Epstein Files पर सियासी बहस तेज, मोदी को देना पड़ेगा इस्तीफा! भारत को मिलेगा नया PM?

Epstein Files को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चाएं तेज हो गईं हैं... जिसके चलते भारत की राजनीति में भी अटकलों और सवालों का दौर शुरू हो गया है...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों भारतीय राजनीति में इन दिनों एक बड़ा विवाद छिड़ा हुआ है.. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने एक ऐसा दावा किया है.. जिसने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को आक्रोशित कर दिया है.. चव्हाण ने कहा है कि अमेरिका में 19 दिसंबर 2025 को जारी होने वाली.. जेफ्री एपस्टीन की विवादास्पद फाइल्स से भारत की राजनीति पर गहरा असर पड़ सकता है.. उनके अनुसार इससे देश को जल्द ही एक नया प्रधानमंत्री मिल सकता है.. और वह नया प्रधानमंत्री महाराष्ट्र से हो सकता है.. यानी एक मराठी मानुष..

आपको बता दें कि यह दावा सबसे पहले दिसंबर की शुरुआत में सोशल मीडिया पर सामने आया.. और फिर 14 दिसंबर 2025 को पुणे के पास पिंपरी-चिंचवड़ में एक कार्यक्रम में चव्हाण ने इसे दोहराया.. इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया.. बीजेपी ने इसे आधारहीन और सनसनीखेज करार दिया है.. जबकि कांग्रेस के कुछ नेता इसे वैश्विक घटनाओं से जोड़कर देख रहे हैं..

आपको बता दें कि पृथ्वीराज चव्हाण महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री हैं.. वे 2010 से 2014 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे.. इससे पहले वे केंद्र में मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री थे.. वे कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं.. और महाराष्ट्र की राजनीति में काफी सम्मानित नाम हैं.. वे आमतौर पर संयमित बयान देते हैं.. इसलिए उनका यह दावा और भी चौंकाने वाला है..

बता दें कि 14 दिसंबर 2025 को पिंपरी-चिंचवड़ में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चव्हाण ने कहा कि वैश्विक स्तर पर कई घटनाक्रम हो रहे हैं.. कई लोगों ने मेरी उस पोस्ट पर स्पष्टीकरण मांगा है.. जिसमें मैंने संकेत दिया था कि एक महीने में कोई मराठी मानुष प्रधानमंत्री बन सकता है.. मेरा बयान एक काल्पनिक राजनीतिक संभावना पर आधारित था.. अगर महाराष्ट्र से कोई प्रधानमंत्री बनता है.. तो वर्तमान प्रधानमंत्री को पद छोड़ना पड़ेगा.. मैंने केवल बदलाव की संभावना को रेखांकित किया था..

चव्हाण ने आगे कहा कि उनकी टिप्पणियां 19 दिसंबर से जुड़ी हैं.. इस तारीख को अमेरिकी संसद द्वारा जेफ्री एपस्टीन की फाइल्स जारी करने की उम्मीद है.. उनके अनुसार इन फाइल्स में कई बड़े विश्व नेताओं के नाम, तस्वीरें और स्टिंग ऑपरेशन से जुड़ी सामग्री हो सकती है.. सोशल मीडिया पर पहले से कुछ नाम चर्चा में हैं.. अगर ये फाइल्स जारी होती हैं.. तो भारत की राजनीति पर भी असर पड़ सकता है.. और बड़े बदलाव हो सकते हैं..

इससे पहले, दिसंबर की शुरुआत में चव्हाण ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया था.. जिसमें उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस द्वारा एपस्टीन फाइल्स जारी करने का जिक्र किया.. और पूछा था कि इससे भारतीय राजनीति पर क्या असर होगा.. हालांकि, उनके आधिकारिक एक्स हैंडल पर हाल के पोस्ट्स में इस तरह का कोई सीधा जिक्र नहीं मिला.. लेकिन कई समाचार एजेंसियों जैसे पीटीआई, डेक्कन हेराल्ड और ट्रिब्यून ने उनके बयान की रिपोर्ट की है..

