पवार के बयान पर छिड़ गया सियासी वार
- एनसीपी प्रमुख ने जेपीसी की मांग को बताया गलत
- भाजपा ने किया स्वागत, कांग्रेस असहमत उद्धव गुट शिवसेना भी सतर्क
- टाटा-बिड़ला पर भी लगते थे आरोप
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। शरद पवार के अडानी मामले में जेपीसी की मांग को गलत बताने के बयान पर सियासी घमासान छिड़ गया हैं। जहां भाजपा ने इसका स्वागत किया है वहीं कांग्रेस ने आपत्ति जताई है जबकि उद्धव गुट शिवसेना ने कहा है कि इससे विपक्षी एकता पर कोई असर नहीं होगा। खैर जो भी हो पवार ने इस मामले में शनिवार को दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सफाई दी है। हालांकि विश्लेषक इसके अलग मायने निकाल रहे हैं कुछ इसे 2024 लोकसभा चुनाव से जोडक़र कर चल रहे हैं।
शरद पवार ने कहा, एक जमाना ऐसा था जब सत्ताधारी पार्टी की आलोचना करनी होती थी तो हम टाटा-बिड़ला का नाम लेते थ, टाटा का देश में योगदान है, आजकल अंबानी-अडानी का नाम लेते हैं, उनका देश में क्या योगदान है, इस बारे में सोचने की आवश्यकता है, अपनी सफाई में शरद पवार ने कहा, इंटरव्यू अडानी को लेकर नहीं था, वह कई और मुद्दों को लेकर था, जिसमें मुझसे अडानी को लेकर भी सवाल पूछे गए जिनके मैंने जवाब दिए।
जेपीसी में भाजपा के सदस्य होते ज्यादा
शरद पवार ने बताया, आखिर उन्होंने जेपीसी जांच की मांग को क्यों ठुकरा दिया था। उन्होंने कहा, मैंने विपक्षी दलों के साथ हुई बैठक में भी ये बात कही थी कि जेपीसी में 21 में से 15 सदस्य सत्ताधारी पार्टी के होंगे, इसलिए ज्यादातर लोग सत्ताधारी पार्टी के हों तो आखिर वहां देश के सामने सच्चाई कहां तक आ पाएगी। इसलिए मैंने कहा, इसकी जांच सुप्रीम कोर्ट की स्वतंत्र टीम करे,उन्होंने कहा, जहां तक जांच के संबंध में मेरी राय का सवाल है तो मैंने यही कहा कि जेपीसी की जांच की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि जेपीसी की कोई भी जांच प्रभावी तरीके से नहीं हो सकती क्योंकि जब जेपीसी बनेगी उसमें भाजपा का बहुमत रहेगा और अन्य दलों को अधिकतम एक या दो सदस्यों का ही प्रतिनिधित्व मिल पाएगा और ऐसे में वही निष्कर्ष निकाला जाएगा जो सत्ता पक्ष को चाहिए होगा।
कांग्रेस ने जताई असहमति
पवार के बयान से कांग्रेस ने असहमति जताई है। उसने कहा कि उसकी सहयोगी एनसीपी का अपना अलग विचार हो सकता है। हालांकि, 19 समान विचारधारा वाले विपक्षी पार्टियां आश्वस्त हैं कि समूह के खिलाफ आरोप वास्तविक और बहुत गंभीर हैं।
विपक्षी एकता पर नहीं पड़ेगा कोई असर: राउत
नई दिल्ली। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय राउत ने कहा कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बयान से विपक्षी एकता प्रभावित नहीं होगा। बता दें, पवार ने पिछले दिनों कहा था कि अदाणी-हिंडनबर्ग विवाद की जेपीसी जांच की मांग उचित नहीं है। संजय राउत के मुताबिक, शरद पवार ने कहा कि विपक्ष जेपीसी की मांग कर रहा है, लेकिन इससे कुछ नहीं होगा, क्योंकि जेपीसी का अध्यक्ष भाजपा का होगा… अदाणी को लेकर टीएमसी, एनसीपी की अपनी राय है, लेकिन इससे विपक्षी एकता प्रभावित नहीं होगी।
वाराणसी में तेज प्रताप यादव से बदसलूकी
- होटल से सामान बाहर निकाला पुलिस जांच में जुटी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
वाराणसी। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बेटे और बिहार सरकार में मंत्री तेज प्रताप यादव से वाराणसी के होटल में बदसलूकी का मामला सामने आया है। घटना सिगरा के एक होटल की बताई जा रही है। जहां विवाद के बाद तेज प्रताप यादव को सामान के साथ होटल से बाहर कर दिया गया।
मामले की जानकारी होते ही हडक़ंप मच गया। पुलिस इस घटना की जांच में जुटी है।बिहार सरकार के मंत्री तेज प्रताप बीती रात सिगरा स्थित होटल अरकाडिया के प्रबंधन पर बिफर पड़े। उन्होंने बिना अनुमति लगेज को कमरे से बाहर करने व उसकी तलाशी लेने का आरोप लगाया।
राष्ट्रपति मुर्मू ने भरी सुखोई फाइटर जेट से उड़ान
- असम के तेजपुर एयरबेस से किया टेक-ऑफ
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
गुवाहाटी। असम में राष्टï्रपति मुर्मू ने सुखोई फाइटर जेट से उड़ान भरी। असम के तेजपुर एयरबेस से राष्ट्रपति ने यह उड़ान भरी। इससे पहले 2009 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल भी अग्रिम मोर्चे के लड़ाकू विमान में उड़ान भर चुकी हैं।
इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुवाहाटी में गजराज महोत्सव-2023 का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रकृति और मानवता के बीच पवित्र रिश्ता होता है। जो कार्य प्रकृति और पशु-पक्षियों के लिए हितकारी है, वह मानवता के भी हित में है। धरती माता के हित में भी है। इससे पूर्व उन्होंने कांजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में हाथी को खाना खिलाया और जीप सफारी का लुत्फ लिया। राष्ट्रपति ने हाथियों के साथ दया का व्यवहार करने, उनके गलियारों को अवरोधों से मुक्त रखने का आग्रह किया ताकि उनकी आवाजाही आसान हो सके।