CAA लागू होने से मचा सियासी बवाल, केजरीवाल ने भाजपा को घेरा

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट यानी CAA का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसके साथ ही यह कानून देशभर में लागू हो गया है। इससे पाकिस्तान, बांग्लादेश अफगानिस्तान से आए गैर- मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो गया है। लेकिन इसे लेकर देश भर में विरोध शुरू हो गया है। ऐसे में न केवल देश की जनता बल्कि विपक्षी दल के नेता भी भाजपा पर हमलवार हैं। सभी अपनी अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। अब इससे भले ही भाजपा को लग रहा हो कि उसने जनता के हिट में काम किया है लेकिन, चुनाव से ठीक पहले CAA का इस तरह लागू होना भाजपा का चुनावी स्ट्रोक बताया जा रहा है। अब लोकसभा चुनाव में इससे भाजपा को कितना फायदा होगा ये तो आने वाला समय ही तय करेगा लेकिन फिलहाल इसे लेकर देश के कोने कोने में विरोध जारी है। अब ऐसे में, देश की राजधानी दिल्ली की अगर हम बात करें तो यहां भी CAA को लेकर विरोध के स्वर उठने लगे हैं। न केवल दिल्ली की जनता बल्कि खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इसे लेकर भाजपा पर सवाल खड़े कर रहे हैं।

अब ऐसे में CAA लागू होने के बाद से ही अरविंद केजरीवाल ने भाजपा को घेरना शुरू कर दिया है। उन्होंने पीएम मोदी को घेरते हुए इसे चुनावी चाल बताई है। दरअसल उन्होंने  उन्होंने कहा कि बीजेपी शायद दुनिया की अकेली पार्टी है जो पड़ोसी देशों के ग़रीबों को अपना वोट बैंक बनाने के लिए ये गंदी राजनीति कर रही है. ये देश के ख़िलाफ़ है. सीएम केजरीवाल ने कहा, “दस साल देश पर राज करने के बाद एन चुनाव के पहले मोदी सरकार CAA लेकर आयी है. ऐसे वक़्त जब गरीब और मध्यम वर्ग महंगाई से कराह रहा है और बेरोज़गार युवा रोज़गार के लिए दर दर की ठोकरें खा रहा है, उन असली मुद्दों का समाधान करने की बजाय ये लोग CAA लाये हैं.”

सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने कहा, “कह रहे हैं कि तीन पड़ोसी राज्यों के अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता दी जाएगी. यानि ये पड़ोसी राज्यों के लोगों को भारत में लाकर बसाना चाहते हैं. क्यों? अपना वोट बैंक बनाने के लिए. जब हमारे युवाओं के पास रोज़गार नहीं है तो पड़ोसी राज्यों से आने वाले लोगों को रोज़गार कौन देगा? उनके लिए घर कौन बनाएगा? क्या बीजेपी उनको रोज़गार देगी? क्या बीजेपी उनके लिए घर बनाएगी?”

इसके साथ ही उन्होंने कहा, “पिछले दस सालों में 11 लाख से ज़्यादा व्यापारी और उद्योगपति इनकी नीतियों और अत्याचारों से तंग आकर देश छोड़कर चले गये. उन्हें वापिस लाने की बजाय ये पड़ोसी देश के ग़रीबों को लाकर भारत में बसाना चाहते हैं. क्यों? सिर्फ़ अपना वोट बैंक बनाने के लिए?” सीएम केजरीवाल ने ये भी कहा, “पूरा देश CAA का विरोध करता है. पहले हमारे बच्चों को नौकरी दो, पहले हमारे लोगों को घर दो. फिर दूसरे देशों के लोगों को हमारे देश में लाना. पूरी दुनिया में हर देश दूसरे देशों के ग़रीबों को अपने देश में आने से रोकता है क्योंकि इस से स्थानीय लोगों के रोज़गार कम होते हैं. बीजेपी शायद दुनिया की अकेली पार्टी है जो पड़ोसी देशों के ग़रीबों को अपना वोट बैंक बनाने के लिए ये गंदी राजनीति कर रही है. ये देश के ख़िलाफ़ है.”केजरीवाल ने साथ ही ये भी कहा कि ख़ासकर असम और पूरे उत्तर पूर्वी भारत के लोग इसका सख़्त विरोध करते हैं जो बांग्लादेश से होने वाले माइग्रेशन के शिकार रहे हैं और जिनकी भाषा और संस्कृति आज ख़तरे में है. बीजेपी ने असम और पूरे उत्तर पूर्वी राज्यों के लोगों को धोखा दिया है. लोग इसका लोक सभा चुनाव में जवाब देंगे।

