आंध्र में पार्षदों को विदेश भेजे जाने पर गरमाई सियासत
टीडीपी-वाईएसआरपी की जंग

मेयर के खिलाफ विश्वास मत को लेकर रार
जगन ने पूछा- श्रीलंका-मलयेशिया क्यों भेजे गए पार्षद
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली/विशाखापत्तनम। सरकारों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव और पार्टी में फूट को रोकने के लिए अक्सर राजनीतिक दल रिसॉर्ट पॉलिटिक्स का सहारा लेते हैं। राष्ट्रीय या प्रादेशिक स्तर पर सियायी गलियारों में राजनेताओं को रिसॉर्ट्स में ले जाया जाना कोई नई बात नहीं है। अक्सर एक राज्य के सांसदों या विधायकों को दूसरे राज्य भेजा जाता है, ताकि उन्हें कोई गुमराह न कर सके, लेकिन इस बार रिसॉर्ट पॉलिटिक्स देश की सीमाएं पार कर गई है। इस बार नेताओं को विदेश में ठहराया गया है और वो भी मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर।
दरअसल, आंध्र प्रदेश में तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) ने रिसॉर्ट पॉलिटिक्स को नया आयाम दिया है। दरअसल, इस बार शहरी निकाय के लिए पार्षदों को रिसॉर्ट पहुंचाया गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि पार्षदों को देश में नहीं, बल्कि श्रीलंका और मलेशिया में ठहराया गया है। मामला विशाखापत्तनम की मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से जुड़ा है। दरअसल, 19 अप्रैल को विशाखापत्तनम की मेयर जी हरि वेंकट कुमारी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होना है। इससे पहले तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने अपने पार्षदों को मलेशिया और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) ने अपने पार्षदों को श्रीलंका भेज दिया है।
वाईएसआरसीपी का ग्रेटर विशाखापत्तनम नगर निगम पर कब्जा
वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआरसीपी का वर्तमान में ग्रेटर विशाखापत्तनम नगर निगम (जीवीएमसी) पर कब्जा है। जी हरि वेंकट कुमारी के अलावा उप महापौर जे श्रीधर और के सतीश भी वाईएसआरसीपी से हैं। सभी पिछले साल राज्य में सत्ता खोने के बाद से बैकफुट पर है। इसकी वजह है- कई बड़े और छोटे नेताओं का टीडीपी में शामिल हो जाना। इस बीच जीवीएमसी में टीडीपी पार्षदों ने 22 मार्च को मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। जैसे-जैसे मतदान की 19 अप्रैल की समय सीमा नजदीक आ रही है, दोनों खेमों ने अपने पार्षदों को खरीद-फरोख्त और क्रॉस-वोटिंग को रोकने के लिए तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं। जीवीएमसी के डिप्टी मेयर जियानी श्रीधर के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। इस पर 26 अप्रैल को चर्चा हो सकती है। जीवीएमसी में 98 सीटों में से 59 सीटें वाईएसआरसीपी के पास हैं। टीडीपी के पास 29 पार्षद हैं, जिनमें सहयोगी जेएसपी के तीन पार्षद हैं। भाजपा, सीपीआई और सीपीआईएम के पास एक-एक पार्षद हैं।
फिर प्रदेश में पलटी मारेगा मौसम, कई जिलों में गिर सकते हैं ओले
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अगले 48 घंटे मौसम का मिजाज बिगड़ा रहने वाला है। मौसम विभाग का कहना है कि शुक्रवार से लेकर शनिवार के बीच प्रदेश के विभिन्न इलाकों में रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी रहेगा। वहीं प्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी दोनों हिस्सों के लगभग 50 जिलों में गरज- चमक के साथ बूंदाबांदी और तेज हवा के झोंकों संग ओलावृष्टि का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि एक और सक्रिय हुए पश्चिमी विक्षोभ के असर से मौसम में फिर से परिवर्तन आएगा। बारिश के दौरान चलने वाली झोंकेदार हवाओं की गति 40 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है।
राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को एक बार फिर से तेज हवा के झोंकों के साथ बूंदाबांदी के संकेत हैं। बारिश के साथ ओले गिरने का भी पूर्वानुमान है।
