राजस्थान में सियासी सरगर्मी जारी, बड़े नेता कर रहे अन्य राज्यों की तैयारी!
4PM न्यूज़ नेटवर्क: लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राज्यों में चर्चाएं जोरों पर हैं। जिन राज्यों में चुनाव होने बाकी हैं उनमें लगातार प्रचार-प्रसार जारी है वहीं जिन राज्यों में चुनाव संपन्न हो गए हैं वहां ने नेताओं को दूसरे राज्यों की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। अब भले ही राजस्थान में चुनाव संपन्न हो गए हैं लेकिन सियासी हलचल अभी भी तेज है। आपको बता दें कि राजस्थान में कुल 25 सीटों पर चुनाव संपन्न हो चुके हैं भरपूर तैयारियों के साथ शुरू हुआ लोकतंत्र का पर्व पूरा हो गया. प्रदेश में दो चरणों में 25 लोकसभा सीटों पर इकसठ दसमलव पांच तीन फीसदी मतदाताओं ने वोट डालकर अपना लोकतंत्र में फर्ज निभाया. राजनीति से जुड़े लोगों से लेकर आम नागरिकों तक सभी मतदान प्रतिशत को लेकर गणित बैठाने लगे हैं. अब इंतजार है तो बस परिणाम आने का. इसके लिए करीब सवा महीने का इंतजार करना होगा. राजस्थान के दोनों चरण पूरे हो चुके हैं लेकिन देश में अन्य राज्यों में मतदान की प्रक्रिया होनी बाकी है.
देशभर में चुनावी चरण पूरे होने के बाद मतगणना होगी तब तक राजस्थान की 25 सीटों पर भाग्य आजमाने वाले दो सौ छियासठ प्रत्याशियों का भाग्य इवीएम में कैद रहेगी. राजस्थान में दूसरे चरण का मतदान खत्म होने के बाद पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा कि ‘लोकसभा चुनाव 2024 के चुनावी अभियान में समर्पित भाव से लगे समस्त कांग्रेस परिवार को धन्यवाद.साथ ही राजस्थान की सम्मानित जनता से मिले भरपूर सहयोग व आशीर्वाद का अभिनन्दन करता हूं. मुझे पूर्ण विश्वास है कि हम सब मिलकर न्याय की संकल्पना को साकार करते हुए सशक्त राजस्थान व हिंदुस्तान निर्माण करेंगे.’ दूसरे चरण का मतदान पूरा होने के साथ ही प्रदेश में लोकतंत्र का महापर्व सम्पन्न हो गया. इसके साथ ही दूसरे चरण के एक सौ बावन प्रत्याशियों सहित प्रदेश के सभी दो सौ छियासठ प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में बंद हो गया.
पहले चरण में मतदान कम होने के बाद राजनीतिक दलों और निर्वाचन मशीनरी ने मतदाताओं का जोश बढ़ाने के प्रयास किए. इसके बाद दूसरे चरण के मतदान में कुछ जगह मतदाताओं ने दम दिखाया और बाड़मेर में सबसे अधिक पचहत्तर फीसदी, बांसवाड़ा में मतदान तिहत्तर प्रतिशत और कोटा में इकहत्तर फीसदी पार कर गया. राजस्थान की सभी 25 सीटों पर मतदान होने के बाद फलोदी सट्टा बाजार में अब दूसरे चरण के 13 सीटों पर फलोदी बाजार का भाव खोल दिए गए हैं. वहीं राजस्थान में कई हॉटशीट हैं जिन पर सभी की नजर टिकी हुई हैं. इसमें जैसेलमेर-बारमेड़ लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा चर्चाओं का बाजार गरम है. क्योंकि भाजपा से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ शिव से विधायक बने रविंद्र सिंह लोकसभा चुनाव में भी भाग्य आजमाने उतरे और चुनाव के दौरान भाटी जबरदस्त भीड़ के साथ नजर आए.नामांकन रैली हो या रोड शो हो या फिर कोई सभा हर जगह उनके समर्थको भीड़ देखने के बाद चर्चाए भी होती रही.
