राजस्थान-मप्र और छत्तीसगढ़ में बिछने लगी सियासी बिसात
भाजपा-कांग्रेस ने शुरू की तैयारी
- विरोधियों को घेरने की होगी कोशिश
- बागियों को समझाने की भी कोशिश तेज
- मप्र से भाजपा के नेता बनेंगे केंद्रीय मंत्री!
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। जैसे-जैसे राजस्थान, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट बढ़ती जा रही है इन राज्यों में सियासी गर्माहट भी तेजी ले रही है। दोनों बड़े दलों भाजपा व कांग्रेस में एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने शुरू कर दिये हैं। इन राज्यों में संगठन व सरकार में चेहरे बदलने की रणनीति भी चालू हो गई। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने सरकार केअपने वरिष्ठï नेता टीएस सिंहदेव को उपमुख्यमंत्री बनाकर वहां पर सीएम भूपेश बघेल से मतभेद को दूर करने की कोशिश तो कि ही है साथ ही दुबारा वहां पर सत्ता में आने की भी तैयारी की है।
वहीं मध्यप्रदेश में कांग्रेस कमलनाथ व दिग्विजय को आगे करके भाजपा की शिवराज सरकार को घेरने की हरमुमकिन कोशिश करती है। हालांकि भाजपा भी वहां पर अपनी सत्ता को बरकरार रखने लिए कु छ नेताओं कों संगठन व कुछ को सरकार में लाने की प्रक्रिया में लगी हुई है। उधर राजस्थान में अशोक गहलोत व सचिन पायलट के बीच खटपट को दूर करके कांगे्रस भाजपा पर वार कर कुर्सी को बचाने की फिराक में लग गई है।
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा हर वर्ग को साधने में जुटी है। इसी बीच, केंद्रीय कैबिनेट के विस्तार की अटकलों के बीच मध्य प्रदेश से कुछ नेताओं को जगह मिलने और कुछ को वापस भेजकर संगठन की जिम्मेदारी देने की चर्चा तेज हो गई है। इसमें आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए क्षेत्रीय और जातीय संतुलन को बनाए रखने की कोशिश होगी। प्रदेश से अभी केंद्र में नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रह्लाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते, वीरेद्र खटीक ये पांच मंत्री हैं। इनके अलावा केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और एल. मुरुगन भी मध्य प्रदेश से राज्यसभा सदस्य हैं, लेकिन वे यहां के रहने वाले नहीं हैं। इनको मिलने पर मप्र से केंद्र में मंत्रियों की संख्या सात है। प्रदेश के ग्वालियर, चंबल से दो मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं। वहीं, बुंदेलखड से प्रह्लाद पटेल और वीरेंद्र खटीक मंत्री हैं। इसके अलावा महाकौशल से फग्गन सिंह कुलस्ते मंत्री हैं। कैबिनेट के विस्तार की अटकलों के साथ प्रदेश में क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण साध कर प्रदेश से दो नए चेहरों को मौका मिलने की चर्चा तेज हो गई है। वहीं, एक मंत्री को संगठन में लाया जा सकता है।
मेवाड़ की 8 विधानसभा सीटों पर नजर
शाह की सभा में उदयपुर संसदीय क्षेत्र की आठ विधानसभा सीटों उदयपुर शहर, उदयपुर ग्रामीण, वल्लभनगर, मावली, झाड़ोल, सलूंबर, खेरवाड़ा व गोगुंदा विधानसभा क्षेत्र से कार्यकर्ता आए थे। इसमें विधानसभा वार विधायक, विधानसभा प्रभारी व संगठन के पदाधिकारियों को जिम्मा दिया गया था।
विंध्य व महाकौशल में भाजपा को मिल रही कांग्रेस से टक्कर
जानकारों का कहना कि भाजपा महाकौशल में कमजोर है। वहां पर कांग्रेस की मजबूत है। भाजपा को हर मोड़ पर वहां कांग्रेसी नेताओं से टक्कर मिल रही है। वहीं, विंध्य की अनदेखी करने से भी भाजपा से जनता नाराज है। इसके लिए प्रदेश के साथ ही केंद्रीय नेतृत्व विंध्य और महाकौशल में जोर लगा रहा है। ऐसे में चर्चा है कि प्रदेश में बुंदेलखंड से मंत्री ओबीसी सांसद प्रह्लाद पटेल, अनुसूचित जाति सांसद वीरेद्र खटीक में से किसी एक को हटाया जा सकता है। यदि प्रहलाद पटेल को हटाया जाता है तो उनको संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। इनकी जगह पर विंध्य से सांसद गणेश सिंह या देवास से सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी को संगठन में लिया जा सकता है। इसके अलावा यह भी चर्चा है कि महाकौशल से राकेश सिंह को भी केंद्र में जगह मिल सकती है। हालांकि, यहां से अभी फग्गन सिंह कुलस्ते केंद्रीय कैबिनेट में शामिल हैं। इसके अलावा मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद धर्मेंद्र प्रधान को भी वापस भेजने की चर्चा है। भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व महाकौशल में बिगड़े समीकरण को साधने में जुटा हुआ है। यही वजह है कि हाल में केंद्रीय मंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ आए। इसके बाद उनको बालाघाट दौरा था, लेकिन खराब मौसम की वजह से वे कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके। यहां पर पार्टी आदिवासी वोट बैंक को साधने पर जोर लगा रही है। यहां पर पार्टी नगर निगम का चुनाव हार गई है। वहीं, क्षेत्र को प्रदेश सरकार में भी पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिलने से जनता नाराज है। विंध्य में पार्टी को भले ही पिछली बार से ज्यादा सीटें मिली हों, लेकिन अब भाजपा की स्थिति ठीक नहीं है। सिंगरौली नगर निगम में आम आदमी पार्टी ने महापौर का चुनाव जीत लिया। भाजपा के सर्वे में भी यहां पर रिपोर्ट अच्छी नहीं मिली थी। यही वजह है कि पार्टी का फोकस अब क्षेत्र के मतदाताओं को साधने पर है।
