महाराष्ट्र में बढ़ी सियासी हलचल, महायुति ने बुलाई बैठक

लोकसभा चुनाव को लेकर जारी सियासत पर विराम लगने का नाम नहीं ले रहा है... चुनाव को शोर थमने के बाद अब सभी पार्टियां अपनी हार की समीक्षा करने में जुट गई है.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः लोकसभा चुनाव को लेकर जारी सियासत पर विराम लगने का नाम नहीं ले रहा है… चुनाव को शोर थमने के बाद अब सभी पार्टियां अपनी हार की समीक्षा करने में जुट गई है… बता दें कि बीजेपी को महाराष्ट्र और यूपा में सबसे अधिक नुकसान हुआ है… और बीजेपी ने इन दोनों राज्यों में बहुत ही खराब प्रदर्शन किया है… जिसके चलते बीजेपी ने बहुमत का आंकड़ा भी नहीं छू पाया है… आपको बता दें कि पूरे देश में अपनी तानाशाही को लेकर जाने जाने वाले मोदी को जनता पूरी तरह से नकार दिया है… मोदी की ध्रुवीकरण की राजनीति लोकसभा चुनाव में काम नहीं आई… और जनता ने मोदी के अभिमान को चकनाचूर कर दिया… जिससे मोदी की फजीहत हो रही है… मोदी ने मोदी की गारंटी, चार सौ पार का जिक्र करना बंद कर दिया है… चेहरे की चमक खत्म हो गई है… और अब दूसरी पार्टियों की कृपा पर प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब देख रहें है… बता दें कि मोदी के अभिमान का अंत होना जरूरी भी था… क्योंकि मोदी खुद को भगवान मानने लगें थे और हर मंच से यहीं कहते फिर रहे थे कि एक अकेला सबपर भारी… और उनकी मानसिकता तानाशाही वाली बन गई थी… और उनको ओवर कॉन्फिडेंस हो गया था कि मैं जो चाहूंगा वहीं होगा… जिस घमंड का जनता ने इस कदर मुंह तोड़ जवाब दिया… जिसको मोदी कभी भी नहीं भूलेगे… वहीं दूसरी पार्टियों की कृपा पर अगर प्रधानमंत्री बन भी जाते हैं… तो पहले जैसी मनमानी नहीं कर पाएंगे… और अब दबकर भी रहना पड़ेगा…

बता दें कि बीजेपी और नरेंद्र मोदी को जो भरोसा था… वह सारा भरोसा खत्म हो गया है… और मोदी हतास, निराश और परेशान हो चुके हैं…. वहीं अब अपने सहयोगियों के साथ मिलकर पीएम मोदी शपथ लेने वाले है… वहीं बड़ी बात यह है कि इस तरह की सरकार कब तक सुचारू रूप से चलती है… यह तो आने वाला समय तय करेगा…. बता दें कि पीएम मोदी के सपथ लेने से पहले महाराष्ट्र की सहयोगी दलों ने मोदी के सामने बड़ी मांग रख दी है… जिससे बीजेपी खेमें में खलबली मच गई है… बता दें कि मंहाराष्ट्र महायुति ने पांच मंत्री पद की मांग की है… वहीं अब बीजेपी महाराष्ट्र के अपने सहयोगी दलों की मांग को मानती है… यह तो आने वाला समय तय करेगा… आपको बता दें कि इस बार बीजेपी के सामने बहुत बड़ी मुसीबत है… जिसका मुख्य कारण बीजेपी को बहुमत पार न कर पाना है… जिसके चलते सहयोगी दल अपने फायदे को देख रहा है… और सभी सहयोगी दल अपने लाभ के लिए मंत्रिमंडल में जगह मांग रहें है… और अपने कद को बढ़ाने में लगे हैं…

वहीं महाराष्ट्र में बीजेपी ने बहुत खराब प्रदर्शन किया है… जिसके चलते अब सभी दल अपनी कमियों को ढूढ़ने में लगे है… महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के मद्देनजर बीजेपी अब मंथन में जुट गई है…. राज्य में लोकसभा चुनाव के नतीजे को देखते हुए अब बीजेपी की ओर से ग्राउंड लेवल पर तैयारी शुरू की जा रही है…. वहीं महाराष्ट्र के सभी विधायकों की दादर बीजेपी दफ्तर में मीटिंग बुलाई गई… बता दें कि महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव हो हजार चौबीस में बीजेपी की अगुवाई वाली महायुति का प्रदर्शन बेहद ही निराशाजनक रहा है… पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में बीजेपी का भी प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा…. और पार्टी को यहां कुल नौ सीटों पर ही जीत मिली है… वहीं, महायुति के घटक दल सीएम एकनाथ शिंदे की शिवसेना को सात सीटों पर कामयाबी हासिल हुई…. जबकि अजित पवार गुट के एनसीपी को महज एक सीट पर ही सफलता हासिल हुई…

वहीं, महाविकास अघाड़ी ने लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया… इस गठबंधन में शामिल कांग्रेस को तेरह सीटों पर जीत मिली तो उद्धव ठाकरे गुट को नौ सीटों पर सफलता हासिल हुई…. जबकि शरद पवार गुट को आठ सीटें मिलीं…. उधर, महाराष्ट्र में बीजेपी के खराब प्रदर्शन को देखते हुए डिप्टी सीएम… और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने इस्तीफे की पेशकश की थी…. और उन्होंने बुधवार को कहा था कि वह इस साल सितंबर-अक्टूबर में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित करेंगे….

