सुनील साजन, उदयवीर सिंह, हीरालाल फिर मैदान में
- डॉ. कफील भी बने एमएलसी प्रत्याशी, कई नए चेहरों पर दांव
लखनऊ। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के ऑक्सीजन कांड में घिरने वाले डॉ. कफील खान को सपा ने विधान परिषद का प्रत्याशी बनाया है। विधान परिषद स्थानीय निकाय प्राधिकारी क्षेत्र की 36 सीटों में से डॉ. कफील को देवरिया क्षेत्र से मैदान में उतारा गया है। ऑक्सीजन कांड के बाद से ही कफील बर्खास्त चल रहे हैं। विधान परिषद प्राधिकारी क्षेत्र के चुनाव में सपा ने कई नए चेहरों को उतारा है तो कई निवर्तमान एमएलसी ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। ऐसे इन सीटों पर नए दावेदार को उतारने की तैयारी है। जिन 36 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, उनमें से 33 सीट पर सपा का कब्जा रहा है। सात पार्टी छोड़कर भाजपा में जा चुके हैं। सपा ने विधान परिषद प्राधिकारी क्षेत्र के चुनाव में कई निवर्तमान एमएलसी को दोबारा मौका दिया है। इनमें फैजाबाद-अंबेडकर नगर से हीरालाल यादव, लखनऊ-उन्नाव से सुनील सिंह यादव साजन, मथुरा-एटा-कासगंज से उदयवीर सिंह, बस्ती-गोरखपुर से संतोष यादव सनी, बाराबंकी से राजेश यादव शामिल हैं। सपा के कई निवर्तमान एमएलसी इस बार चुनाव मैदान में नहीं दिखेंगे।
उन्होंने पार्टी शीर्ष नेतृत्व को अपनी इच्छा से वाकिफ करा दिया है। ऐसे में संबंधित सीट पर नए दावेदारों का मूल्यांकन शुरू कर दिया गया है। उम्मीद है कि इन सीटों पर बृहस्पतिवार तक उम्मीदवार तय कर लिए जाएंगे। सपा ने बलिया से समाजवादी युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद गिरी को मैदान में उतारा है। यहां से सपा के टिकट पर एमएलसी रहे रविशंकर सिंह पप्पू अब भाजपा में हैं। जौनपुर से डॉ. मनोज यादव, श्रावस्ती-बहराइच से अमर सिंह, आजमगढ़ से राकेश गुड्ïडू को मैदान में उतारा गया है। पार्टी की ओर से इन उम्मीदवारों की अधिकृत सूचना जारी नहीं की गई है, लेकिन दावेदारों ने बताया कि उन्हें शीर्ष नेतृत्व ने हरी झंडी दे दी है। वे सोशल मीडिया पर खुद के उम्मीदवार होने का प्रचार भी करने लगे हैं।
और मजबूत होगी यूपी की कानून व्यवस्था!
