उद्धव के ऑफर ने बढ़ाया महाराष्ट्र का सियासी पारा

मुंबई। देश के अंदर लोकसभा चुनावों का ऐलान कभी भी हो सकता है। चुनाव आयोग बहुत जल्द ही तारीखों का ऐलान कर सकता है। यही वजह है कि देश में सियासी सरगर्मी भी काफी बढ़ गई है। सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गए हैं और अपनी योजनाओं को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं। तो वहीं राजनीतिक दलों और नेताओं द्वारा एक-दूसरे पर हमला बोलने का सिलसिला भी लगातार जारी है। जबकि जिन नेताओं को पार्टी की ओर से टिकट नहीं मिल रहा है। वो उछल-कूद का खेल भी खेल रहे हैं। और एक दल से दूसरे दल में कूदफांद मचा रहे हैं। फिर वो चाहे सत्ताधारी दल भाजपा के नेता हों या फिर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के। सभी दलों के नेता अपने-अपने स्वार्थ के लिए अपनी-अपनी पार्टियों को ही धोखा दे रहे हैं। तो वहीं नेताओं द्वारा एक-दूसरे पर हमला बोलकर भी सियासी माहौल को गरमाया जा रहा है।

इतना ही अब तो नेतागण सरेआम एक-दूसरे को पार्टी में आने ऑफर देने लगे हैं। महाराष्ट्र में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के मुखिया उद्धव ठाकरे लगातार भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को भाजपा छोड़कर अपनी पार्टी में आने का ऑफर दे रहे हैं। उद्धव पिछले कुछ दिनों से लगातार नितिन गडकरी को ये कह रहे हैं कि भाजपा आपका अपमान कर रही है। इसलिए आप बीजेपी छोड़कर हमारे साथ आ जाइए। इतना ही नहीं उद्धव गडकरी को पद का भी ऑफर दे रहे हैं। हालांकि, गडकरी उद्धव के इस ऑफर पर पहले ही उद्धव को नसीहत दे चुके हैं। लेकिन उद्धव हैं कि मानने को तैयार ही नहीं हैं। इसलिए पूर्व मुख्यमंत्री ने एक बार फिर गडकरी साहेब को भाजपा छोड़कर उनके साथ आने का ऑफर दे डाला है।

उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से कहा कि अगर उनका अपमान किया जा रहा है तो वे भाजपा छोड़ दें। महाराष्ट्र में विपक्ष लोकसभा चुनाव में उनकी जीत सुनिश्चित करेगा। यहां ये भी बता दें कि इससे ठीक दो दिन पहले भी ठाकरे ने नितिन गडकरी को ऐसा ही न्योता दिया था। जिसे गडकरी ने अपरिपक्व बयान बताया था। ठाकरे के इस ऑफर पर उस समय पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि ठाकरे को इस बात की चिंता करने की जरूरत नहीं है कि भाजपा किसे टिकट दे रही है और किसे नहीं। गडकरी की इस नसीहत के बाद भी उद्धव अपने बात पर अड़े रहे और अब एक बार फिर उन्होंने गडकरी को ऑफर कर दिया है। उद्धव ने एक बार फिर गडकरी के अपमान की बात करते हुए उन्हें लुभाने का प्रयास किया है।

पूर्वी महाराष्ट्र के यवतमाल जिले के पुसाद में एक रैली को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि पूर्व कांग्रेसी नेता कृपाशंकर सिंह जैसे लोग, जिस पर भाजपा ने कथित रूप से भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। अब उनको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उम्मीदवारों की पहली सूची में शामिल किया गया। लेकिन इस सूची से दिग्गज भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का नाम गायब था। उद्धव ने कहा कि मैंने दो दिन पहले ही गडकरी से कहा था और दोबारा कह रहा हूं कि अगर आपका अपमान हो रहा है तो आप भाजपा छोड़ दें और महाविकास अघाड़ी में शामिल हो जाएं। मैं सुनिश्चित करता हूं कि महाविकास अघाड़ी आप की जीत सुनिश्चित करेगा। इतना ही नहीं उद्धव ने गडकरी को मंत्री पद का भी ऑफर दे डाला। ठाकरे ने कहा कि हमारी सरकार सत्ता में आएगी तो हम आपको एक अहम मंत्रालय की जिम्मेदारी भी सौपेंगे।

