नेपाल में पत्रकार की मौत पर विरोध प्रदर्शन, मीडिया समुदाय में आक्रोश की लहर, 100 से ज्यादा गिरफ्तार

4PM न्यूज़ नेटवर्क: नेपाल में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। इस बीच नेपाल पत्रकार सुरेश रजक की मौत के बाद शनिवार को नेपाल के मीडिया समुदाय में आक्रोश की लहर दौड़ गई। सूत्रों के मुताबिक काठमांडू के टिंकुने इलाके में राजशाही समर्थक हिंसक प्रदर्शन के दौरान रजक को जिंदा जला दिया गया। इसे लेकर नेपाल में हिंसा का व्यापक दौर जारी है। नेपाल की पुलिस ने हिंसक प्रदर्शन के दौरान मकानों को जलाने और वाहनों में तोड़फोड़ करने के आरोप में 105 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है।
सड़क पर सेना उतारने के बावजूद प्रदर्शनकारी उग्र हो गए हैं। अब तक पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में 2 लोगों की मौत हो गई है। इसके बाद 100 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी की गई है। ऐसे में यह देखते हुए नेपाल के प्राधिकारियों ने काठमांडू के पूर्वी हिस्से में सुरक्षाकर्मियों और राजशाही समर्थक प्रदर्शनकारियों के बीच हुई हिंसक झड़पों के बाद लगाया गया, कर्फ्यू क्षेत्र में तनाव कम होने के बाद शनिवार को हटा दिया।
नेपाल में हिंसा का व्यापक दौर जारी
इस घटना के बाद नेपाल के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए और पत्रकारों ने मैतीघर मंडल में एकत्रित होकर न्याय और जवाबदेही की मांग की। आपको बता दें कि कांतिपुर टेलीविजन के पत्रकार रामकृष्ण भंडारी ने घटनास्थल पर की गई हिंसा के बारे में बताया, वे कह रहे थे कि हम मीडिया पर भी हमला करेंगे, हम आग लगा देंगे, हम आपको नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने आगे कहा कि कैसे प्रदर्शनकारियों ने मीडिया कर्मियों को निशाना बनाया, संपत्ति को आग लगा दी और स्थिति को और अधिक तनावपूर्ण बना दिया, जिसके परिणामस्वरूप रजक की मौत हुई।
पुलिस ने 100 लोगों को हिंसा भड़काने के आरोप में किया गिरफ्तार
इस बीच, काठमांडू के बनेश्वर-टिंकुने क्षेत्र और आसपास के इलाकों में स्थिति के शांत होने के बाद कर्फ्यू हटा लिया गया। कर्फ्यू हटने से पहले, पुलिस ने 100 लोगों को हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया, जिनमें राजशाही समर्थक प्रदर्शनों के शीर्ष नेता शामिल थे। गिरफ्तार किए गए नेताओं में राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रवींद्र मिश्रा, महासचिव धवल सुमशेर राणा, स्वागत नेपाल, शेफर्ड लिम्बू और संतोष तमांग जैसे लोग शामिल हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने नेपाल में समाप्त राजतंत्र की बहाली की मांग कर रहे थे। इसके बाद स्थिति और तनावपूर्ण हो गई, जब प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की। इतना ही नहीं पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और बाद में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए गोलियां भी चलाईं। ऐसे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हुई फुटेज में प्रदर्शनकारियों को पुलिस के हथियारों को जब्त करते और हिंसक हमले करते हुए दिखाया गया। इन घटनाओं के बाद नेपाल में तनाव बढ़ गया है और इसे नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
नेपाल के गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने काठमांडू पोस्ट को बताया, शुक्रवार की आगजनी, बर्बरता और हत्याओं के कारण राजतंत्रवादियों के प्रति लोगों की सहानुभूति और समर्थन में काफी कमी आई है। बीते दिन इस हिंसा के बाद हम विभिन्न हिंदू समर्थक और राजतंत्र समर्थक समूहों के बीच गहरे मतभेद की उम्मीद करते हैं। लेकिन, अब से हम उनकी गतिविधियों को रोकने के लिए सभी आवश्यक उपाय करेंगे।
महत्वपूर्ण बिंदु
- विरोध प्रदर्शनों के कारण त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय विमानस्थल को सुरक्षा कारणों से अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।
- इस कारण से यहां से उड़ान भरने और और लैंडिंग करने वाली सभी उड़ानों को रोक दिया गया है।
- इन घटनाओं के बाद नेपाल में तनाव बढ़ गया है और इसे नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।