बिहार में दलितों के घरों में आग से भड़की सियासत
- विपक्ष के निशाने पर आई नीतीश सरकार
- कांग्रेस, राजद ने भाजपा व जदयू पर किया करारा प्रहार
- मुख्यमंत्री ने दिये जांच के आदेश
- तेजस्वी ने पीएम मोदी को घेरा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। बिहार में एकबार फिर कानून व्यवस्था को लेकर सत्ता पक्ष व विपक्ष में वार-पलटवार शुरू हो गया है। दरअसल, नवादा में कथित तौर पर भूमि विवाद को लेकर दबंगों द्वारा कई घरों में आग लगाए जाने को लेकर राजनीति तेज हो गई है। इस घटना में दबंगों ने 80 घरों को जला दिया है। ये सारे घर दलितों के हैं। इसको लेकर कांग्रेस, राजद ने नीतीश सरकार को घेर लिया है। उधर सीएम ने घटना के लिए जंाच के आदेश दिए है। कृष्णा नगर थाना क्षेत्र के महादलित टोले में करीब 80 घरों में आग लगाने की बात सामने आई है जिसके बाद तमाम विपक्षी दल ने एनडीए और नीतीश सरकार पर हमला करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे, प्रियंका गांधी, बीएसपी की मायावती समेत कई नेताओं ने एक सुर में आवाज उठाई है, प्रियंका गांधी ने राज्य सरकार से मांग की है कि ऐसा अन्याय करने वाले दबंगों पर सख्त कार्रवाई हो और सभी पीडि़तों का समुचित पुनर्वास किया जाए। तेजस्वी यादव ने एक्स पोस्ट पर लिखा कि आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी, बिहार में आपकी डबल इंजन पॉवर्ड सरकार में दलितों के घर जला दिए गए है। उन्होंने कहा कि यह भारत देश की ही घटना है। कृपया इस मंगलराज पर दो शब्द तो कह दिजीए कि यह सब प्रभु की मर्जी से हो रहा है इसपर एनडीए के बड़बोले शक्तिशाली नेताओं का कोई वश नहीं है। यह भी बता दिजीए कि बिहार में तीसरे नंबर की पार्टी के मुख्यमंत्री ने महीनों से बोलना बंद कर रखा है। वो ना मीडिया से बात करते है और ना ही पब्लिक से?
बहुजनों के विरुद्ध अन्याय की डरावनी तस्वीर उजागर : राहुल
राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”नवादा में महादलितों का पूरा टोला जला देना, 80 से ज़्यादा परिवारों के घरों को नष्ट कर देना बिहार में ‘बहुजनों’ के विरुद्ध अन्याय की डरावनी तस्वीर उजागर कर रहा है। अपना घर-संपत्ति खो चुके इन दलित परिवारों की चीत्कार और भयंकर गोलीबारी की गूंज से वंचित समाज में मचा आतंक भी बिहार की सोई हुई सरकार को जगाने में कामयाब नहीं हो पाए। लोस में नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया, ”भाजपा और राजग के सहयोगी दलों के नेतृत्व में ऐसे अराजक तत्व शरण पाते हैं, जो भारत के ‘बहुजनों’ को डराते हैं, दबाते हैं ताकि वो अपने सामाजिक और संवैधानिक अधिकार भी न मांग पाएं। पीएम का मौन इस बड़े षडय़ंत्र पर स्वीकृति की मुहर है।
दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा : नीतीश
नीतीश कुमार ने बिहार के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर को नवादा जाकर घटनास्थल का निरीक्षण करने का आदेश दिया है। घटना पर सीएम नीतीश कुमार ने उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक भी की। बैठक में उन्होंने कहा कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी, किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। घटना की जांच के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक तथ्यान्वेषी दल भी मौके पर भेजा गया था। सत्तारूढ़ जद (यू) के प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि दलितों को डरना नहीं चाहिए, विपक्ष ने बिहार सरकार पर उनकी रक्षा करने में सक्षम नहीं होने का आरोप लगाया।
यह बहुत गलत है। बिहार में कोई कानून-व्यवस्था नहीं है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि नीतीश कुमार (बिहार के सीएम) विफल हो गए हैं।
लालू प्रसाद यादव, राजद प्रमुखमहादलित टोला पर दबंगों का आतंक एनडीए की डबल इंजन सरकार के जंगलराज का एक और प्रमाण है। बेहद निंदनीय है रात के अंधेरे में गरीब परिवारों का सब कुछ छीन लिया गया।
मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस अध्यक्षघटना बेहद खौफनाक और निंदनीय है, दर्जनों राउंड फायरिंग करते हुए इतने बड़े पैमाने पर आतंक मचाकर लोगों को बेघर कर देना यह दिखाता है कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है।
प्रियंका गांधी, कांग्रेस महासचिवदबंगों द्वारा गरीब दलितों के काफी घरों को जलाकर राख करके उनका जीवन उजाड़ देने की घटना अति-दुखद व गंभीर, सरकार दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने के साथ ही पीडि़तों की पूरी आर्थिक मदद करे।
मायावती, बसपा सुप्रीमों
आतिशी 21 सितंबर को लेंगी मुख्यमंत्री पद की शपथ
- एक हफ्ते में साबित करना होगा बहुमत
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। आप नेता आतिशी 21 सितंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सरकार के गठन के प्रस्ताव के साथ अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा मंजूरी के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेज दिया है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू हो पाएगी। आतिशी के साथ उनकी कैबिनेट भी शपथ ले सकती शपथ लेने के बाद नई सरकार 26 व 27 सितंबर को बुलाए गए दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में विश्वास मत हासिल करेगी। तकनीकी रूप से मुख्यमंत्री के इस्तीफा देने पर पूरा मंत्रिमंडल भंग माना जाता है। इस वजह से आतिशी के साथ नए मंत्रिमंडल के शपथ लेने की उम्मीद है। सूत्रों ने बताया कि मंत्रिमंडल में कम से कम दो नए चेहरे दिख सकते हैं, जबकि अन्य सभी केजरीवाल सरकार के चेहरे ही रहेंगे। आतिशी या केजरीवाल ने अपनी ओर से शपथग्रहण की कोई तिथि नहीं सुझाई थी। राजनिवास के सूत्रों ने बताया कि उपराज्यपाल ने 21 सितंबर की तारीख तय की है।
विपक्ष के मजबूत होते ही सरकार पर दिखा दबाव
- संसदीय समितियों का गठन शुरू
- थरूर होंगे विदेश संबंधी संसदीय समिति के अध्यक्ष
- दिग्विजय को मिली शिक्षा से जुड़ी समिति की कमान
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। इसबार विपक्ष के मजबूत होने का असर सरकार पर दिखने लगा है। पिछले कार्यकालों में मनमानी करने वाली भाजपा सरकार इसबार विपक्ष को पूरी तरह से अपने विश्वास में लेने का प्रयास कर रही है। इसी के चलते सरकार ने संसद की स्थाई समितियों का गठन कर दिया है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर विदेश मामलों से संबंधित संसद की स्थायी समिति की अध्यक्षता करेंगे, वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह शिक्षा विभाग से जुड़ी समिति का नेतृत्व संभालेंगे। दरअसल, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने गत दिनों कहा था कि स्थायी समितियों के गठन में कोई देरी नहीं हुई है और परंपरा के अनुसार, सितंबर महीने के अंत तक उनका गठन किया जाएगा। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी कृषि संबंधी स्थायी समिति और ओडिशा के कोरापुट से पार्टी सांसद सप्तगिरी उलका ग्रामीण विकास संबंधी समिति की अध्यक्षता करेंगे। नई लोकसभा के गठन के पश्चात सरकार के साथ लंबी मंत्रणा के बाद मुख्य विपक्षी दल को लोकसभा की विदेश, कृषि और ग्रामीण विकास संबंधी तीन स्थायी समितियों की अध्यक्षता मिली है।
विभागों से संबंधित कुल 24 स्थायी समितियां
संसद में विभागो से संबंधित कुल 24 स्थायी समितियां हैं। लोकसभा के तहत 16 और राज्यसभा के तहत आठ स्थायी समिति होती हैं। इनमें से प्रत्येक समिति में 31 सदस्य होते हैं। लोकसभा से 21 और राज्यसभा से 10 सदस्य होते हैं, जिन्हें संबंधित दलों की अनुशंसा पर लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति द्वारा नामित किया जाता है। इन समितियों का कार्यकाल एक वर्ष का होता है।