आपको बता दें कि महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि मैं वरिष्ठ नेताओं से अनुरोध करूंगा कि वे मेरा इस्तीफा स्वीकार करें…. मुझे विधानसभा चुनाव के लिए काम करने का अवसर दें…. वहीं उन्होंने ये बात पीएम मोदी की गारंटी के बावजूद BJP महायुति के महाराष्ट्र में मिशन पैंतालीस प्लस के लक्ष्य को हासिल करने में विफल रहने के बाद कही…. बता दें कि राज्य में महायुति को सत्रह और महा विकास अघाड़ी को तीस सीटें मिलीं हैं….

इस बीच शरद पवार गुट की तरफ से दावा किया गया है कि अजित पवार के पंद्रह से अधिक विधायक पार्टी प्रमुख के संपर्क में है…. वहीं इस दावे के बाद राज्य में सियासी हलचल बढ़ गई है…. और दावा किया जा रहा है कि लोकसभा चुनावों में विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाडी के तीस सीटें जीतने के बाद एनसीपी के पंद्रह से अधिक विधायक फिर शरद पवार गुट में वापसी कर सकते हैं…. शरद पवार के खेमे से यह दावा रोहित पवार ने किया है…. सियासी उथल-पुथल के बीच अजित पवार भी विधायकों… और नेताओं के साथ बैठक करने वाले हैं…. अगर ऐसा होता है तो एकनाथ शिंदे की अगुवाई में चल ही महायुति सरकार पर संकट बढ़ सकता है… 10 महीने पहले अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार को छोड़कर महायुति में चले गए थे… बारामती में करारी हार के बाद अजित पवार खेमा बैकफुट पर है…. अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी को सिर्फ एक सीट मिली है… तो वहीं शरद पवार की नई पार्टी ने नए सिंबल पर दस सीटों पर चुनाव लड़कर आठ सीटों पर जीत हासिल की है….

आपको बता दें कि अजित पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पास अभी चालीस विधायक हैं…. अगर विधायक फिर से शरद पवार के वापसी करते हैं… तो निश्चित तौर पर राज्य में नया सियासी संकट खड़ा हो सकता है…. आपको बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी के पास एक सौ तीन विधायक हैं…. जबकि शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना और एनसीपी के पास चालीस-चालीस विधायक है… वहीं दो सौ अट्ठासी सदस्यों वाली विधानसभा में आठ सीटें खाली हैं…. अगर एनसीपी के विधायक अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए वापस लौटते हैं…. तो कुछ विधायक शिवसेना के भी इस रास्ते पर चल सकते हैं…. महाराष्ट्र में अक्टूबर-नवंबर महीने में चुनाव होने हैं…. अजित पवार दिल्ली में एनडीए की बैठक में नहीं गए थे…. उनकी जगह पर पार्टी की तरफ प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे गए थे….

बता दें कि महाराष्ट्र की राजनीति में जल्द ही बड़ा बदलाव होगा…. हालांकि एनसीपी ने इन अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि वह आगामी विधानसभा चुनाव आक्रामक तौर पर लड़ेगे…. वहीं शरद पवार की तरफ से दावा किया गया कि लोकसभा चुनावों में विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाडी के तीस सीटें जीतने के बाद एनसीपी के पंद्रह से अधिक विधायक एक बार फिर शरद पवार गुट में वापसी कर सकते हैं…. आपको बता दे कि शरद पवार खेमे के रोहित पवार ने कहा कि अजित पवार की पार्टी के कम से कम उन्नीस विधायक हमारे पार्टी प्रमुख के संपर्क में हैं…. साथ ही अजित पवार की पार्टी के बारह विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं…. अगले कुछ दिनों में विधायक क्या फैसला लेंगे…. इसकी तस्वीर साफ हो जाएगी…. वहीं एक दर्जन से ज्यादा विधायक घर वापसी करना चाहते हैं…. इनमें से कई विधायक सुप्रिया सुले, प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील… और रोहित पवार के संपर्क में हैं…. जयंत पाटिल इन अटकलों की पुष्टि करते हुए कहा कि बहुत से लोग संपर्क में हैं…. लेकिन अभी पार्टी के अंदर फैसला नहीं हुआ है… वहीं नौ जून को पार्टी की कार्यकारिणी की बैठक होगी.. वहीं कार्यकारिणी की बैठक में फैंसला होगा….

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने लोकसभा चुनाव परिणामों और उसमें पार्टी के प्रदर्शन की समीक्षा के लिए वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की…. जिसमें एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने कहा कि राकांपा नेतृत्व दिन में पार्टी विधायकों के साथ विधानसभा क्षेत्रों की स्थिति पर चर्चा करेगा…. हम विधानसभा चुनाव आक्रामक तरीके से लड़ेंगे…. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, दोनों उपमुख्यमंत्री एकजुट होकर विधानसभा चुनाव लड़ने पर फैसला लेंगे… साथ ही उन्होंने इन अटकलों को खारिज कर दिया कि उनकी पार्टी के विधायक शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा के संपर्क में हैं… वहीं इस सभी अटकलों और दावों का क्या सच निकलकर सामने आता  है… यह तो आने वाला वक्त तय करेगा…

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