वन नेशन-वन इलेक्शन पर बढ़ी सियासी टेंशन

सपा ने भाजपा की मंशा पर उठाए सवाल, बसपा का समर्थन, राज ठाकरे बोले पहले निकाय चुनाव तो करवा लें

अखिलेश यादव बोले- पहले अपने अध्यक्ष का चुनाव कराए भाजपा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ । एनडीए सरकार की कैबिनेट द्वारा ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’की मंजूरी के बाद से देश में सियासी टेंशन बढ़ गई। सत्ता पक्ष से जुड़े लोग तो इसका समर्थन कर रहे हैं जबकि विपक्ष पर सवाल उठा रहा है। यूपी की सबसे बड़ी पार्टी सपा के मुखिया ने इसको लेकर भाजपा पर तंज कसा है। उन्होंने बीजेपी से कहा पहले अपने संगठन का चुनाव तो एक सा करवा लें। वहीं बसपा ने इसका समर्थन किया है। उधर कांग्रेस ने भी इसपर आपत्ति की महाराष्ट्र के नेता ठाकरे ने कहा कि पहे निकाय चुनाव तो एक साथ करवाया जाए।

बीजेपी सबसे पहले अपनी पार्टी के अंदर एक साथ चुनाव करवा के दिखाए : सपा प्रमुख

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ पर भाजपा पर जमकर तंज कसा है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इस फैसले पर प्रतिक्रिया जताते हुए उन्होंने लिखा कि जनता का सुझाव है कि भाजपा सबसे पहले अपनी पार्टी के अंदर जिले-नगर, राज्य और राष्टï्रीय स्तर पर इस तरह के चुनावों को एक साथ करके दिखाए फिर पूरे देश की बात करे। जनता के बहाने भाजपा पर हमला बोलते हुए अखिलेश ने लिखा कि जनता यह भी पूछ रही है कि आपके अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव अब तक क्यों नहीं हो पा रहा है, जबकि सुना तो ये है कि वहाँ तो ‘वन पर्सन, वन ओपिनियन’ ही चलती है। उन्होंने सवाल किया कि अगर ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ सिद्धांत के रूप में है तो स्पष्ट करें कि प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक सभी गांव, टाउन, नगर निकायों के चुनाव भी साथ ही होंगे या फिर त्योहारों और मौसम के बहाने सरकार की हार-जीत की व्यवस्था बनाने के लिए अपनी सुविधानुसार होंगे। सोशल मीडिया पर उन्होंने सवालों की फेहरिस्त की आड़ में सपा प्रमुख ने पूछा कि भाजपा जब बीच में किसी राज्य की चुनी गई सरकार गिरवाएगी तो क्या पूरे देश के चुनाव फिर से होंगे। किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने पर क्या जनता की चुनी सरकार को वापस आने के लिए अगले आम चुनावों तक का इंतजार करना पड़ेगा या फिर पूरे देश में फिर से चुनाव होगा। उन्होंने सवाल किया कि इसको लागू करने के लिए जो संवैधानिक संशोधन करने होंगे, उनकी कोई समय सीमा निर्धारित की गयी है या ये भी महिला आरक्षण की तरह भविष्य के ठंडे बस्ते में डालने के लिए उछाला गया एक जुमला भर है? कहीं ये योजना चुनावों का निजीकरण करके परिणाम बदलने की तो नहीं है? ऐसी आशंका इसलिए जन्म ले रही है क्योंकि कल को सरकार ये कहेगी कि इतने बड़े स्तर पर चुनाव कराने के लिए उसके पास मानवीय व अन्य जरूरी संसाधन ही नहीं हैं।

देश व जनहित में होना चाहिए एक देश-एक चुनाव : मायावती

बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक देश-एक चुनाव को लेकर केंद्रीय कैबिनेट के फैसले का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि देश में लोकसभा, विधानसभा व स्थानीय निकाय का चुनाव एकसाथ कराने वाले प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी पर उनका स्टैंड सकारात्मक है। इसका उद्देश्य देश व जनहित में होना चाहिए।

सरकार लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए बेहतरीन फैसले ले रही : जयंत

वन नेशन, वन इलेक्शन प्रस्ताव की मंजूरी के बाद आरएलडी चीफ और केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने पहली प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने विपक्षी दलों की बयानबाजी पर भी पलटवार किया है। ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ प्रस्ताव पर विपक्ष की बयानबाजी पर केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने कहा, कैबिनेट ने एक फैसला लिया है, इसके बारे में काफी विचार-विमर्श किया गया था, हमें कोई बयान देने से पहले इसके बारे में सोचने की जरूरत है, सरकार लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए बेहतरीन फैसले ले रही है।

