फर्रुखाबाद कांड पर गरमाई सियासत

नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी बोले- भाजपा सरकार में न्याय की उम्मीद एक गुनाह

  • न्याय हर पीडि़त परिवार का हक
  • बोले- सुरक्षा भारत की हर बेटी का अधिकार
  • अखिलेश और प्रियंका गांधी ने भी उठाए सरकार पर सवाल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में दो युवतियों की हत्या को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी सरकार में न्याय की उम्मीद करना भी गुनाह है। राहुल ने कहा कि फर्रुखाबाद में हुई घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, पीडि़त परिवार के साथ प्रशासन का ऐसा रवैया किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आगे कहा कि आखिर यह सब कब तक सहन किया जा सकता है? एक समाज के रूप में हमारे सामने ये बहुत बड़ा सवाल है। उन्होंने आगे कहा कि सुरक्षा भारत की हर बेटी का अधिकार है और न्याय हर पीडि़त परिवार का हक है। दरअसल, 27 अगस्त को यूपी के फर्रूखाबाद जिले के कायमगंज इलाके में दलित समाज की 2 युवतियों के शव पेड़ से लटके मिले थे। जहां दोनों सहेलियां जन्माष्टमी पर्व के अवसर पर कार्यक्रम देखने निकली थीं, मगर घर वापस नहीं पहुंचीं। जब परिजनों ने तलाश की तो उन दोनों बच्चियों के शव एक ही दुपट्टे से लटकते हुए मिले थे। वहीं, इनमें से एक युवती के पिता ने अपनी बेटी की हत्या की आशंका जताई है। फर्रूखाबाद जिले की पुलिस ने रेप और हत्या की आशंका से साफ इनकार किया है। पुलिस इस मामले को सुसाइड से जोडक़र देख रही है। इस मामले पर यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार में दलितों और पिछड़ों के ऊपर अत्याचार हो रहा है।

प्रियंका गांधी ने भी घटना पर उठाए सवाल

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा। प्रियंका ने सवाल किया कि क्या अब दलित, पिछड़े, वंचित, गरीब, महिलाएं, या जो भी कमजोर हैं, वे न्याय की आशा छोड़ दें। प्रियंका गांधी ने लड़कियों के पिता का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करते हुए पोस्ट किया कि इतनी भयावह घटना के बाद एक पिता को ये सवाल क्यों उठाने पड़ रहे हैं? क्या एक पीडि़त पिता का ये भी हक नहीं कि उसे अपनी बेटी के साथ हुए सुलूक का सच पता चल सके? आखिर प्रशासन बच्चियों के शवों को जलाने की जल्दबाजी क्यों दिखा रहा है?

अंतिम संस्कार का लक्ष्य सबूत मिटाना : अखिलेश यादव

वहीं समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने इस मामले का एक वीडियो शेयर करते हुए मौजूदा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। वीडियो में एक व्यक्ति पुलिस की जांच पर सवाल उठा रहा है, जिसमें कहा गया था कि यह पहली नजर में आत्महत्या का मामला नजर आता है। वह व्यक्ति कहता है कि शरीर पर चोट के निशान हैं और कांटे चूभे हुए हैं। बेल के कांटे आप जानते हैं कितने बड़े होते हैं। हमें शव देखने नहीं दिया। हम कुछ भी मांग नहीं कर रहे हैं, हम ये कह रहे हैं कि जो मामला है उसमें आपने ये पता लगा लिया कि इन्होंने अपने आप फांसी लगाई है। जो चोट के निशान थे तो आपकी रिपोर्ट में कुछ भी नहीं आया। ये जांच सारी फर्जी है। इस वीडियो को शेयर करते हुए अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया के जरिए लिखा कि आनन-फानन में किए गए अंतिम संस्कार का लक्ष्य क्या सबूत मिटाना है? ये प्रश्न हाथरस से लेकर फर्रूखाबाद तक भाजपा के कुशासन का पीछा नहीं छोड़ेगा। जाहिर है कि एक ओर सरकार की तरफ से प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था का दावा किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर प्रदेश में आये दिन हो रही आपराधिक घटनाएं व हत्याएं सरकार के ऐसे दावों की पोल खोलती हैं। यही कारण है कि विपक्ष लगातार सरकार को घेर रहा है और प्रदेश में जंगलराज होने की बात दोहरा रहा है।

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