प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की गिरफ्तारी पर सियासी बयानबाजी तेज, RLD नेता मलूक नागर ने बताया कार्रवाई को सही

‘ऑपरेशन सिंदूर’को लेकर की गई टिप्पणी पर गिरफ्तार किए गए प्रोफेसर के समर्थन और विरोध में विभिन्न दलों के नेता खुलकर सामने आ रहे है।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की गिरफ्तारी के बाद सियासी गलियारों में बयानबाजी तेज हो गई है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’को लेकर की गई टिप्पणी पर गिरफ्तार किए गए प्रोफेसर के समर्थन और विरोध में विभिन्न दलों के नेता खुलकर सामने आ रहे है। इस बीच राष्ट्रीय लोक दल यानी RLD के नेता मूलक नागर ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कार्रवाई को उचित ठहराया है। उन्होंने कहा कि यह देश सबका है और सभी को बराबरी का हक है, लेकिन जो लोग देश के खिलाफ साजिश रचते हैं और पाकिस्तान के एजेंडे को आगे बढ़ाते हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।”

मलूक नागर ने इस मामले में कांग्रेस पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का ऐसे व्यक्तियों का समर्थन करना दुर्भाग्यपूर्ण है जो देशविरोधी विचार रखते हैं। उन्होंने दोहराया कि देश की सुरक्षा और अखंडता से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। गौरतलब है कि प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद ने हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर एक बयान दिया था, जिसे लेकर विवाद उत्पन्न हुआ और उनकी गिरफ्तारी हुई। इस कार्रवाई को लेकर राजनीतिक पार्टियों में मतभेद देखने को मिल रहा है—जहाँ कुछ इसे धर्म से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं कुछ इसे राष्ट्रहित में उठाया गया कदम बता रहे हैं।

मलूक नागर यहीं नहीं रुके उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी लगातार ऐसे लोगों के समर्थन में दिखाई दे रही है जो देश की एकता के लिए चुनौती बन रहे हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कांग्रेस ने प्रोफेसर की गिरफ्तारी के बाद इसे धर्म आधारित एक्शन करार दिया था. उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया है, जिसके बाद पूरी दुनिया ने भारत का लोहा माना है. ऐसे समय में एकजुटता दिखाने के बजाय कांग्रेस देश को कमजोर कर रही है.

अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को हरियाणा पुलिस ने 18 मई को दिल्ली से गिरफ्तार किया. दरअसल, यह गिरफ्तारी ऑपरेशन सिंदूर के दौरान प्रोफेसर के सोशल मीडिया पर 8 मई को की गई एक पोस्ट को लेकर है, जिसमें उन्होंने कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह से जुड़ी कुछ ऐसी बातें कहीं, जिसे राष्ट्रीय भावनाएं भड़काने वाला करार दिया गया.

उनके खिलाफ देश की संप्रभुता और अखंडता को खतरे में डालने सहित कड़े आरोपों में दो प्राथमिकी दर्ज की गई. हरियाणा राज्य महिला आयोग की शिकायत पर शनिवार देर रात दर्ज प्राथमिकी के मामले में प्रोफेसर को पुलिस हिरासत में भेजा गया. हालांकि, महमूदाबाद ने कहा था कि उनकी टिप्पणियों को गलत समझा गया है और उन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अपने मौलिक अधिकार का प्रयोग किया है. प्रोफेसर ने कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह की मीडिया ब्रीफिंग को दिखावटी बताया था और कहा कि लेकिन दिखावटीपन को जमीनी हकीकत में बदलना होगा, अन्यथा यह सिर्फ पाखंड है.

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