वहीं अब चुनाव संपन्न होने के बाद ही अब बड़े नेताओं को दूसरे राज्यों की जिम्मेदारी दे दी गई है ऐसे में लोकसभा चुनाव 2024 के चुनाव प्रचार के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा दूसरे राज्यों में जाएंगे. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सोमवार को कोलकाता के लिए रवाना होंगे. बीजेपी के अन्य नेता भी अन्य राज्यों में चुनाव प्रचार की संभालेंगे कमान. प्रदेश बीजेपी के लगभग 150 अन्य नेताओं को भी अलग-अलग राज्यों में प्रचार के लिए भेजा जा रहा है. सबसे ज्यादा नेता उत्तर प्रदेश जाएंगे. इसके साथ ही कई सांसद, मंत्रियों को अन्य राज्यों में चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी दी गई है. बीजेपी नेता अन्य राज्यों में जाकर पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में जनसभा, जनसंवाद, सामाजिक बैठक सम्मेलन कर वोट देने की अपील करेंगे। कांग्रेस के स्टार प्रचारक भी अब अन्य राज्यों में चुनाव प्रचार की कमान संभालेंगे. राजस्थान के प्रभारी सुखजिन्दर सिंह रंधावा, प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ,नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, रघु शर्मा, जीतेन्द्र सिंह, सीपी जोशी, अशोक चांदना सहित कई नेता अन्य राज्यों में पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में वोट देने की मतदाताओं से अपील करेंगे.
वहीं राजस्थान की कुछ सीटों की अगर हम बात करें तो बांसवाड़ा लोकसभा सीट प्रदेश में काफी चर्चाओं में रही है. इसके पीछे कांग्रेस का भारत आदिवासी से गठबंधन करना और यहीं कांग्रेस पार्टी के सिंबल के साथ प्रत्याशी मैदान में होना रहा. अब इस हॉट सीट के वोटिंग प्रतिशत पर नजर डालते हैं. साल 2009 के लोकसभा चुनाव को देखें तो यहां बावन दसमलव छह आठ प्रतिशत मतदान हुआ था. तब कांग्रेस की जीत हुई थी. वहीं इस बार के चुनाव में इस सीट पर बहत्तर दसमलव दो चार प्रतिशत वोटिंग हुई है जिससे की अटकलों का बाजार गर्म है और अब इसे लेकर कांग्रेस के लिए अच्छी खबर मानी जा रही है। मतदान प्रतिशत बढ़ने पर बीजेपी को पिछले दो चुनावों में जीत मिली है लेकिन इस बार पहले जैसा ही मतदान हुआ. ऐसे में चर्चाएं है कि कांग्रेस के साथ गठबंधन के कारण भारत आदिवासी को ताकत मिली और महेंद्रजीत सिंह मालविया के बीजेपी में आने से भाजपा को ताकत मिली. दोनों में काटे की टक्कर बताई जा रही थी.
