राहुल गांधी का बड़ा निर्देश, वोट चोरी रोकने के लिए करें मेहनत
राहुल गांधी ने गुजरात लॉबी पर बड़ा हमला बोला है... उन्होंने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे पूरी ताक़त से वोट चोरी रोकने का काम करें...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हाल ही में गुजरात में पार्टी के जिला अध्यक्षों और कार्यकर्ताओं के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की….. यह बैठक 7-8 मार्च 2025 को अहमदाबाद में आयोजित की गई थी….. जिसमें राहुल गांधी ने करीब चार घंटे तक कार्यकर्ताओं से संवाद किया… इस दौरान उन्होंने न केवल संगठन को मजबूत करने की रणनीति पर चर्चा की… बल्कि गुजरात की राजनीतिक और सामाजिक स्थिति पर भी गहरी बातचीत की… राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं को “दिल जीतेंगे तो चुनाव जीतेंगे” का मंत्र दिया.. और साथ ही “वोट चोरों” से सावधान रहने की चेतावनी दी.. इस बैठक का मुख्य उद्देश्य 2027 के गुजरात विधानसभा चुनावों की तैयारी.. और संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करना था…
आपको बता दें कि गुजरात में कांग्रेस पिछले तीन दशकों से सत्ता से बाहर है.. 1995 के बाद से भारतीय जनता पार्टी ने गुजरात में अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखी है… नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गुजरात को विकास के मॉडल के रूप में पेश किया गया.. जिसके आधार पर भाजपा ने 2014 में केंद्र की सत्ता हासिल की.. हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने गुजरात में एक सीट जीतकर दस साल बाद अपनी उपस्थिति दर्ज की… इसके अलावा, कांग्रेस ने 99 सीटों पर बढ़त हासिल की… और सहयोगी दलों के साथ यह आंकड़ा 101 तक पहुंच गया…
वहीं इस पृष्ठभूमि में राहुल गांधी का गुजरात दौरा और कार्यकर्ताओं के साथ संवाद विशेष महत्व रखता है.. यह दौरा न केवल पार्टी को मजबूत करने की दिशा में एक कदम है.. बल्कि 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए एक रणनीतिक शुरुआत भी है.. राहुल गांधी ने इस दौरान गुजरात में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक अन्याय के मुद्दों को उठाया.. और कार्यकर्ताओं को जमीनी स्तर पर लोगों से जुड़ने का निर्देश दिया..
राहुल गांधी ने अहमदाबाद में आयोजित इस चार घंटे की बैठक में कार्यकर्ताओं को स्पष्ट संदेश दिया… कि चुनाव जीतने की चिंता छोड़कर पहले लोगों के दिल जीतने पर ध्यान देना होगा… उन्होंने कहा कि दिल जीतेंगे तो चुनाव जीतेंगे.. पहले लोगों के दिलों को जीतो, लोगों से जुड़ो.. जितना लोगों के दिल जीतेंगे, उतना ही कनेक्शन मजबूत होगा.. और बाकी सब अपने आप हो जाएगा.. यह संदेश कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए एक नई दिशा और प्रेरणा का काम करता है…
राहुल गांधी का यह बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि कांग्रेस अब केवल चुनावी रणनीति पर निर्भर नहीं रहेगी… बल्कि सामाजिक और भावनात्मक स्तर पर लोगों से जुड़ने की कोशिश करेगी.. और उन्होंने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे स्थानीय मुद्दों को समझें.. लोगों की समस्याओं को सुनें, और उनके साथ एक मजबूत रिश्ता बनाएं.. यह रणनीति खासकर गुजरात जैसे राज्य में महत्वपूर्ण है.. जहां भाजपा का संगठनात्मक ढांचा बहुत मजबूत है..
राहुल गांधी ने बैठक में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक अन्याय के मुद्दों पर विस्तार से बात की.. और उन्होंने गुजरात में मौजूदा सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि पिछले 30 सालों में भाजपा की सरकार ने नए बांध या झीलें नहीं बनाईं.. जिसके कारण जल संकट गहरा गया है.. इसके अलावा, उन्होंने युवा बेरोजगारी और अनुबंध आधारित भर्तियों की समस्या को भी उठाया.. राहुल ने कहा कि स्थायी नौकरियों के बजाय अनुबंध आधारित भर्तियां हो रही हैं.. जिससे युवाओं का भविष्य असुरक्षित हो रहा है..
बता दें कि राहुल गांधी ने सामाजिक अन्याय के मुद्दे पर जोर देते हुए कहा कि समाज के विभिन्न वर्गों, खासकर दलित, ओबीसी, और अल्पसंख्यकों को समान अवसर नहीं मिल रहे हैं.. और उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे इन वर्गों के बीच जाकर उनकी समस्याओं को समझें और उनके हक की लड़ाई लड़ें.. राहुल ने यह भी उल्लेख किया कि कांग्रेस को अपनी नीतियों में समावेशिता को और बढ़ाना होगा ताकि हर वर्ग का भरोसा जीता जा सके..
आर्थिक अन्याय के संदर्भ में राहुल गांधी ने गुजरात में औद्योगिक नीतियों की आलोचना की.. और उन्होंने कहा कि गुजरात को विकास का मॉडल बताया जाता है.. लेकिन हकीकत में आम लोग इस विकास का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं.. बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने वाली नीतियों के कारण छोटे व्यापारी और मजदूर वर्ग पीछे छूट रहा है.. उन्होंने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे स्थानीय व्यापारियों.. और श्रमिकों के साथ संवाद करें और उनकी समस्याओं को राष्ट्रीय स्तर पर उठाएं..
