फैसले ले रही थी प्रियंका, गाज गिरी लल्लू पर
लखनऊ। विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की रणनीति और कार्यक्रमों के बारे में सभी अहम फैसले प्रियंका गांधी की टीम ले रही थी, पर हार का ठीकरा सबसे पहले प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू पर फूटा। उन्होंने दिल्ली में चल रही समीक्षा बैठक के दौरान ही पद से त्यागपत्र दे दिया। भाजपा और सपा के बीच वोटों के धु्रवीकरण को कांग्रेस की हार का कारण माना गया। साथ ही वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में अभी से जुटने का आह्वान किया। दिल्ली में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की मौजूदगी में यूपी चुनाव में हार के कारणों की समीक्षा की गई। तीन घंटे चली बैठक में सभी प्रमुख नेताओं ने बारी-बारी से अपनी बात रखी। प्रदेश अध्यक्ष और उपाध्यक्षों के अलावा प्रमोद कृष्णम, राजीव शुक्ला, संजय कपूर, प्रदीप माथुर और प्रमोद तिवारी समेत कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया। प्रियंका ने कहा कि हार से हताश होने की जरूरत नहीं है। इससे सबक लेते हुए आगे बढ़ने की आवश्यकता है।
कांग्रेस के सभी प्रमुख नेताओं ने जो बातें रखीं, उसका लब्बोलुआब यही था कि यूपी में चुनाव मतदाता दो हिस्सों में बंटा। एक जो भाजपा को बचाना चाहते थे, और दूसरा वे जो भाजपा को हटाना चाहते थे। भाजपा को हटाने की इच्छा रखने वालों ने कांग्रेस के बजाय सपा को बेहतर विकल्प माना। कांग्रेस ने जनता के मुद्ïदों पर लगातार जुझारू ढंग से संघर्ष किया, लेकिन जनता का भरोसा जीतने में कहीं न कहीं कमी रह गई। लल्लू के त्यागपत्र के बाद प्रियंका ने उनके कार्यकाल में हुए संघर्षों और कामों की प्रशंसा भी की। वहीं, कांग्रेस के ही एक धड़े का कहना है कि विधानसभा चुनाव से काफी पहले से ही प्रदेश कांग्रेस के सभी निर्णय प्रियंका गांधी की टीम ही ले रही थी। इसमें उनके भरोसेमंद नेता और स्टाफ के लोग शामिल थे।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अधिकतर पदाधिकारियों की भूमिका काफी सीमित कर दी गई थी। उनसे कार्यक्रमों में भीड़ जुटाने तक के लिए नहीं कहा जाता था। यह काम भी पेड ईवेंट मैनेजमेंट कंपनियों से कराया जा रहा था, जिसके बारे में सभी निर्णय प्रियंका टीम ही ले रही थी। इस धड़े का मानना है कि लल्लू का प्रदेश में पर्याप्त जातिगत आधार न होने का कारण वे चुनावी परिणाम के लिहाज से बेहतर अध्यक्ष साबित नहीं हुए, लेकिन कार्रवाई उन पर भी होनी चाहिए, जिन्होंने चुनाव से पहले टिकट वितरण से लेकर कार्यक्रम आयोजित करने के बाबत अहम निर्णय लिए। खुले मन से यह विचार हो कि तमाम दावों के बावजूद ग्राम पंचायत और न्याय पंचायत स्तर पर कांग्रेस संगठन प्रभावी क्यों साबित नहीं हुए। जबकि इनको लेकर बड़े-बड़े दावे किए जा रहे थे। जो ये झूठे दावे कर रहे थे, उन्हें भी कार्रवाई के दायरे में लाया जाना चाहिए।
कांग्रेस में नहीं थम रहा आरोप-प्रत्यारोप का दौर
कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब यूपी कांग्रेस के मीडिया संयोजक लल्लन कुमार ने पार्टी के इलेक्ट्रॉनिक एवं उर्दू मीडिया विभाग के संयोजक जीशान हैदर को अन्य लोगों के एजेंट के तौर पर काम करने का आरोप लगाया है। लल्लन ने कहा कि जीशान हैदर का शीर्ष नेतृत्व पर आरोप लगाना गलत है। ये वही हैं, जिन्हें अपनी जिम्मेदारी का अहसास नहीं था। एजेंट की तरह ये पार्टी के अंदर काम कर रहे थे।