वोटिंग प्रतिशत न कम हुआ और ना बढ़ा जिससे अब भी जीत हार का मार्जिन कम ही दिखाई दे रहा है. यानी कांटे की टक्कर है.खास बात यह भी है कि दोनों प्रत्याशी भारत आदिवासी पार्टी के राजकुमार रोत और बीजेपी के महेंद्र जीत सिंह मालविया के ग्रह क्षेत्र (विधानसभा क्षेत्र) में बंपर वोटिंग हुई है। खैर बात करें पिछले चुनाव की तो बीजेपी के लिहाज से राजस्थान बेहद अहम राज्य है। पिछले दो लोकसभा चुनावों के दौरान यहां बीजेपी ने 25 की 25 सीटें जीतकर क्लीन स्वीप किया था, लेकिन इस बार सूत्रों का कहना है कि कई सीटों पर बीजेपी कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। ऐसा इस लिए भी है क्योंकि भाजपा के खिलाफ इस बार के चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने दिग्गज चेहरों को उतारा है साथ ही इस बार भाजपा और कांग्रेस में सीधी टक्कर है। कांग्रेस के सभी स्टार प्रचारकों ने भी जमकर मेहनत की है अब किसकी कितनी मेहनत रंग लाती है ये तो खैर आने वाले चुनावी परिणाम ही तय करेंगे।
लेकिन अभी मौजूदा समय की अगर हम बात करें तो अभी भी कांग्रेस पार्टी के नेता सक्रिय मोड में नजर आ रहे हैं। तभी तो छत्तीसगढ़ में बीजेपी विधायक रिकेश सेन का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें वह धर्म परिवर्तन में शामिल होने वाले लोगों का ‘गला काटने’ की धमकी दी। लेकिन जब से ये मामला सामने आया तबसे ही राज्य की सियासत में भूचाल सा आ गया है. विपक्षी पार्टी कांग्रेस अब बीजेपी विधायक के इस बयान की कड़ी निंदा कर रही है. वहीं इसे लेरक कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रभारी सचिन पायलट ने चुनाव आयोग से मांग की है कि इस मामले में संज्ञान लें और बीजेपी विधायक के खिलाफ एक्शन लें. जानकारी के लिए बता दें कि रिकेश सेन दुर्ग जिले की वैशाली नगर विधानसभा सीट से विधायक हैं. साथ ही इसे लेकर सचिन पायलट ने बीजेपी पर निशाना साधा और कहा कि एक ओर हम स्वस्थ लोकतंत्र बनाने की बात कर रहे हैं और दूसरी ओर बीजेपी विधायक ऐसे बयान दे रहे हैं.
सचिन पायलट ने कहा कि उनकी यह टिप्पणी धर्म, जाति या समुदाय को लेकर दिए गए ऐसे बयान कभी भी स्वस्थ लोकतंत्र के निर्माण में मददगार साबित नहीं हो सकते. चुनाव आयोग को इस पर संज्ञान लेते हुए विधायक रिकेश सेन के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. वहीं इस चुनाव में अगर बात हम तमिलनाडु की करें तो दक्षिण भारत की सबसे ज्यादा सीटों वाले इस राज्य में बीजेपी ने इस बार अपनी पूरी ताकत झोंक दी है और वह यहां इस बार अपना खाता खुलने की उम्मीद कर रही है। इतना ही नहीं, केरल की 20 सीटों में भी वोटिंग कंप्लीट हो गई है, केरल की ही वायनाड सीट से कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर चुनावी मैदान में हैं। बीजेपी केरल में भी अभी तक लोकसभा सीट का कोई खाता नहीं खोल सकी है। ऐसे में उसकी उम्मीद इस बार केरल और तमिलनाडु से काफी ज्यादा है।
हालांकि बात करें राजस्थान में हुए चुनाव की तो चुनाव भले ही संपन्न हो गए हों लेकिन अब सभी की निगाहें इस बार के चुनावी नतीजों टिकी हुई हैं। अब देखना ये होगा कि किसके खाते में कितनी सीटें आती हैं। भले ही प्रदेश में भाजपा की सरकार हो लेकिन इस बार के परिणाम चौकाने वाले हो सकते हैं ऐसा हम इस लिए कह रहे हैं क्योंकि इस चुनाव में जिस तरह से कांग्रेस पार्टी उभर के सामने आई है इससे एक बात तो तय है कि भाजपा का ग्राफ और भी ज्यादा गिरा है। इसका असर कई जगह चुनावी प्रचार के दौरान भी देखने को मिला। जहां भाजपा उम्मीदवारों को वोटरों का विरोध भी झेलना पड़ा। अब देखना ये होगा की इस बार के चुनाव में राजस्थान की जनता किसपर अपना विश्वास जताती है।