दरअसल, उद्धव गडकरी को लगातार ये ऑफर इसलिए भी दे रहे हैं। क्योंकि हर कोई जानता है कि नितिन गडकरी और गुजरात लॉबी के बीच रिश्ते कैसे हैं। अक्सर ही गडकरी इशारों-इशारों में पीएम मोदी पर तंज भी कसते रहते हैं।. और वो सरकार की भी कमियों पर खुलकर अपनी राय रखते हैं। इतना ही नहीं बीच में इन चर्चाओं ने काफी जोर भी पकड़ा था कि नितिन गडकरी भाजपा छोड़ सकते हैं। हालांकि, गडकरी ने उस समय भी साफ किया था कि वो भाजपा कभी नहीं छोड़ने वाले। तो वहीं अब जब भाजपा 195 उम्मीदवारों की अपनी सूची जारी कर चुकी है जिसमें खुद प्रधानमंत्री मोदी समेत गृहमंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह जैसे सीनियर नेताओं के नाम शामिल हैं। लेकिन इस सूची में केंद्रीय मंत्री व पार्टी के सीनियर नेताओं में शामिल नितिन गडकरी का नाम शामिल नहीं है। तो वहीं बीच में ये चर्चाएं भी लगातार उठती रही हैं कि गुजरात लॉबी माने मोदी और शाह इस बार गडकरी का टिकट काट सकते हैं।

क्योंकि 2022 में भाजपा ने अपने संसदीय बोर्ड की टीम से भी नितिन गडकरी की छुट्टी कर दी थी। और उनकी जगह पार्टी ने महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को शामिल किया था। देवेंद्र फडणवीस भी महाराष्ट्र से ही आते हैं। और नितिन गडकरी के ही संसदीय क्षेत्र से भी संबंध रखते हैं। ऐसे में कहीं न कहीं ये संभव है कि मोदी और शाह फडणवीस को गडकरी के विकल्प के तौर पर तैयार कर रहे हैं। ऐसे में वाकई में तो कहीं गुजरात लॉबी गडकरी का टिकट काटने वाली तो नहीं है? क्योंकि वो कहते हैं कि धुआं वहीं निकलता है जहां आग लगी होती है। हालांकि, गडकरी संगठन में काफी मजबूत पकड़ रखते हैं और वो आरएसएस के काफी करीबी माने जाते हैं। शायद यही वजह है कि मोदी और शाह अब तक गडकरी को उस तरह से साइडलाइन नहीं कर पा रहे हैं। फिलहाल अब इस बार गडकरी का क्या होगा ये तो एक-दो दिन में पता चल जाएगा। लेकिन उद्धव के लगातार ऑफर देने से प्रदेश का सियासी पारा चढ़ गया है।

हालांकि, दो दिन पहले जब ठाकरे ने गडकरी को ऑफर दिया था और भाजपा छोड़कर एमवीए में शामिल होने का न्यौता दिया था। उस पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इसे हास्यास्पद बताते हुए ठुकरा दिया था। उन्होंने ठाकरे के बयान को अपरिपक्व बताया है। पूर्व सीएम पर पलटवार करते हुए गडकरी ने कहा था कि उन्हें इस बात की चिंता करने की जरूरत नहीं है कि भाजपा किसे मैदान में उतारती है। गडकरी ने कहा कि भाजपा ने चुनावों के लिए उम्मीदवारों के चयन को लेकर एक प्रणाली बना रखी है और उसी के अनुसार काम होता है। उन्होंने भरोसा जताया कि आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा नीत राजग को 400 से अधिक सीटें मिलेंगी। बताते चलें कि ठाकरे ने कहा था कि गडकरी को ‘महाराष्ट्र की ताकत’ दिखानी चाहिए। उन्हें दिल्ली के सामने झुकने के बजाय इस्तीफा दे देना चाहिए।

