यूपी उपचुनाव में अखिलेश यादव ने कांग्रेस के सामने रखी ये शर्त  

उत्तर- प्रदेश में उपचुनाव को लेकर राजनीति गरमाई हुई है। ऐसे में तमाम राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे पर तंज कसने में लगी हुई हैं...

4PM न्यूज नेटवर्क: उत्तर- प्रदेश में उपचुनाव को लेकर राजनीति गरमाई हुई है। ऐसे में तमाम राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे पर तंज कसने में लगी हुई हैं। वहीं इस बीच खबर सामने आ रही है कि यूपी में 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव इंडिया गठबंधन साथ मिलकर चुनाव लड़ेगा या दोनों के रास्ते अलग हो जाएंगे! इसे लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। हालांकि दोनों दल अभी साथ मिलकर ही चुनाव लड़ने का दावा कर रहे है लेकिन हकीकत ये है दोनों के बीच सीट बंटवारे को लेकर बात फंसी हुई है।

दरअसल, यूपी में कांग्रेस 10 में से 5 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। सूत्रों का दावा है कि प्रदेश अध्यक्ष अजय राय का कहना है कि उन्होंने अपनी डिमांड शीर्ष नेतृत्व के सामने रख दी है। लेकिन अंतिम फैसला नेतृत्व को ही लेना है। वहीं कांग्रेस के दावे पर सपा में भी चर्चा की गई, सपा के मुताबिक जिन सीटों पर कांग्रेस ने दावेदारी की है उनमें से अधिकतर वो सीटें है जहां 2022 के चुनाव में कांग्रेस को दस हजार से भी कम वोट मिले थे।

उत्तर- प्रदेश में उपचुनाव को लेकर फंसा पेंच

वहीं विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने गाजियाबाद सीट पर सबसे अच्छा प्रदर्शन किया था। ऐसे में चर्चा है कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव साफ कह चुके हैं कि अगर कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र और हरियाणा में सपा को प्रतिनिधित्व देती है तो ही यूपी में कांग्रेस के साथ गठबंधन होगा।

इसके साथ सपा पार्टी ने हरियाणा चुनाव को लेकर स्थानीय पदाधिकारियों के साथ बातचीत की है। जिसमें ये बात निकलकर सामने आई है कि हरियाणा में 18 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम और यादव वोटर्स हैं। सपा यहां 5 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। पार्टी ने इस मामले  में कांग्रेस आलाकमान को भी बता दिया है। इसके साथ ही सपा महाराष्ट्र में भी भागेदारी चाहती है।

सूत्रों के मुताबिक सपा का मानना है कि अगर कांग्रेस सपा के साथ महाराष्ट्र और हरियाणा में गठबंधन करेगी तो ही वह यूपी में कांग्रेस को साथ लेकर चलने को तैयार है। लोकसभा चुनाव में सपा भले ही देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है लेकिन, राष्ट्रीय दल का सिंबल नहीं मिल पाया है। इसके लिए सपा को दूसरे राज्यों में चुनाव लड़कर अपना वोट प्रतिशत बढ़ाना है ताकि वह दूसरे राज्यों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा सके।

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  • वहीं भाजपा की सहयोगी निषाद पार्टी ने सभी सीटों के लिए अपने प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं।
  • निषाद पार्टी ने कार्यकर्ताओं को उपचुनाव की तैयारी करने के निर्देश दिए हैं।
  • निषाद पार्टी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में 15 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें से 11 पर जीत दर्ज की थी।
  • 10 सीटों पर निषाद पार्टी ने और पांच सीटों पर भाजपा ने अपने सिंबल पर प्रत्याशी उतारे थे।

 

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