राहुल गांधी का लोकसभा में हमला, कहा- सरकार के पास लड़ने की इच्छाशक्ति नहीं है

राहुल गांधी ने कहा, मैं अपनी बात पहलगाम आतंकी हमले से शुरू करता हूं. ये बर्बर हमला था. निर्ममता से लोगों को मारा गया.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा में हिस्सा लिया. उन्होंने कहा, ऑपरेशन सिंदूर पर रक्षा मंत्री का भाषण सुन रहा था.

उन्होंने टाइम बताते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर 22 मिनट में पूरा हुआ. इसके बाद हमने पाकिस्तान को सूचना दी कि हमने असैन्य ठिकानों को हिट किया है. क्या ये रक्षा मंत्री के शब्द होने चाहिए. ये कैसी इच्छाशक्ति है. इस सरकार के पास लड़ने की इच्छा शक्ति नहीं थी.

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा में हिस्सा लिया. उन्होंने सेना के शौर्य की तारीफ करने के साथ ही सरकार पर हमला भी बोला. राहुल गांधी ने कहा, मैं अपनी बात पहलगाम आतंकी हमले से शुरू करता हूं. ये बर्बर हमला था. निर्ममता से लोगों को मारा गया. इसे लेकर सभी ने पाकिस्तान की निंदा की. सभी दलों ने तय कि हम चट्टान की तरह सरकार और सेना के साथ खड़े रहेंगे. हमें गर्व है कि हम चट्टान की तरह साथ खड़े रहे.

राहुल गांधी ने कहा, पहलगाम के बाद मैं करनाल में नरवाल जी के घर गया. उनके बेटे नेवी में थे. मुझे ऐसा लगा कि मैं अपने परिवार के साथ बैठा हूं. उन्होंने मुझे परिवार के बारे में झे बताया. उनसे दो घंटे बात हुई, बहन ने कहा कि मैं दरवाजे की तरफ देखती हूं लेकिन मेरा भाई अब कभी नहीं आएगा.

टाइगर को फ्रीडम देनी होती है
राहुल ने कहा, उसके बाद यूपी में दूसरे परिवार से मिला. हर देशवासी को दुख होता है, जो हुआ गलत हुआ. हम पूरे देश में जाते हैं, लोगों से मिलते हैं. जब भी मैं सेना के किसी व्यक्ति से मिलता हूं और हाथ मिलाता हूं मुझे पता लग जाता है कि ये सेना का आदमी है. टाइगर को फ्रीडम देनी होती है, उसे बांध नहीं सकते हो.

राहुल गांधी ने कहा, जनरल सैम मानेकशॉ ने इंदिरा गांधी से कहा था, मैं गर्मी में ऑपरेशन नहीं कर सकता. इस पर इंदिरा गांधी ने उनसे कहा कि आपको जितना समय चाहिए लीजिए. आपको फ्रीडम ऑफ एक्शन होना चाहिए. एक लाख पाकिस्तानी सैनिकों ने सरेंडर किया था और एक नया देश बना था.

राहुल गांधी ने कहा, ऑपरेशन सिंदूर पर रक्षा मंत्री का भाषण सुन रहा था. उन्होंने टाइम बताते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर 22 मिनट में पूरा हुआ. इसके बाद हमने पाकिस्तान को सूचना दी कि हमने असैन्य ठिकानों को हिट किया है. क्या ये रक्षा मंत्री के शब्द होने चाहिए. कल्पना कीजिए, दो लोगों के बीच लड़ाई हो रही है. इसमें एक आदमी दूसरे को घूसा मारता है फिर कहता है अब इसे आगे नहीं बढ़ाएंगे. ये कैसी इच्छाशक्ति है. इस सरकार के पास लड़ने की इच्छा शक्ति नहीं थी. पाकिस्तान को डायरेक्ट जानकारी क्यों दी?

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