महाराष्ट्र में नगर निकायों के चुनाव लंबित : राज ठाकरे

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने कहा है कि यदि केंद्र सरकार एक राष्ट्र, एक चुनाव कराने को लेकर इतनी चिंतित है तो उसे पहले महाराष्ट्र में नगर निकायों के चुनाव कराने चाहिए। महाराष्ट्र में बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) सहित कई नगर निकायों के चुनाव लंबित पड़े हैं। राज ठाकरे ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा, अगर चुनावों को इतना महत्व दिया ही जा रहा है तो पहले नगर निकाय के चुनाव कराएं। उन्होंने कहा कि कई नगर निकाय ऐसे हैं जो लगभग चार साल से प्रशासकों के अधीन संचालित हो रहे हैं। मनसे प्रमुख ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक उच्च स्तरीय समिति द्वारा एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश को मंजूरी तो दे दी है, लेकिन उसे राज्यों के विचारों पर भी गौर करना चाहिए। उन्होंने यह भी सवाल किया कि यदि कोई राज्य सरकार गिर जाए या विधानसभा भंग हो जाए या देश में मध्यावधि लोकसभा चुनाव हो जाएं तो इस स्थिति में क्या किया।

महाराष्ट्र में सीट बंटवारे में देरी पर भडक़े संजय राउत

बोले- कांग्रेस नहीं दे पा रही समय

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। महाराष्टï्र में सत्तारूढ़ महायुति और महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में एक बार फिर से दटराव देखने को मिल रही है। दोनों पक्षों ने अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ सीट बंटवारे पर बातचीत शुरू कर दी है।
हालाँकि एमवीए में तनाव बढ़ता जा रहा है। बातचीत शुरू तो हो गई थी लेकिन वह बढ़ नहीं सकी है। यही कारण है कि शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने इसको लेकर निराशा जताया है। संजय राउत ने विधानसभा चुनावों के लिए सीट-बंटवारे की बातचीत में देरी के लिए महाराष्ट्र में कांग्रेस नेताओं को जिम्मेदार ठहराया है। राउत ने कहा कि विपक्षी गठबंधन जिसमें उद्धव ठाकरे की शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी (एसपी) शामिल हैं, कुछ क्षेत्रीय खिलाडय़िों के साथ, सीट-बंटवारे से संबंधित मुद्दों को सुलझाने के लिए मुंबई में एक साथ बैठेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इन दिनों बहुत व्यस्त है, लेकिन फिर भी हमने इसे (बातचीत) खत्म करने के लिए उन्हें बुलाया है। हमने कांग्रेस नेताओं को आमंत्रित किया है। वे इतने व्यस्त हैं कि हर दिन तारीख पे तारीख होती है। इसलिए हमने फैसला किया कि हम अगले तीन दिनों तक एक साथ बैठेंगे।
मंगलवार को, सेना सांसद ने कहा कि तीनों दलों के नेता बुधवार से शुक्रवार तक सीट बंटवारे पर बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि मुंबई पर बातचीत लगभग तय हो चुकी है लेकिन क्षेत्रवार चर्चा करने की जरूरत है क्योंकि महाराष्ट्र एक विशाल राज्य है। बताया जा रहा है कि शिवसेना (यूबीटी) की नजर मुंबई की 36 में से 20-22 सीटों पर है। मीडिया रिपोर्ट बता रहे हैं कि शिवसेना (यूबीटी) का लक्ष्य महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में से 115 से 125 सीटों पर चुनाव लडऩे का है। 2019 के विधानसभा चुनाव में अविभाजित शिवसेना ने एनडीए में 124 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जबकि बीजेपी और अन्य सहयोगियों के लिए 163 सीटें छोड़ी थीं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर में होने की संभावना है।

जदयू की पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी के आवास पर एनआईए का छापा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
गया। बिहार के गया शहर के एपी कॉलोनी स्थित जदयू के पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी के आवास पर एनआईए की टीम की छापेमारी चल रही है। यह छापेमारी सुबह 5 बजे से चल रही है। इस दौरान एनआईए को कई दस्तावेज भी मिलने की खबर मिल रही है। वहीं घर के अंदर रहे लोगों से पूछताछ चल रही है।
पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी पति बिंदेश्वरी यादव तो नहीं रहे, लेकिन उस समय नक्सलियों को हथियार और कारतूस सप्लाई मामले में पकड़े गए थे। साथ ही उनके खिलाफ नक्सल गतिविधि और सांठगांठ का भी केस चला था। उनकी गाड़ी से गया में ही सैकड़ों की संख्या में कारतूस बरामद किए गए थे। उस वक्त उनके खिलाफ देश द्रोह के केस भी दर्ज किया गया था।
मालूम हो कि जदयू के पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी का ब?ा बेटा रॉकी यादव देश के चर्चित रोड रेज गोली कांड का मुख्य आरोपी रहा है। सूत्रों की मानें तो बीते दिनों टिकरी पुलिस अनुमंडल क्षेत्र में एनआईए की छापेमारी हुई थी। छापेमारी के क्रम में दो युवकों से पूछताछ हुई थी। दोनों युवकों ने जदयू नेत्री मनोरमा देवी का भी नाम का खुलासा किया गया था। उन लडक़ों का नक्सली कनेक्शन जांच में उजागर हुआ था। एनआईए ने दोनों युवकों से विशेष रूप से पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाया था। इस दौरान एनआईए को मोबाइल बरामद हुआ था। सुत्रों का कहना है कि एनआईए ने बरामद मोबाइल में लगे सिम मनोरमा देवी के नाम से लिया गया था।