सिंहदेव को डिप्टी सीएम बना भूपेश के अधिकारों में कटौती की: भाजपा
छत्तीसगढ़ में हुए सियासी घटनाक्रम को लेकर राजनीतिक बयानबाजी जारी है। टीएस सिंहदेव को प्रदेश का उप मुख्यमंत्री घोषित किए जाने के बाद भाजपा ने कांग्रेस पर हमला बोला है। प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि, चला चली की बेला में चार महीने की सरकार बची है। ऐसा करके कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने भूपेश बघेल के अधिकारों में कटौती की है। प्रदेश अध्यक्ष साव गुरुवार को बिलासपुर में मीडिया से बात कर रहे थे। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि, ताम्रध्वज साहू का भी उप मुख्यमंत्री के लिए नाम प्रचारित किया गया था। ऐसे में मंत्री ताम्रध्वज साहू की क्या गलती है, उन्हें भी उप मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाया गया। कहा कि, इससे कांग्रेस को कोई लाभ नहीं होगा। कांग्रेस पार्टी संघर्ष के दौर से गुजर रही है। इनके नेताओं में झगड़े चल रहे हैं। पहले पीसीसी चीफ को सैलजा ने आईना दिखाया। अब कांग्रेस ने भूपेश बघेल को दिखा दिया है। उन्होंने कहा कि, आगे छत्तीसगढ़ की जनता कांग्रेस को आईना दिखाएगी। जनता ने तय कर लिया है कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंकना है। अब जबकि चार महीने की सरकार बची है, तो कांग्रेस नई-नई नियुक्तियां कर रही है। यह बाताता है कि कांग्रेस कितनी डरी हुई और घबराई हुई है, लेकिन इससे पार्टी को कोई लाभ नहीं होने वाला है। इससे कांग्रेस की अंर्तकलह बढ़ेगी। जनता साढ़े चार साल से उनके झगड़े को भोग रही है।
जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों को ऐसी राजनीति नही करनी चाहिए : गहलोत
यह उम्मीद की जाती है कि जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दे पर राजनीति नहीं करेंगे, लेकिन आज उदयपुर में गृहमंत्री अमित शाह ने जो किया वह एक गैर जिम्मेदाराना कार्य है। गहलोत ने कहा कि ये दोनों हत्यारे भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता थे। उन्हें ये जांच करवानी चाहिए कि इन दोनों के मददगार कौन भाजपा नेता थे जो इनके लिए पुलिस थानों में फोन करते थे। एक ओपन एंड शट केस में चार्जशीट फाइल होने में भी इतना अधिक समय क्यों लगा और इन्हें अब तक सजा क्यों नहीं हुई?
गहलोत सरकार भ्रष्टाचार में नंबर वन : शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उदयपुर दौरे में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बिना मतलब इस उम्र में इधर-उधर घूम रहे हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने प्रदेश की गहलोत सरकार पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार भ्रष्टाचार में नंबर वन है। सभी भ्रष्टाचारी एक जगह इक्टठा हो गए हैं। हमारी सरकार पर अभी तक भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने नौ साल में देश को सुरक्षित किया है। मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान पाकिस्तान से रोजना हमल होते थे, लेकिन हमारी सरकार ने पाक को घर में घुसकर मारा। आज देश में आतंकी हमलों पर रोक लगी है। अमित शाह ने कन्हैयालाल हत्याकांड को लेकर भी गहलोत सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार तो कन्हैयालाल के हत्यारों को पकडऩा ही नहीं चाहती थी। एनआईए ने कन्हैयालाल के हत्यारों को पकड़ा है। शाह ने कहा कि गहलोत सरकार प्रदेश में वोट बैंक की राजनीति करती है। इससे पहले, जनसभा में जब नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने अमित शाह को भाषण के लिए बुलाया तो उन्होंने इशारा कर वसुंधरा राजे को बोलने के लिए कहा। अमित शाह के कहने पर वसुंधरा ने भाषण दिया। वसुंधरा से पहले प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने भाषण दिया था, इसके बाद सीधे अमित शाह के भाषण का कार्यक्रम था। शाह के इस कदम के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उदयपुर में हुई सभा में जब मंच से नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने शाह के संबोधन का ऐलान किया तो शाह ने खुद से पहले पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का संबोधन करवाया। इसके बाद उन्होंने वसुंधरा से बातचीत भी की, दोनों नेताओं की इस बॉडी लैंग्वेज के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।