बीते बृहस्पतिवार को हुई बारिश से पारे में 12.5 डिग्री की गिरावट से लोगों को गर्मी से राहत मिली थी। शुक्रवार को धूप खिलते ही मौसम में दोबारा गर्माहट बढ़ी। दिन के तापमान में 7 डिग्री सेल्सियस की बढत देखने को मिली। लखनऊ में शुक्रवार से अगले 48 घंटे के लिए मौसम दोबारा करवट लेने वाला है। एक नए सक्रिय हो रहे विक्षोभ के असर से तेज हवाओं और बादलों की आवाजाही से दोबारा बूंदाबांदी या हल्की बारिश के आसार हैं। इस दौरान ओले गिरने की भी संभावना है।
झोंकेदार हवाओं की गति 40 से 50 किमी प्रति घंटे तक जा सकती है। शुक्रवार को दिन का अधिकतम तापमान 7 डिग्री की उछाल के साथ 32.9 डिग्री दर्ज हुआ। वहीं, 4.4 डिग्री की गिरावट के साथ रात का पारा 19 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ।
बदलाव की प्रतीक्षा में गुजरात: खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष बोले- घर-घर तक पहुंचें कांग्रेस के लोग
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
गांधीनगर। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अहमदाबाद में पार्टी अधिवेशन संपन्न होने के बाद पार्टी की गुजरात इकाई के नेताओं और कार्यकर्ताओं का धन्यवाद करते हुए कहा कि राज्य बदलाव के लिए प्रतीक्षारत है और ऐसे में वे पार्टी के संदेश को घर-घर तक पहुंचाएं। पार्टी का एक-दिवसीय अधिवेशन बीते नौ अप्रैल को अहमदाबाद में संपन्न हुआ जिसमें सरदार पटेल, राजनीतिक मुद्दों और गुजरात को लेकर तीन प्रस्ताव पारित किए गए। पार्टी ने गुजरात से संबंधित प्रस्ताव में तीन दशक बाद राज्य की सत्ता में वापसी का संकल्प लिया है।
खरगे ने एक वीडियो जारी कर कहा कि मैं अहमदाबाद एआईसीसी अधिवेशन सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए देश भर के कांग्रेस के साथियों को बधाई और धन्यवाद देता हूं। विशेष तौर पर गुजरात प्रदेश कांग्रेस की टीम को मैं बधाई देता हूं, जिन्होंने प्रतिकूल परिस्थितियों और हमारी सरकार न होने के बावजूद समर्पण के साथ इसे सफल बनाने में रात दिन का श्रम किया। हर कार्यकर्ता को हमारी बधाई। उन्होंने कहा, ‘‘कई वर्षों से गुजरात में कांग्रेस विपक्ष में है। फिर भी यह बहुत कामयाब आयोजन रहा। इसका संदेश देश से आए एआईसीसी सदस्य अपने इलाकों में पहुंचाएंगे। खरगे ने कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं का आह्वान किया, ‘‘इस अधिवेशन को सफल बनाने वाले गुजरात के साथियों को मै कहना चाहूंगा कि आपमें गजब की संगठन क्षमता है। आप घरों से बाहर निकलिए। बदलाव आपकी प्रतीक्षा में है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आप कांग्रेस के संदेश को घर-घर पहुंचाएंगे और पार्टी को एक बार फिर नई ऊंचाई पर ले जाएंगे।
वक्फ के विरोध में दहल उठा पूरा बंगाल, सैकड़ों गिरफ्तार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोलकाता। पश्चिम बंगाल पुलिस ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले में भडक़ी हिंसा के सिलसिले में 110 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि विरोध प्रदर्शन मालदा, मुर्शिदाबाद, दक्षिण 24 परगना और हुगली जिलों में फैल गया, जिसके कारण आगजनी, पथराव और सडक़ अवरोध उत्पन्न हो गए।
पुलिस ने बताया कि इन सभी जिलों में छापेमारी की जा रही है और अकेले मुर्शिदाबाद में 110 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस अधिकारी के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंसा के सिलसिले में सुती से लगभग 70 लोगों और समसेरगंज से 41 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि हिंसा प्रभावित इलाकों में शनिवार सुबह भी स्थिति तनावपूर्ण बनी रही, हालांकि कोई नई घटना नहीं हुई। हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं, जहां हिंसा हुई थी। एक अधिकारी ने कहा कि सुती और समसेरगंज इलाकों में गश्त जारी है। किसी को भी कहीं भी इक_ा होने की अनुमति नहीं है। हम कानून और व्यवस्था की स्थिति को बाधित करने के किसी भी प्रयास की अनुमति नहीं देंगे।
