राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में नेहरू के प्रवेश से चढ़ा सियासी पारा
- बीजेपी के बयान पर कांग्रेस का जोरदार हमला
- जयराम बोले- कुछ नया नहीं बता रही भाजपा
- विपक्ष बोला- भावनाओं से खेल रही है मोदी सरकार
- प्राण प्रतिष्ठा से पहले पीएम करेंगे 11 दिन का अनुष्ठान
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर सियासत रूकने का नाम नहीं ले रही है। इस समारोह को लेकर हालांकि पूरे विपक्ष के निशाने पर बीजेपी व मोदी सरकार है पर कांग्रेस व सत्ता पक्ष के बीच वाकयुद्ध चरम पर पहुंच गया है। दरअसल, दिग्गज कांग्रेसी नेताओं द्वारा उद्घाटन समारोह में जाने से मना कर देने के बाद से भाजपा देश के सबसे पुरानी पार्टी पर हमलावर हो गई है। जहां भाजपा ने सोमनाथ मंदिर व पंडित जवाहर नेहरू को विवाद में घसीट कर माहौल और गर्म कर दिया है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह केवल आधी अधूरी व झूठे तथ्य पेश कर पार्टी (कांग्रेस)को बदनाम करने की साजिश रच रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (12 जनवरी) को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले एक ऑडियो मैसेज जारी किया है इसमें उन्होंने कहा है कि वह 11 दिन का विशेष अनुष्ठान आरंभ कर रहे है। पीएम ने कहा कि उनका सौभाग्य है कि वह इस पुण्य अवसर का साक्षी बन रहे हैं। अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होने वाली है। इसमें अब बस 11 दिनों का वक्त बचा हुआ है. प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अयोध्या में तैयारियां जारी हैं। पीएम मोदी ने एक ट्वीट में कहा मेरा सौभाग्य है कि मैं भी इस पुण्य अवसर का साक्षी बनूंगा। प्रभु ने मुझे प्राण प्रतिष्ठा के दौरान, सभी भारतवासियों का प्रतिनिधित्व करने का निमित्त बनाया है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी, आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा कि यह अच्छा है वह प्रोटोकॉल जानते हैं और ऐसा कर रहे हैं. रामलला के प्रति इतना समर्पित होना उनके लिए अच्छा है।
केंद्र्र और यूपी के मंत्रियों को निमंत्रण नहीं
अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है। इसके साक्षी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत करीब 8,000 मेहमान होंगे। इन मेहमानों की विभिन्न श्रेणियां हैं। खास बात यह है कि स्थानीय राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को छोड़ कर अन्य निमंत्रित नहीं हैं। केंद्र या किसी प्रदेश के मंत्री को मंत्री होने के नाते नहीं बुलाया गया है। कुछ सीमित महानुभाव अपने अन्य परिचय की दृष्टि से आमंत्रित हैं।
नेहरू पूरी तरह पारदर्शी थे : जयराम रमेश
कांग्रेस ने भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी के इन दावों के लिए उन्हें आड़े हाथ लिया कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने सोमनाथ मंदिर के साथ तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के जुड़ाव का विरोध किया था। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि सुधांशु त्रिवेदी ने एक तरह से सोमनाथ मंदिर पर पंडित नेहरू के कुछ पत्र हवा में लहराए हैं। ये पत्र और तत्कालीन गृह मंत्री राजाजी एवं राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद को लिखे नेहरू के अनेक पत्र सार्वजनिक हैं और ऑनलाइन उपलब्ध हैं।’’रमेश ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘त्रिवेदी ने जो कहा है, उसमें कोई नया खुलासा नहीं हुआ है। नेहरू पूरी तरह पारदर्शी थे और अपने पीछे लिखित दस्तावेज छोड़ गए जो उन्होंने खुद लिखे थे।
विवेकानंद से प्रेरणा लेकर युवा संघर्ष में शामिल हों : राहुल
- बोले कांग्रेस सांसद- भावनात्मक मुद्दों का राजनीतिक दुरुपयोग हो रहा है
राहुल गांधी ने राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किया, देश के युवाओं! आज राष्टï्रीय युवा दिवस पर हमें स्वामी विवेकानंद के विचारों को फिर से याद करने की ज़रूरत है। उन्होंने युवाओं की ऊर्जा को ही एक समृद्ध देश का आधार कहा और पीडि़त एवं निर्धन की सेवा को ही सबसे बड़ी तपस्या बताया था। युवाओं को विचार करना ही होगा कि आखिर क्या होगी हमारे सपनों के भारत की पहचान? जीवन की गुणवत्ता या सिर्फ भावुकता? उत्तेजक नारे लगाता युवा या रोजग़ार प्राप्त युवा? मोहब्बत या नफऱत? कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया कि आज वास्तविक मुद्दों से नजऱें फेर कर भावनात्मक मुद्दों का राजनीतिक दुरुपयोग किया जा रहा है।