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में प्रचंड बहुमत के साथ जीत हासिल करते हुए भाजपा 37 सालों में पहली ऐसी पार्टी बन गई है जो लगातार दूसरी बार यूपी में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी। ऐसे में सबसे अहम मुद्दा कानून-व्यवस्था का रहा, जिसके बल पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोबारा जनता के दिलों में जगह बनाने में सफल रहे। जिस कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर भाजपा ने दोबारा पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का कीर्तिमान स्थापित किया है, उसे और मजबूत बनाने के लिए गृह विभाग विस्तृत कार्ययोजना पर मंथन कर रहा है। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी की अगुवाई में अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए अल्पकालिक, मध्यकालिक व दीर्घकालिक योजनाओं पर विचार किया गया।
विभिन्न अपराधों में दोषियों की सजा का प्रतिशत बढ़ाने के लिए और प्रयास किए जाएंगे। इसी कड़ी में गवाहों के बयानों की वीडियोग्राफी कराये जाने तथा उसे केस डायरी का हिस्सा बनाये जाने पर भी विचार किया जा रहा है। जल्द कार्ययोजना का प्रस्तुतिकरण मुख्य सचिव के समक्ष होगा। पुलिस के अलावा अन्य विभागों में भी कामकाज को और बेहतर किये जाने की कार्ययोजना बनाई जा रही है। अपर मुख्य सचिव, गृह की अध्यक्षता में कमांड सेंटर में हुई उच्च स्तरीय बैठक में प्रस्तावित योजना का तीन चरणों में क्रियान्वयन किये जाने पर विचार हुआ। अल्पकालिक योजना के तहत एक से दो वर्ष में, मध्यकालिक योजना के तहत दो से पांच वर्ष में तथा दीर्घकालिक योजना में पांच वर्ष से अधिक अवधि के लक्ष्यों का निर्धारण प्रस्तावित किया गया है। इसी आधार पर पुलिस विभाग की विभिन्न इकाइयों को योजनाबद्ध ढंग से और मजबूत बनाने की परिकल्पना है।
पुलिस विभाग के प्रारंभिक प्रस्ताव के सभी बिंदुओं पर विचार किये जाने के साथ ही उसके बजट को लेकर भी विमर्श हुआ। विशेषकर कंट्रोल कमांड सेंटर और अधिक सुदृढ़ व अत्याधुनिक संसाधनों से लैस किये जाने पर सहमति जताई गई। साथ ही सोशल मीडिया सेल को अधिक प्रभावी बनाया जायेगा। जिला स्तर पर भी सेल को मजबूत किया जायेगा। अभियोजन विभाग को भी और मजबूत किया जायेगा, जिससे अपराधियों को प्रभावी पैरवी कर कम समय में अधिकतम सजा दिलाई जा सके। साइबर अपराधों में तत्काल मुकदमा लिखे जाने व उनकी समयबद्ध विवेचना पर भी फोकस होगा।
बोर्ड परीक्षा में संवेदनशील जिलों में एसटीएफ रखेगी नजर : दुर्गा शंकर
लखनऊ। प्रदेश में बोर्ड की परीक्षाओ को नकल विहीन कराने के लिए मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने फुलप्रूफ खाका तैयार किया है। संगठित रूप से नकल कराने वालों पर रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी। संवेदनशील जिलों में एसटीएफ को निगरानी की जिम्मेदारी दी जाएगी और प्रश्नपत्रों की सुरक्षा के लिए सशस्त्र पुलिस बल लगाया जाएगा। सभी परीक्षा केन्द्रों के सभी कक्षों में सीसीटीवी कैमरे होंगे। कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी साफ्टवेयर के माध्यम से लगाई जाएगी। उत्तर प्रदेश बोर्ड परीक्षा के लिए मुख्य सचिव ने वीसी कर अफसरों की जिम्मेदारियां तय कीं। मुख्य सचिव ने कहा कि जिला प्रशासन प्रश्न पत्रों के पहुंचने से पहले ही प्रश्न पत्रों की सुरक्षा के लिए उसे जिला मुख्यालय में पुलिस कस्टडी में रखा जाए। परीक्षा केन्द्रों पर प्रश्न पत्रों का वितरण जिलाधिकारी की ओर से नामित अधिकारी की निगरानी में जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा पुलिस अभिरक्षा में कराया जाएगा।
उन्होंने जिलों को अफसरों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि सभी परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षा की अवधि में पर्याप्त संख्या में सशस्त्र पुलिस बल उपलब्ध रहे। नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए जिलों में जोनल और सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात किए जाएं। उन्होंने कहा अफवाह फैलाने वालों पर नजर रखी जाए और ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जाए। मुख्य सचिव ने परीक्षा अवधि में निर्बाध विद्युत आपूर्ति के निर्देश भी दिए हैं। साथ ही स्वास्थ्य विभाग, परिवहन विभाग, नगर विकास विभाग, पचायती राज विभाग के अधिकारियों से कहा है कि वे परीक्षा केन्द्रोंं पर आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराएं जिससे परीक्षार्थियों को परेशानी न हो। जिलों के अफसरों से कहा गया है कि वे शत प्रतिशत परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण कर लें और यह सुनिश्चित कर लें कि वहां आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध हों।