फिलहाल तो गडकरी का इनकार और उद्धव का ऑफर महाराष्ट्र की सियासत में हॉट टॉपिक बना हुआ है।वहीं दूसरी ओर गडकरी को ऑफर देने के साथ-साथ उद्धव ठाकरे ने भाजपा की मोदी सरकार पर भी निशाना साधा। उद्धव ठाकरे ने दावा किया कि बीजेपी संविधान को बदलने के लिए 400 से अधिक लोकसभा सीटें जीतना चाहती है। जिसके बाद देश में कोई चुनाव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि लोगों को उस खतरे के बारे में जागरूक होना चाहिए जिसका वे सामना कर रहे हैं। उद्धव ठाकरे ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी आगामी चुनावों में 400 से अधिक लोकसभा सीटें जीतने की बात कर रह रही है। लेकिन ये समझना जरूरी है कि उन्हें देश के विकास के लिए 400 से ज्यादा सीटें नहीं चाहिए। वे देश का संविधान बदलना चाहते हैं। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख ठाकरे ने आरोप लगाया कि बाबासाहेब अंबेडकर की ओर से दिए गए संविधान में ये बदलाव करना चाहते हैं। ये उस संविधान में बदलाव करने की कोशिश में हैं, जिस पर मैंने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।

नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि बीजेपी नेता अनंत कुमार हेगड़े ने पार्टी के 400 से अधिक सीटें जीतने पर संविधान को बदलने की योजना के बारे में बात की थी। उद्धव ठाकरे ने रैली में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर एक बार संविधान बदल गया, तो वे सारी शक्तियां अपने हाथों में ले लेंगे और देश में फिर से कोई चुनाव नहीं होगा। उन्होंने यवतमाल जिले में किसानों की खुदकुशी का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर लोकसभा चुनाव से पहले यवतमाल का दौरा करते हैं और दावा करते हैं कि यवतमाल उनके लिए भाग्यशाली है। ठाकरे ने लोगों को आगाह करते हुए कहा कि यह अपने दिमाग में रखें कि आपका भाग्य मोदी के हाथों में नहीं है। बल्कि मोदी का भाग्य आपके हाथ में है। उनका नारा है ‘अबकी बार बीजेपी 400 पार’, लेकिन मैं एक और नारा देना चाहता हूं, ‘अबकी बार बीजेपी तड़ीपार’ यानी इस बार बीजेपी को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख ने कहा कि पीएम मोदी के सभी आश्वासन और गारंटी महज जुमले हैं।

फिलहाल इतना साफ है कि महाराष्ट्र में अब सियासी पारा पूरी तरह से चढ़ चुका है। उद्धव ठाकरे इस बार पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतर चुके हैं और वो लगातार भाजपा पर निशाना साध रहे हैं। तो वहीं दूसरी ओर गडकरी को इस तरह से ऑफर देने भी महाराष्ट्र की सियासत में एक बड़ा इशारा करता है। क्योंकि ऑफर देने वाला कोई मामूली नेता नहीं बल्कि प्रदेश का पूर्व सीएम है। इसलिए जाहिर है कि मसला बड़ा है और कहीं न कहीं कोई सुगबुगाहट जरूर है। फिलहाल संभव है कि आज से कल तक भाजपा महाराष्ट्र में अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर सकती है। जिसके बाद ये साफ हो जाएगा कि नितिन गडकरी को टिकट मिलता है या नहीं। लेकिन इतना तो जरूर है कि उद्धव के इस सार्वजनिक ऑफर ने गुजरात लॉबी को चिंता में डाल दिया है। क्योंकि अब उनके लिए गडकरी को साइडलाइन करना और उनका टिकट काटना काफी मुश्किल हो जाएगा। यानी उद्धव ने बड़ी चालाकी से एक तीर से कई निशाने साधे हैं। अब आगे क्या होता है ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

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