आज खुद के सत्ता के लालच में मौजूदा सरकार इस कदर लिप्त हो चुकी है कि हर तरह से सिर्फ अपना ही फायदा देख रही है। देश में फैली बेरोजगारी महंगाई की बात न करके सरकार सिर्फ और सिर्फ लोगों का ध्यान भटका रही है। अब ऐसा नहीं है कि सिर्फ केजरीवाल ने इसपर विरोध जताया है बल्कि कई अन्य पार्टियों के नेताओं ने भी भाजपा पर जमकर निशाना साधना शुरू कर दिया है  .लेकिन इस भाजपा राज में ज्यादातर सच बोलने वालों को और अपने हक़ की आवाज उठाने वालों को कैद कर लिया जाता है। ऐसा ही कुछ हुआ जब CAA को लेकर जामिया मिलिया इस्लामिया में छात्रों ने विरोध किया। उन्होंने केंद्र सरकार से इसे वापस लेने की मांग की।

प्रदर्शनकारी छात्रों ने नागरिकता (संशोधन) कानून को रद्द करने व छात्रों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की भी मांग की। इसमें बड़ी संख्या में छात्र पोस्टर लेकर परिसर में जमा हुए। छात्र कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग कर रहे थे, जोकि 2019 के सीएए विरोधी विरोध प्रदर्शन का हिस्सा थे। लेकिन सरकार ने उनकी सुनने के बजाय बल्कि सरकार द्वारा नियम अधिसूचित किए जाने के बाद क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वहीं जामिया का गेट नंबर सात बंद कर दिया गया । दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवानों को तैनात किया गया है। स्थिति पर नजर रखने के लिए इलाके में ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। अब आलम ये है कि कॉलेज परिसर में भी निगरानी रखी जा रही है। ऐसा नहीं है कि ये आलम सिर्फ एक कॉलेज का है बल्कि इससे भी ज्यादा हालात खराब हैं DU के।

जी हां, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सरकार के इस फैसले के खिलाफ दिल्ली विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय कला संकाय में एकत्रित हुए लगभग 55 छात्रों को पुलिस ने 12 मार्च 2024 को हिरासत में ले लिया. दरअसल, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के कई विद्यार्थियों ने केंद्र सरकार द्वारा लागू नारिकता संशोधन कानू के खिलाफ प्रदर्शन का आह्वान किया था. जिसके बाद उन्हें खामोश करने की कोशिश की गई। वहीं इसपर ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन की दिल्ली विश्वविद्यालय इकाई के अध्यक्ष माणिक गुप्ता ने कहा कि विरोध-प्रदर्शन शुरू होने से पहले ही छात्रों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. उन्होंने आरोप लगाया, ”कई छात्र विरोध प्रदर्शन में भाग नहीं ले रहे थे और कला संकाय के बाहर सिर्फ खड़े थे. उन्हें भी संदेह के आधार पर पुलिस ने हिरासत में ले लिया.” माणिक गुप्ता से दावा किया कि छात्रों के साथ पुलिस ने अच्छा व्यवहार नहीं किया।

वहीं अब इस मामले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये पीएम मोदी पर निशाना साधा है। वहीं प्रशासन चारों तरफ विरोध देखते हुए सुरक्षा बना दी है। आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) 11 दिसंबर, 2019 को संसद में पारित हुआ था। इसके बाद दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन हुए थे। दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया और शाहीन बाग इलाकों में 2019-20 में कई महीने तक सीएए विरोधी प्रदर्शन हुए थे। उत्तर पूर्व दिल्ली में 2020 की शुरुआत में इस कानून को लेकर सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं भी देखी गईं जिनमें 53 लोगों की मौत हो गई और 500 से ज्यादा घायल हो गए।

अब इस बार भी CAA लागू होने के बाद इसके मद्देनजर पुलिस ने उत्तर पूर्व जिले में 43 संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान की है। इनमें सीलमपुर, जाफराबाद, मुस्तफाबाद, भजनपुरा, खजूरी खास और सीमापुरी शामिल हैं। पुलिस उपायुक्त जॉय टिर्की ने कहा, ‘‘कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस और अर्द्धसैनिक बल कड़ी नजर रख रहे हैं। फिलहाल बता दें कि CAA को लेकर देश भर विरोध चल रहा है और अब सरकार पर भी सवाल उठ रहे हैं कि ये सरकार ने चुनावी फायदे के लिए किया है। खैर अब इससे भाजपा को चुनाव में कितना फायदा होता है या ये चाल उनपर खुद उलटी पड़ती है ये तो आने वाला समय ही बताएगा।

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