वहीं राजनीतिक अन्याय के मुद्दे पर राहुल गांधी ने सबसे तीखा हमला बोला.. और उन्होंने “वोट चोरी” के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि कुछ ताकतें लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश कर रही हैं.. और उन्होंने कार्यकर्ताओं को “वोट चोरों” से सावधान रहने की चेतावनी दी और कहा कि मतदाता सूची में हेरफेर.. और चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी जैसे मुद्दों पर नजर रखनी होगी.. राहुल ने हाल ही में गुजरात की कुछ गुमनाम राजनीतिक पार्टियों को 4300 करोड़ रुपये के चंदे मिलने का मुद्दा भी उठाया.. और चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल खड़े किए..
राहुल गांधी ने अपनी “वोटर अधिकार यात्रा” के दौरान भी वोट चोरी के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था.. गुजरात में कार्यकर्ताओं के साथ संवाद में उन्होंने इस मुद्दे को फिर से दोहराया.. और उन्होंने कहा कि कुछ गुमनाम पार्टियों को भारी मात्रा में चंदा मिल रहा है.. लेकिन उनकी चुनावी गतिविधियां संदिग्ध हैं.. राहुल ने सवाल उठाया कि क्या चुनाव आयोग इसकी जांच करेगा या फिर डेटा छिपाने के लिए कानून बदल देगा..
और उन्होंने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे मतदाता सूची की जांच करें.. बूथ स्तर पर सक्रिय रहें… और किसी भी तरह की गड़बड़ी को तुरंत पार्टी नेतृत्व तक पहुंचाएं.. यह चेतावनी गुजरात में हाल के स्थानीय निकाय चुनावों में कांग्रेस की हार के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण है.. जहां पार्टी केवल एक नगरपालिका में जीत हासिल कर पाई थी…
आपको बता दें कि राहुल गांधी ने गुजरात में कांग्रेस के संगठन में बदलाव की जरूरत पर भी जोर दिया.. उन्होंने कहा कि संगठन में कुछ ऐसे नेता हैं जो अंदरखाने भाजपा की मदद करते हैं.. और उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा… इस बयान से साफ है कि राहुल गांधी गुजरात में पार्टी को पूरी तरह से एकजुट और सक्रिय करना चाहते हैं… कांग्रेस ने गुजरात में एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है.. जिसके तहत संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत किया जाएगा.. इस प्रोजेक्ट की औपचारिक शुरुआत अप्रैल 2025 में अरावली जिले के मोदासा शहर में राहुल गांधी द्वारा की गई थी.. यह प्रोजेक्ट अन्य राज्यों में भी संगठनात्मक सुधारों के लिए एक मॉडल के रूप में देखा जा रहा है…
बैठक में राहुल गांधी ने यह भी संकेत दिया कि जल्द ही गुजरात कांग्रेस के लिए नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा की जाएगी.. यह निर्णय हाल ही में हुए उपचुनावों में हार और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के इस्तीफे के बाद लिया गया है.. नए नेतृत्व का चयन सामाजिक और राजनीतिक समीकरणों को ध्यान में रखकर किया जाएगा.. बता दें कि राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए कई प्रेरक बातें कहीं.. उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता पार्टी की रीढ़ हैं और उनकी मेहनत ही पार्टी को सत्ता में ला सकती है.. उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे न केवल स्थानीय मुद्दों को उठाएं, बल्कि राष्ट्रीय मुद्दों जैसे बेरोजगारी, महंगाई, और सामाजिक न्याय को भी अपने अभियान का हिस्सा बनाएं..
वहीं उन्होंने कार्यकर्ताओं को बूथ स्तर पर सक्रिय रहने और हर गांव, हर मोहल्ले में लोगों से मिलने का निर्देश दिया.. राहुल ने यह भी कहा कि कार्यकर्ताओं को डरने की जरूरत नहीं है.. क्योंकि “सच्चाई और जनता की ताकत” उनके साथ है… आपको बता दें कि गुजरात में कांग्रेस के सामने कई चुनौतियां हैं… पहली और सबसे बड़ी चुनौती है भाजपा का मजबूत संगठनात्मक ढांचा.. इसके अलावा आम आदमी पार्टी के उभरने से कांग्रेस को नुकसान हुआ है.. जैसा कि पिछले विधानसभा चुनाव में देखा गया था.. राहुल गांधी ने इस बात पर भी चर्चा की कि गठबंधन की संभावनाओं को तलाशा जाए.. लेकिन पार्टी को अपनी स्वतंत्र पहचान बनाए रखनी होगी..
दूसरी चुनौती है सामाजिक समीकरणों को संतुलित करना.. राहुल गांधी ने स्वीकार किया कि कांग्रेस ने अतीत में दलित, मुस्लिम, और ब्राह्मण समुदायों पर ज्यादा ध्यान दिया.. जिसके कारण ओबीसी समुदाय का समर्थन कम हुआ.. अब पार्टी की कोशिश है कि सभी वर्गों को साथ लेकर चला जाए.. बता दें कि राहुल गांधी ने गुजरात में कांग्रेस की भविष्य की रणनीति पर भी प्रकाश डाला… और उन्होंने ने पार्टी कार्यकर्ताओं को तमाम दिशा में काम करने का निर्देश दिया…. जिसमें जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करना… युवाओं और महिलाओं को जोड़ना… सामाजिक न्याय का एजेंडा इसके तहत दलित, ओबीसी, और अल्पसंख्यक समुदायों के लिए नीतियां बनाना और उनके हक की लड़ाई लड़ना… और चुनावी प्रक्रिया पर नजर… वोट चोरी और मतदाता सूची में गड़बड़ी जैसे मुद्दों पर सतर्क रहना शामिल है…



