प्रताप सिंह, वृंदावन योजना सेक्टर-9 के रजनीश निगम और गोमतीनगर के हार्दिक खन्ना शामिल को पकड़ा था। लेकिन जांच में सामने आया कि प्रमुख सचिव को उनके ही निजी आईटी कंसल्टेंट सत्यप्रकाश ने अपने नाबालिग बेटे के साथ ठगी की थी।
मूलरूेेप से पटना का रहने वाला सत्यप्रकाश सुशांत गोल्फ सिटी में पार्थ अपार्टमेंट में परिवार सहित रहता है। उसने प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव को अपने जाल में फंसा लिया था। निजी व कार्यालय के इंटरनेट से जुड़ी हर समस्या का निदान वह खुद करता था। इसी का फायदा उठाकर उसने गोपनीय जानकारी हासिल की। फिर उनका मेल व डाटा हैक कर लिया। इसके बाद उनसे रंगदारी का मेल भेजा। रंगदारी में उसने बिटक्वाइन में 80 लाख रुपये की मांग की थी। साइबर क्राइम की टीम ने 17 दिसंबर को इस मामले में सत्यप्रकाश और नाबालिग बेटे को पकड़ कर बाल सुधार गृह भेजा था।