सलमान के पिता सलीम खान को लॉरेंस बिश्नोई ने दी धमकी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। फिल्म अभिनेता सलमान खान के पिता सलीम खान को गुरुवार सुबह धमकी मिली है। सुबह की सैर पर निकले सलीम खान को एक बुर्का पहने महिला ने लॉरेंस बिश्नोई के नाम की धमकी दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक्टर के परिवार ने इस संबंध में बांद्रा पुलिस स्टेशन में एक शिकायत भी दर्ज करायी है।
यह पहली बार नहीं है जब सलमान खान के परिवार को लॉरेंस के नाम की धमकी मिली हो। इससे पहले सलमान खान के मुंबई स्थित घर गैलेक्सी अपार्टमेंट के बाहर 14 अप्रैल को फायरिंग की गई थी। रिपोर्टेस के मुताबिक, 18 सितंबर को सलीम खान सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए बैंडस्टैंड एरिया में निकले थे। तभी एक स्कूटी सवार शख्स और बुर्का पहने महिला उनके पास पहुंचते हैं और उनसे कहते हैं कि सही से रहो, वरना लॉरेंस को भेजूं क्या? इससे पहले सलीम खान कुछ समझ पाते तब तक दोनों लोग फरार हो चुके थे। धमकी देने वाली महिला कौन थी, अभी तक यह पता नहीं चल सका है। इसी साल 14 अप्रैल को मुंबई के बांद्रा में गैलेक्सी अपार्टमेंट में सलमान खान के आवास के बाहर मोटरसाइकिल सवार दो अज्ञात लोगों ने चार राउंड फायरिंग की थी। जिसके बाद इलाके में हडक़ंप मच गया था। बाद में इस मामले की जांच करते हुए मुंबई पुलिस ने हमले के लिए लॉरेंस बिश्नोई गिरोह को जिम्मेदार ठहराया था और मामले से जुड़े छह लोगों को गिरफ्तार किया था।

महिलाओं को हर माह 2,100 रुपये देगी भाजपा

हरियाणा के लिए बीजेपी ने जारी किया घोषणापत्र

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
चंडीगढ़। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने गुरुवार को हरियाणा विधानसभा चुनाव का घोषणापत्र जारी कर दिया। घोषणापत्र पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जारी किया। 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान 5 अक्टूबर को होगा जबकि वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी। घोषणापत्र के अनुसार, लाडो लक्ष्मी योजना के तहत सभी महिलाओं को प्रति माह 2,100 रुपये दिए जाएंगे।
आईएमटी खरखौदा की तर्ज पर 10 औद्योगिक शहरों का निर्माण किया जाएगा और प्रति शहर 50,000 स्थानीय युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए उद्यमियों को विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा।
इस दौरान नड्डा ने कहा कि कांग्रेस ने घोषणा पत्र को लोगों की नजरों में एक पतला दस्तावेज़ बना दिया। कांग्रेस ने और कांग्रेस की संस्कृति ने घोषणा पत्र की प्रासंगिकता को समाप्त कर दिया। उनके लिए ये दस्तावेज, महज एक औपचारिकता है व लोगों के साथ छलावा करना है। उन्होंने कहा कि आप याद कीजिए, 10 साल पहले हरियाणा की छवि क्या थी? पर्ची और खर्ची पर नौकरी लगने वाली थी और नौकरियों के चलते लोगों को सजाएं भी हुईं। उसी तरीके से हरियाणा जमीन घोटालों के लिए जाना जाता था। उनका (कांग्रेस) वास्तविक घोषणा पत्र तो ये था, जमीन का घोटाला करना, औने-पौने दामों पर जमीनों को खरीदना और उससे मुनाफा कमाना, किसानों की जमीनों को हड़पना। 10 साल पहले, हरियाणा की हर सरकार भ्रष्टाचारी कहलाती थी। नड्डा ने कहा कि हम तो हरियाणा की सेवा नॉन स्टॉप कर रहे हैं और इसे नॉन स्टॉप करने में आपको बहुत बड़ी जिम्मेदारी निभानी है। हमने जो कहा था वो किया है, जो नहीं कहा था वो भी किया है और जो कहेंगे वो भी करेंगे। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस की सरकार थी, तब 1,158 करोड़ रुपये किसानों को फसल का मुआवजा दिया गया, जबकि भाजपा सरकार के दौरान किसानों को 12,500 करोड़ रुपये फसल का मुआवजा दिया गया। कांग्रेस की सरकार की तुलना में भाजपा सरकार के दौरान किसानों को करीब 10 गुना ज्यादा फसल का मुआवजा दिया गया।

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