भगवान राम का स्वागत करो : प्रमोद कृष्णम
अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन और राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के संदर्भ में कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम भावुक हो गए, उन्होंने कहा कि कितनी आखें ये सपना देखने के लिए बंद हो गई। 22 जनवरी को भारत में रामराज्य के स्थापना की तारीख है। उन्होंने कहा कि तमाम ज्योतिषाचार्य एक तरफ और भगवान राम एक तरफ, भगवान राम का स्वागत करो। इस निमंत्रण को स्वीकार करो। मंदिर के निमंत्रण को ठुकराना दुर्भाग्य का विषय है, मैं सभी राजनीतिक दलों से कहना चाहता हूं कि निमंत्रण को स्वीकार करो। राम किसी एक पार्टी के नहीं है। राम हमारी आस्था के आधार हैं। राम को किसी एक पार्टी तक सीमित नहीं करो, राम को एक पार्टी को सौंपेगे तो अयोध्या भी एक पार्टी को सौंपना पड़ेगा। उद्घाटन और प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण अस्वीकार करने पर कांग्रेस नेता ने कहा कि जो लोग इस निमंत्रण को अस्वीकार कर रहे हैं उन्हें पुर्नविचार करना चाहिए, राम आस्था का प्रश्न हैं, राम रोजगार का प्रश्न नहीं है, भगवान राम का दर्शन जाए उसका कोई प्रयोजन नहीं होता लेकिन प्रियंका गांधी का जन्मदिन है और मैं भगवान राम से प्रार्थना करने आया हूं कि वे भविष्य में भारत की प्रधानमंत्री बनें।
ईडी का पश्चिम बंगाल के मंत्री के आवास पर छापा
- टीएमसी के नेताओं के घर पर भी रेड
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोलकाता। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नगर निकायों में भर्तियों में अनियमितता मामले की जांच को लेकर शुक्रवार सुबह पश्चिम बंगाल के अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवा मंत्री सुजीत बोस, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) विधायक तापस रॉय और उत्तरी दमदम नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष सुबोध चक्रवर्ती के आवासों पर छापे मारे। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि ईडी के अधिकारियों ने केंद्रीय बलों के साथ शुक्रवार सुबह उत्तर 24 परगना जिले के लेक टाउन इलाके में बोस के दो आवासों पर छापे मारे। अधिकारी के अनुसार, केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने तापस रॉय के ‘बीबी गांगुली स्ट्रीट’ स्थित आवास और बिराती स्थित चक्रवर्ती के आवास पर भी छापे मारे।
ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट में खुलासा
- मोदी सरकार में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। ह्यूमन राइट्स वॉच ने अपनी रिपोर्ट में भारत सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मोदी सरकार अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव कर रही है। ह्यूमन राइट्स वॉच ने वल्र्ड रिपोर्ट 2024 में भारत सरकार पर कई तीखे आरोप लगाए हैं। रिपोर्ट में सरकार पर मजहबी अल्पसंख्यकों की अनदेखी का आरोप लगाया गया है। ह्यूमन राइट्स वॉच मानवाधिकार को लेकर दुनिया के करीब 100 देशों पर अपनी सालाना रिपोर्ट प्रकाशित करता है। इसमें मानवाधिकार और इससे जुड़ी तमाम पहलूओं पर अपनी रिपोर्ट पेश करता है। ह्यूमन राइट्स वॉच ने लिखा है कि भारत वैश्विक नेतृत्व का दंभ भरता है, लेकिन लोकतंत्र वाले देश में अधिकारों के सम्मान को लेकर भारत सरकार का रवैया कमजोर रहा है। इस आरोप से भारत के वैश्विक नेतृत्व की दावेदारी को भी झटका लगा है।
2023 में मानवाधिकारों को दबाया गया
वल्र्ड रिपोर्ट 2024 में लिखा है कि भारत में पिछले साल (2023) में मानवाधिकारों को दबाया गया है और लोगों के साथ उत्पीडऩ की कई घटनाएं सामने आई हैं। रिपोर्ट में मणिपुर हिंसा, जम्मू कश्मीर का हालिया माहौल और जंतर मंतर पर महिला पहलवानों के विरोध को जगह दी गई है।