चव्हाण ने स्पष्ट किया कि उनका दावा कोई ठोस जानकारी पर आधारित नहीं है.. बल्कि यह एक काल्पनिक संभावना है.. फिर भी इस बयान ने राजनीति को गर्म कर दिया है.. जेफ्री एपस्टीन एक अमेरिकी अरबपति थे.. जो सेक्स ट्रैफिकिंग और नाबालिग लड़कियों के शोषण के आरोप में जेल में थे.. 2019 में उनकी जेल में रहस्यमय मौत हो गई.. एपस्टीन के कई प्रभावशाली लोग दोस्त थे.. जिसमें राजनेता, उद्योगपति, वैज्ञानिक और हॉलीवुड स्टार्स शामिल थे.. उनके खिलाफ मुकदमों में कई दस्तावेज अदालत में पेश हुए.. लेकिन कुछ हिस्से गोपनीय रखे गए थे..

वहीं इन दस्तावेजों को एपस्टीन फाइल्स कहा जाता है.. इनमें नाम, फोटो, ईमेल और अन्य सबूत हैं.. जो बताते हैं कि एपस्टीन ने कैसे अपने प्रभावशाली दोस्तों को अवैध लाभ पहुंचाया.. पहले कई फाइल्स 2024 में जारी हुईं.. जिनमें बिल क्लिंटन, डोनाल्ड ट्रंप जैसे नाम आए.. लेकिन कोई सीधा आपराधिक सबूत नहीं मिला..

आपको बता दें कि 2025 में नया विकास हुआ.. अमेरिकी कांग्रेस ने एपस्टीन फाइल्स ट्रांसपेरेंसी एक्ट पास किया.. जिसके तहत जस्टिस डिपार्टमेंट को सभी दस्तावेज सार्वजनिक करने हैं.. नवंबर 2025 में हाउस ओवरसाइट कमिटी ने 20,000 पेज.. और कई फोटोज जारी किए.. दिसंबर में कुछ और फोटोज आईं, जिनमें ट्रंप, क्लिंटन.. और अन्य की तस्वीरें थीं.. वहीं अब 19 दिसंबर 2025 की डेडलाइन है.. जब जस्टिस डिपार्टमेंट को बाकी फाइल्स रिलीज करनी हैं.. कुछ जजों ने ग्रैंड ज्यूरी ट्रांसक्रिप्ट्स अनसील करने की अनुमति भी दी है..

वहीं ये फाइल्स इसलिए विवादास्पद हैं क्योंकि इनमें दुनिया के बड़े नेताओं के नाम आने की अफवाहें हैं.. लेकिन अब तक जारी हिस्सों में ज्यादातर पुरानी जानकारी है.. कोई नया बड़ा खुलासा नहीं हुआ.. यह सबसे महत्वपूर्ण सवाल है.. चव्हाण के दावे का आधार यही है कि फाइल्स से भारतीय राजनीति प्रभावित हो सकती है.. लेकिन तथ्य क्या कहते हैं..

नवंबर 2025 में जारी कुछ डॉक्यूमेंट्स में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम आया है.. ये ईमेल्स हैं जिनमें एपस्टीन ने पूर्व ट्रंप स्ट्रैटेजिस्ट स्टीव बैनन को मोदी से मीटिंग सेट करने की कोशिश की बात कही.. एक ईमेल में लिखा है मोदी ऑन बोर्ड.. इसी तरह अनिल अंबानी और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी का भी जिक्र है.. ये कनेक्शन पॉलिटिकल या बिजनेस मीटिंग्स से जुड़े लगते हैं.. न कि किसी सेक्स स्कैंडल से..

अब तक की सभी जारी फाइल्स में नरेंद्र मोदी या किसी बड़े भारतीय नेता पर सेक्स ट्रैफिकिंग या शोषण का कोई आरोप नहीं है.. ये सिर्फ एपस्टीन के नेटवर्क में नाम आने की बात है.. जो कई विश्व नेताओं के साथ था.. कोई ठोस सबूत नहीं है कि 19 दिसंबर को जारी होने वाली फाइल्स में भारत से जुड़ा कोई बड़ा खुलासा होगा.. कई विशेषज्ञ कहते हैं कि ज्यादातर फाइल्स पहले ही सार्वजनिक हो चुकी हैं.. बाकी में भी नया कुछ खास नहीं होगा..

आपको बता दें कि चव्हाण के बयान पर बीजेपी ने तुरंत हमला बोला.. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे मजाक बताया.. और उन्होंने कहा कि अमेरिकी दस्तावेजों से भारत में प्रधानमंत्री कैसे बदल जाएगा.. यह आधारहीन अफवाह है.. बीजेपी नेताओं ने पूछा कि चव्हाण के पास कोई ठोस जानकारी है या सिर्फ सनसनी फैला रहे हैं..

 

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