भ्रष्टाचार के बहाने सियासी वार

तमिलनाडु में ईडी की कार्रवाई पर भडक़ी डीएमके

 

  • भाजपा पर लगाया उकसाने का आरोप
  • बीजेपी को मिला एक युवा चेहरा, अन्नामलाई ने जगाई उम्मीद
  • अन्नामलाई की आक्रामकता से मिल सकता है लाभ

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
चेन्नई। दक्षिणी राज्य कर्नाटक में खिसके जनाधार से व्याकुल भाजपा अब तमिनाडु पर नजर गड़ाए बैठी है। तभी तो वह भ्रष्टाचार के नाम पर डीएमके सरकार के बिजली मंत्री को ईडी द्वारा गिरफ्तार करवा कर राज्य की सियासत को गरमा दिया। वहां के सीएम एम के स्टालिन इस छापेमारी के बाद आक्रामक रूप से भाजपा की मोदी सरकार पर हमलावर हो गए हैं। उन्होंने भाजपा को चेतावनी तक दे डाली है कि इस तरह से कार्यकर्ताओं को उकसाएंगे तो उसके परिणाम उचित नही होंगे। कांग्रेस ने भी स्टालिन का साथ देते हुए मेादी को तानाशाह बता दिया है।
जबकि वहां की मुख्य विपक्षी पार्टी एआईडीएमके ने केंद्र सरकार की कार्रवाई का समर्थन किया है। भ्रष्टाचार को लेकर डीएमके सरकार को घेरने की कोशिश में वहां के भाजपा के प्रमुख अन्नामलाई को सफलता भी मिली है। कभी एमके स्टालिन की सरकार में रहे पलानीवेल थियागा राजन पर अन्नामलाई जबरदस्त तरीके से आक्रामक रहे। वहीं अपने को अपने दम पर खड़े होने की कोशिश में जुटी भाजपा को उनके रूप में एक अच्छा वक्ता भी मिल गया है। पार्टी तमिलनाडु में भी अपनी पूरी ताकत लगा रही है। ऐसा लग रहा है कि उसकी उम्मीदों को फिलहाल पर मिल गया है। तभी तो तमिलनाडु के भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई जबरदस्त तरीके से सुर्खियों में रहते हैं। वह डीएमके के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की आलोचना तो करते ही हैं, साथ ही साथ पार्टी के लिए जमीन पर भी संघर्ष के लिए तत्पर रहते हैं। हाल के दिनों में देखें तो भ्रष्टाचार को लेकर अन्नामलाई डीएमके से अकेले लोहा ले रहे हैं। डीएमके के कथित भ्रष्टाचार को सामने लाने के लिए वह लगातार संघर्ष कर रहे हैं।
भ्रष्टाचार को लेकर डीएमके सरकार को घेरने की कोशिश में अन्नामलाई को सफलता भी मिली है। एमके स्टालिन की सरकार में रहे पलानीवेल थियागा राजन पर अन्नमलाई जबरदस्त तरीके से आक्रामक रहे। दबाव में आकर इन्हें स्टालिन की सरकार ने अपने कैबिनेट फेरबदल में आईटी मंत्रालय आवंटित कर दिया। इसको लेकर अन्नामलाई ने एक वीडियो क्लिप जारी किया था। वहीं, राज्य के एक अन्य मंत्री सेंथिल बालाजी को प्रवर्तन निदेशालय ने हाल में ही गिरफ्तार किया है। सेंथिल बालाजी के ऊपर भी अन्नामलाई जबरदस्त तरीके से आक्रामक रहे हैं। अन्नामलाई राज्यपाल को भी पत्र लिखकर सेंथिल बालाजी को कैबिनेट से हटाने की मांग की थी।

मंत्री को कमरे में बंद करके सवाल पूछना गलत

सीएम स्टालिन ने सवाल किया कि मैं जांच को गलत नहीं कह रहा हूं, लेकिन वह एक सामान्य व्यक्ति नहीं है। वह पांच बार विधायक हैं और दूसरी बार मंत्री हैं। उसे बंद करके एक आतंकवादी की तरह उससे सवाल क्यों करते हैं? स्टालिन ने दावा किया कि सेंथिल बालाजी के सहयोग के लिए राजी होने के बाद भी ईडी ने दबाव बनाया, जिसके बाद बालाजी ने सीने में दर्द की शिकायत की और उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा। सीएम स्टालिन ने यह भी दावा किया कि ईडी, केंद्रीय जांच ब्यूरो और आयकर द्वारा छापे कुछ और नहीं बल्कि भाजपा का विरोध करने वालों के खिलाफ डराने की रणनीति थी।

खोल रहे हैं डीएमके का भ्रष्टाचार

फिलहाल तमिलनाडु में इस बात की चर्चा खूब है कि अन्नमलाई ने अपने दम पर डीएमके सरकार के भीतर भ्रष्टाचार को पूरी तरीके से बेनकाब कर दिया है। इसी के बाद भाजपा का अन्नामलाई पर विश्वास भी बढ़ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लगातार दक्षिण भारत में भाजपा की जड़ों को मजबूत करने की कोशिश में लगातार जुटे हुए हैं। इसी कड़ी में अन्नामलाई का यह उदय हुआ है। अन्नामलाई के उदय से भाजपा के लिए भी उम्मीद जगी है। पिछले दो दशकों की बात करें तो भाजपा राज्य में क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ती रहे हैं। भगवा पार्टी ने राज्य की दोनों बड़ी पार्टियां एआईएडीएमके और डीएमके के साथ गठबंधन कर चुकी है। हालांकि, पार्टी को अपने पैर जमाने के लिए इससे ज्यादा लाभ नहीं हुआ।