उन्होंने लोगों से सोशल मीडिया पर अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की। पुलिस ने बताया कि सुती में झड़प के दौरान कथित पुलिस गोलीबारी में घायल हुए एक किशोर को कोलकाता के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
ममता सरकार स्थिति को संभालने में असक्षम केंद्र से मांगे मदद: भाजपा
भाजपा ने ममता बनर्जी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि अगर वह स्थिति को संभालने में असक्षम है, तो उसे केंद्र से सहायता मांगनी चाहिए। भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि यह ज्ञात हो कि यह विरोध का कार्य नहीं था, बल्कि हिंसा का एक पूर्वनियोजित कार्य था, जिहादी ताकतों द्वारा लोकतंत्र और शासन पर हमला था, जो अपने प्रभुत्व का दावा करने और हमारे समाज के अन्य समुदायों में भय पैदा करने के लिए अराजकता फैलाना चाहते हैं।
अब भी नहीं सुधर रहे मणिपुर के हालात
केंद्र सरकार ने शांति बहाली को 16 आईपीएस अधिकारी भेजे
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
इंफाल। मणिपुर सरकार ने राज्य में बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों के बीच एक बड़े फेरबदल में दो जिलों के पुलिस अधीक्षकों (एसपी) सहित 14 पुलिस अधिकारियों का तबादला कर दिया था। अब केंद्र सरकार ने 2024 बैच के रिकॉर्ड 16 आईपीएस अधिकारियों को राज्य में प्रतिनियुक्त किया है – जो एक साल में मणिपुर में आईपीएस अधिकारियों की अब तक की सबसे अधिक पोस्टिंग है।
इस अभूतपूर्व तैनाती ने हिंसा प्रभावित क्षेत्र में कानून और व्यवस्था बहाल करने में सरकार की गंभीरता को उजागर किया। आदेश के अनुसार, जिरीबाम एसपी शेख मोहम्मद जाकिर को काकचिंग जिले का एसपी नियुक्त किया गया है, जबकि काकचिंग की पूर्व एसपी प्रियदर्शिनी लैशराम अब जिरीबाम की एसपी का कार्यभार संभालेंगी। इसके अतिरिक्त, गौरव डोगरा, जो पहले याइरीपोक के उप-विभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) के रूप में कार्यरत थे, को सिंगजामेई का एसडीपीओ नियुक्त किया गया है।
अधिकारियों ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य मणिपुर में प्रशासनिक तंत्र को मजबूत करना और जमीनी स्तर पर पुलिसिंग और खुफिया समन्वय में सुधार करना है, जहां हाल के महीनों में लंबे समय तक अशांति रही है। यह तबादले ऐसे समय में हुए हैं जब मणिपुर जातीय अशांति, उग्रवाद और उग्रवादी संगठनों से जुड़ी जबरन वसूली के बढ़ते मामलों से जूझ रहा है। राज्य में सुरक्षा बलों और विद्रोही समूहों के बीच अक्सर झड़पें होती रहती हैं, जिसके कारण कानून प्रवर्तन कर्मियों की अधिक रणनीतिक तैनाती की आवश्यकता होती है। वरिष्ठ अधिकारियों के फेरबदल को सरकार द्वारा प्रशासनिक दक्षता को मजबूत करने और संवेदनशील जिलों में सुरक्षा कड़ी करने के व्यापक प्रयासों के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है।
वक्फ बिल के विरोध में राज्य में जगह-जगह प्रदर्शन
एक अलग घटनाक्रम में, मणिपुर में इंफाल के कई इलाकों में हजारों मुस्लिम प्रदर्शनकारियों ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ रैलियां निकालीं और इस कानून को तत्काल निरस्त करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने इंफाल के मंत्रिपुखरी और हट्टा गोलापति में प्रदर्शन किया तथा इस अधिनियम को लागू करने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने संशोधित वक्फ कानून की निंदा करते हुए नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों में से एक ने कहा, ‘‘हम इस कानून की सख्त निंदा करते हैं। हम चाहते हैं कि वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा की जाए। इस कानून को जल्द से जल्द निरस्त किया जाना चाहिए।’’