जयललिता की कमी खलेगी, भाजपा स्थान भरने की कोशिश में

तमिलनाडु में जयललिता की मौत के बाद एक स्पेस जरूर खाली हुआ है। इसी स्पेस को हासिल करने के लिए भाजपा अपने अभियान में जुटी हुई है। जयललिता की मौत के बाद उनकी पार्टी एआईएडीएमके भी बैकफुट पर है। पार्टी के भीतर ही अंदरूनी कलह है और भाजपा उसका फायदा उठाना चाहती है। यही कारण है कि अन्नामलाई एआईएडीएमके के साथ गठबंधन में रहने के बावजूद भी अपनी आक्रामकता बनाए रखे हुए हैं। के अन्नामलाई युवा है, आक्रामक है और पार्टी के लिए जमीनी स्तर पर संघर्ष करने को पूरी तरीके से बेताब रहते हैं। कहीं कारण है कि वह भाजपा के शीर्ष नेताओं के गुड बुक में भी शामिल हैं। अन्नामलाई को आगे करके भाजपा शिक्षित और शहरी वोटरों को तमिलनाडु में अपने पक्ष में कर सकती है।

भाजपा युवा चेहरे के रूप में दे रही बढ़ावा

वर्तमान में देखे तो अन्नामलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा का भरपूर समर्थन ही मिल रहा है। यह तीनों फिलहाल भाजपा के टॉप थ्री हैं। यही कारण है कि अन्नामलाई का हौसला भी काफी बुलंद रहता है। राज्य में कांग्रेस का कुछ खास जनाधार नहीं है। कांग्रेस डीएमके और एआईएडीएमके का मुकाबला करने में अपने दम पर पूरी तरीके से भी रही है। यही कारण है कि भाजपा अपने लिए तमिलनाडु में लगातार संभावनाएं तलाश रही है। 2024 लोकसभा चुनाव सामने हैं। भाजपा ने दक्षिण भारत में 100 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। तमिलनाडु में अनंत 39 लोकसभा की सीटें हैं। ऐसे में कहीं ना कहीं तमिलनाडु फिलहाल भाजपा के लिए प्रमुखता में हैं। आईपीएस की नौकरी छोडऩे के बाद अन्नामलाई 25 अगस्त 2020 को भाजपा में शामिल हुए। इसके बाद उन्हें तमिलनाडु भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया।

आईपीएस छोडक़र बने नेता अन्नामलाई

अन्नामलाई कर्नाटक कैडर के आईपीएस अफसर रहे हैं। वह तमिलनाडु में भाजपा के सबसे युवा अध्यक्ष भी हैं। उन्हें कर्नाटक में सिंघम का नाम भी दिया गया था। लोगों में जनजागृति वह लगातार करते रहते थे। कुरान का भी उन्होंने अध्ययन किया है ताकि सांप्रदायिक तनाव को कम किया जा सके। युवाओं के लिए यह प्रेरणा स्रोत थे। इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरा करने के बाद यह लखनऊ के आईआईएम में एमबीए करने पहुंचे थे। लेकिन बहुराष्ट्रीय कंपनी में प्लेसमेंट की बजाय उन्होंने सिविल सेवा की परीक्षा दी। पहली पसंद आईएएस थी लेकिन नंबर कम होने की वजह से आईपीएस बने।

राज्य सरकार की अनुमति पर ही केंद्रीय एजेंसियों की एंट्री

तमिलनाडु के मंत्री वी सेंथिल बालाजी के खिलाफ ईडी की छापेमारी के बाद स्टालिन सरकार ने बड़ा कदम उठाया। राज्य में मामलों की जांच के लिए सीबीआई को सामान्य सहमति वापस ले ली गई। केंद्रीय एजेंसी को अब जांच के लिए पहले राज्य की अनुमति लेनी होगी। तमिलनाडु के गृह विभाग की ओर से जारी बयान के अनुसार, तमिलनाडु सरकार ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को दी गई सामान्य सहमति वापस ले ली है। बयान के अनुसार, केंद्रीय एजेंसी, सीबीआई को अब राज्य में नए मामले की जांच के लिए तमिलनाडु सरकार से अनुमति लेनी होगी। बयान में कहा गया कि पश्चिम बंगाल, राजस्थान, केरल, मिजोरम, पंजाब और तेलंगाना में इसे पहले ही किया जा चुका है।

कार्यकर्ताओं को उकसा रही बीजेपी : स्टालिन

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बिजली मंत्री सेंथिल बालाजी की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की गिरफ्तारी को राजनीतिक बदले की कार्रवाई करार दिया है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को द्रविड़ मुनेत्र कडग़म (डीएमके) को उकसाने की चेतावनी नहीं दी है। उन्होंने कहा कि हमें उकसाओ मत। डीएमके या उसके कार्यकर्ताओं को भडक़ाएं नहीं। यह धमकी नहीं बल्कि चेतावनी है। सीएम स्टालिन ने 10 साल पहले दी गई शिकायत पर बालाजी को जल्दबाजी में गिरफ्तार करने की जरूरत पर सवाल उठाया।

 

 

 

 

 

 

 

 

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